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गुरुवार, 31 अगस्त 2017

अंतिम बार 8 अगस्त को ही फ़ेसबुक पर दिखें थे अमित कुमार और 8 के दोपहर हुई घोटाले का मामला पर्दाफास ।

Gosaingaonsamachar
देश के सबसे बड़े कॉपरेटिव बैंक सृजन के फर्जीवार्ड के मुख्य अभियुक्त अमित कुमार मामले के भंडाफोड़ के दिन सुबह तक सुप्रभात और एक प्रवचन पोस्ट करके फ़ेसबुक चलाना बंद किये हैं ।


 जानकारी के अनुसार  मनोरमा देवी के बाद सृजन संस्था की सचिव प्रिया कुमार व उसके पति अमित कुमार अपने पुत्र के साथ पूर्णिमा के दिन यानी 7 अगस्त को ही रांची के लिए रवाना हो गए थे.
वही 8 अगस्त की सुबह फ़ेसबुक के अपनें वाल पर सुप्रभात एवं एक प्रवचन मैसेज पोस्ट करके पोस्ट करना बंद कर दिया हैं ।

वही अमित कुमार की पत्नी रजनी प्रिया उर्फ रजनी प्रिया की वाल भी 8 अगस्त से सूखा पड़ा हैं ।
वही मिली जानकारी के अनुसार भागलपुर के न्यू विक्रमशिला कॉलोनी से
इनको लेने रांची से सफेद रंग की बिना नंबर वाली इनोवा गाड़ी छह अगस्त की रात करीब 2.30 बजे आई थी. और सुबह पांच बजे दोनों यहां से सपरिवार निकल लिए. इनदोनों के जाते ही अगले दिन यानी 8 अगस्त को सृजन घोटाला का पर्दाफास हुआ था. सवाल यह सामने आ रहा है कि आखिर इसकी भनक इनको कैसे लगी.
जाहिर सी बात है कि प्रसासन के द्वारा या बैंक के अधिकारियों द्वारा इन्हें घोटाले की जानकारी दे दी गयी . जिससे वे रातोरात अपने जरूरी सामान को लेते हुए सपरिवार भागलपुर से रांची के लिए रवाना हुए. इनकी जानकारी अमित ने अपने ड्राइवर तक को नही दिया . जाते वक्त सीसीटीवी कैमरे के कनेक्शन को भी काट कर गए. यहाँ तक कि पड़ोसी तक को भनक नही हुई. जिस दिन दोनों ने भागलपुर छोड़ा उस दिन रक्षाबंधन था. आसपास के लोगों ने समझा कि प्रिया अपने भाई को राखी बांधने गई है. लेकिन यहाँ तो कुछ और ही मामला था.


अगले ही सुबह सृजन घोटाला उजागर हो गया. अमित ने यह महसूस किया कि अब परेशानी बढ़ गई है. इसके बाद से उसका मोबाइल स्वीच ऑफ हो गया. कहा जा रहा है कि पुलिस ने जब अमित के घर में छापेमारी की तो बहुत ज्यादा सफलता हाथ नहीं लगी. अमित यह भाप चुका था कि अगर वह अपनी गाड़ी से रांची जाएगा तो उसके रहने का ठिकाना लोगों को हो जाएगा. इसलिए अमित ने अपनी गाड़ी व चालक का इस्तेमाल नहीं कर रांची से गाड़ी मंगा ली. अंदर से अमित भयभीत भी था. इस कारण उसने अपने चालक तक को इसकी भनक तक नहीं लगने दी. अमित और प्रिया ने बड़ी चालाकी भागलपुर को रातोंरात अलविदा कह दिया. यही कारण है कि मास्टर माइंड होते हुए भी ये लोग पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं.

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