नवगछिया अनुमंडल के खरीक में स्थित खादी नगरी मिर्जापुरी में तैयार है खादी से बने एक से एक कपड़े, लोग काफी ले रहे दिलचस्पी
भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल स्थित खरीक प्रखंड के मिरजाफरी गांव में स्थित खादी भंडार में खादी कपड़े बनकर तैयार हैं और नई तकनीक से नए डिजाइन से बनाए गए खादी कपड़े इतने ही खूबसूरत और मनमोहक दिख रहे हैं कि लोगों बच्चे युवा और बुजुर्ग सबको भा रहे हैं ।
ज्ञात हो कि गत वर्ष सितंबर 2017 में भागलपुर सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने खादी भंडार के नवीनीकरण का उद्घाटन किया था और कहा था कि यह खादी वस्त्र आजादी के पूर्व समय से मिरजाफरी खादी नगरी के रूप में प्रसिद्ध रहा है. यहां के खादी वस्त्रों की विदेशों में मांग रही है. उत्तरोत्तर बदलते समय के मुताबिक बुनकरों की हालत नाजुक होती चली गई और हस्तकरघे की आवाज बंद होने लगी. बुनकरों का पलायन होने लगा. अब समय आ गया है बुनकरों की हालत में हमें सुधार करना होगा.
अब मिरजाफरी को खादी वस्त्र के उत्पादन में अपने गौरवमई अतीत को देखकर फिर से एक बार जोरदार पहल की गई हैं ।
इस खादी भंडार की खासियत है कि मिरजाफरी में उत्पादित खादी वस्त्रों को आधुनिक ढांचे में ढालकर तैयार किया गया है जो युवाओं को काफी पसंद आ रहा है. भंडार के संचालक मोहम्मद जियाकत और मोहम्मद नजाकत ने कहा कि मिरजाफरी में तैयार की गई वस्त्रों को खादी भंडार में प्रमुखता से संग्रहण किया गया है.
ताकि खादी कपड़ों की खरीददारी करने वाले लोगों को दूसरी जगह भटकना ना पड़े और ना ही खादी के गुणवत्ता के साथ कोई छेड़छाड़ किया गया हो. खादी का मतलब शुद्ध खादी. इसका विशेष ख्याल रखा गया है. खादी भंडार में मिरजाफरी में तैयार महिलाओं के परिधान का खादी कपड़ा, लूंगी, तौलिया गमछा, बेडशीट, दुपट्टा समेत कई तरह के अत्याधुनिक परिधान के खादी कपड़े उपलब्ध है ।
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