Gosain Gaon News.
भागलपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने नवगछिया अनुमंडल स्थित खरीक अंचल के पूर्व राजस्व कर्मचारी कृष्ण कुमार मालवीय को लगान राशि गवन मामले में दोषी ठहराते हुए सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया है। वर्ष 2010-11 में राजस्वकर्मी द्वारा काटी गयी 40 लगान रसीद की राशि में गोलमाल की गयी थी। सूत्रों के अनुसार वह जमीन मालिक को अधिक रकम की रसीद देता था और सरकारी खाते में उससे कम राशि जमा करता था। मामले को लेकर तत्कालीन अंचलाधिकारी इन्द्रजीत कुमार द्वारा प्रथमिकी दर्ज कराने पर राजस्वकर्मी निलंबित किये गये थे। राजस्वकर्मी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी चल रही थी। जिलाधिकारी ने मामले की जांच के लिये तीन सदस्यों की कमेटी गठित की थी। इस क्रम में राजस्वकर्मी ने कुछ राशि भी जमा की थी लम्बे समय से निलंबन के विरुद्ध राजस्वकर्मी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने आरोपित राजस्वकर्मी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई को जल्द निपटाने का आदेश दिया, क्योंकि इसी मामले में न्यायालय में भी वाद चल रहा है। बावजूद विभागीय कार्रवाई समाप्त नहीं होने पर राजस्वकर्मी ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर दी। इस पर हाईकोर्ट ने तत्कालीन जिलाधिकारी आदेश तितरमारे को सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था। तब तत्कालीन जिलाधिकारी ने सशरीर उपस्थित होकर मामले से कोर्ट को अवगत कराया था। इसके बाद ही राजस्वकर्मी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई में तेजी आयी और एडीएम हरिशंकर प्रसाद के रिपोर्ट पर राजस्वकर्मी को बर्खास्त कर दिया गया।
भागलपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने नवगछिया अनुमंडल स्थित खरीक अंचल के पूर्व राजस्व कर्मचारी कृष्ण कुमार मालवीय को लगान राशि गवन मामले में दोषी ठहराते हुए सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया है। वर्ष 2010-11 में राजस्वकर्मी द्वारा काटी गयी 40 लगान रसीद की राशि में गोलमाल की गयी थी। सूत्रों के अनुसार वह जमीन मालिक को अधिक रकम की रसीद देता था और सरकारी खाते में उससे कम राशि जमा करता था। मामले को लेकर तत्कालीन अंचलाधिकारी इन्द्रजीत कुमार द्वारा प्रथमिकी दर्ज कराने पर राजस्वकर्मी निलंबित किये गये थे। राजस्वकर्मी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी चल रही थी। जिलाधिकारी ने मामले की जांच के लिये तीन सदस्यों की कमेटी गठित की थी। इस क्रम में राजस्वकर्मी ने कुछ राशि भी जमा की थी लम्बे समय से निलंबन के विरुद्ध राजस्वकर्मी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने आरोपित राजस्वकर्मी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई को जल्द निपटाने का आदेश दिया, क्योंकि इसी मामले में न्यायालय में भी वाद चल रहा है। बावजूद विभागीय कार्रवाई समाप्त नहीं होने पर राजस्वकर्मी ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर दी। इस पर हाईकोर्ट ने तत्कालीन जिलाधिकारी आदेश तितरमारे को सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था। तब तत्कालीन जिलाधिकारी ने सशरीर उपस्थित होकर मामले से कोर्ट को अवगत कराया था। इसके बाद ही राजस्वकर्मी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई में तेजी आयी और एडीएम हरिशंकर प्रसाद के रिपोर्ट पर राजस्वकर्मी को बर्खास्त कर दिया गया।
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