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ब्लैकमनी को व्हाइट करने वालों पर केंद्र सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. बेहिसाब संपत्ति रखने वालों की नजर बीपीएल हितग्राहियों के अलावा प्रधानमंत्री जनधन योजना के खाताधारियों पर लगी हुई है. इसे देखते सरकार ने यह तय किया गया है कि बीपीएल खाताधारी अपने खाते में अब 39 हजार रुपए ही जमा कर सकते हैं. उक्त धनराशि से ज्यादा पैसा जमा होने पर बीपीएल सुविधा समाप्त हो जाएगी.
खाद्य विभाग के दस्तावेजों पर नजर डालें तो जिले में दो लाख 75 हजार बीपीएल कार्डधारक हैं. इन कार्डधारकों के पास अलग-अलग बैंकों के खाते भी हैं. बैंक खाते से आधार नंबर लिंक कराने की राज्य शासन की अनिवार्यता के चलते कार्डधारकों ने तीन महीने पहले ही खाता खुलवाया लिया है. इसके अलावा केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत हर जिले में तकरीबन साढ़े चार लाख गरीबों का खाता खुलवाया गया है. इसके लिए कलेक्टर ने राष्ट्रीयकृत बैंकों को टारगेट भी दिया था.
कलेक्टर की कड़ाई के चलते गरीबों का बड़े पैमाने पर खाता भी खोला गया है. प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए खाताधारकों को केंद्र सरकार की विभिन्न् योजनाओं के तहत व्यवसाय के लिए ऋण देने का भी प्रावधान है. नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार ने आम खातेधारकों को एक खाते में ढाई लाख स्र्पए जमा करने की छूट दी है.
लाखों की संख्या में बीपीएल हितग्राहियों व पीएम जनधन योजना के खातों में ब्लैकमनी को जमा कर व्हाइट बनाने की जुगत भिड़ा रहे हैं. केंद्र सरकार ने बीपीएल हितग्राहियों को अपने खाते में 39 हजार स्र्पए जमा करने का प्रावधान रखा है. इससे एक रुपए ज्यादा जमा करने पर बीपीएल हितग्राही के एवज में मिलने वाली तमाम सुविधाएं एक झटके में खत्म हो जाएंगी.
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