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बुधवार, 8 मार्च 2017

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष, बिहार की महिला नें चरखे से बना दिया एसी जैकेट, रिमोट से चलेगा एसी जैकेट

पटना ।
बिहार के लोगों ने एक बार फिर से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इस बार स्वदेशी तकनीक से वातानुकूलित एसी जैकेट तैयार किया है। इसमें अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। जिसे पहनते ही आप कूल हो जाएंगे। यह कमाल नवादा जिले के खनवां गांव के लोगों ने किया है। इस गांव में महिलाओं द्वारा सोलर चरखे से सूत से बने एसी जैकेट को तैयार करती हैं। भारत में इससे पहले स्वदेशी तकनीक से एसी जैकेट का निर्माण नहीं हुआ है।


आपको बता दें कि केंद्रीय लघु, मध्यम एवं कुटीर उद्योग राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने खनवां गांव स्थित भारतीय हरित खाद ग्रामोदय संस्थान में इस एसी जैकेट को प्रदर्शित किया। गिरिराज सिंह का यह संसदीय क्षेत्र भी है। इस तरह के जैकेट तैयार करने वाला देश का यह पहला गांव है। इस जैकेट में क्लाइमेट रिमोट है, जिससे 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ाया व घटाया जा सकता है। इसके अंदर छोटे-छोटे पंखे लगे हुए हैं, जिनसे गरम व ठंडी हवाएं निकलेंगी। इसके तकनीक का इजाद एमआईटी के छात्र क्रांति ने किया है। हालांकि अभी तक इसकी कीमत तय नहीं हुई है। गिरिराज सिंह ने कहा कि एक जैकेट के बनाने में 20 से 25 हजार रुपये का खर्च आ रहा है। लेकिन इसकी कीमत नीति आयोग तय करेगा। साथ ही गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत में इससे पहले स्वदेशी तकनीक से एसी जैकेट नहीं बना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात कार्यक्रम में खादी के उपयोग की अपील कर चुके हैं। पूरी तरह स्‍वदेशी तकनीक पर आधारित यह इस केंद्र की पीएम मोदी सरकार के बयानों का एक नया उदाहरण है।

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