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मंगलवार, 14 मार्च 2017

मोदी जी अब तो बस करों , आपके आवाज के साथ बैंक शब्द सुनकर डर लगनें लगा हैं : डॉ राकेश झा

GS:

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बैंकिग नियम में लिए जा रहें बदलाव से आम लोगों के साथ साथ कारोबारी भी त्रस्त हो जा रहें हैं । पहलें भारत की प्रमुख बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा न्यूनतम राशि तक ठीक थी मगर बैंक में 3 इंट्री से अधिक पर शुल्क , एटीएम से 5 से अधिक withdrawal पर ATM शुल्क , मोदी जी अब बस करों , पब्लिक झेल नहीं पायेगी ऐसा कहना हैं गोसाईं गाँव निवासी तथा वर्तमान में दिल्ली में रह रहे NGO सामाजिक संस्था आसरा के प्रेसिडेंट डॉ० राकेश रमण झा का । उनका कहना हैं कि अब बैंकिंग कुछ नहीं रहा , अब भारत सरकार अपनें तरह से बैंकिंग नियमावली बनानी शुरू कर दी हैं।  कैशलेस TRANSITION के लिए अभी भी बिहार के कई जिलें में 90% स्वेप मशीन की जरुरत हैं , बैंक मशीन उपलब्ध ही नहीं करा पा रही है और प्रधानमंत्री का यह नियम आम - जनों के लिए सिर्फ एक समस्या होगी ,जिसका समाधान अभी संभव नहीं हो पायेगा ।दी जी अब तो बस करों , आपके आवाज के साथ बैंक सुनकर डर लगनें लगा हैं : डॉ राकेश झा

GS:
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बैंकिग नियम में लिए जा रहें बदलाव से आम लोगों के साथ साथ कारोबारी भी त्रस्त हो जा रहें हैं । पहलें भारत की प्रमुख बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा न्यूनतम राशि तक ठीक थी मगर बैंक में 3 इंट्री से अधिक पर शुल्क , एटीएम से 5 से अधिक withdrawal पर ATM शुल्क , मोदी जी अब बस करों , पब्लिक झेल नहीं पायेगी ऐसा कहना हैं गोसाईं गाँव निवासी तथा वर्तमान में दिल्ली में रह रहे NGO सामाजिक संस्था आसरा के प्रेसिडेंट डॉ० राकेश रमण झा का । उनका कहना हैं कि अब बैंकिंग कुछ नहीं रहा , अब भारत सरकार अपनें तरह से बैंकिंग नियमावली बनानी शुरू कर दी हैं।  कैशलेस TRANSITION के लिए अभी भी बिहार के कई जिलें में 90% स्वेप मशीन की जरुरत हैं , बैंक मशीन उपलब्ध ही नहीं करा पा रही है और प्रधानमंत्री का यह नियम आम - जनों के लिए सिर्फ एक समस्या होगी ,जिसका समाधान अभी संभव नहीं हो पायेगा ।

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