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शनिवार, 25 अगस्त 2018

नवगछिया : संस्कृत दिवस पर संस्कृति की चर्चा

Gosaingaon Samachar


रंगरा प्रखंड के भवानीपुर स्थित मॉडर्न वैभव पब्लिक स्कूल में शनिवार को संस्कृत दिवस मनाया गया।जिसमें बच्चों को संस्कृत भाषा की महत्वता पर प्रकाश डालते हुए प्राचार्य विश्वास झा ने श्री मद् भगवद्गीता की विशेषता बताते हुए कहा कि संस्कृत दिवस की शुरुआत 1969 में हुई थी।यह सावन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।संस्कृत भाषा भारत देश की सबसे प्राचीन भाषा है।इसी से देश में दूसरी भाषाएं निकली है।सबसे पहले भारत में संस्कृत ही बोली गई थी।आज इसे भारत के पास अनुसूचित भाषाओं में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।उत्तराखंड राज्य की यह एक आधिकारिक भाषा है।भारत देश के प्राचीन ग्रंथ वेद आदि की रचना संस्कृत में हुई थी।यह भाषा बहुत सी भाषा की जननी है।इसके बहुत से शब्दों के द्वारा अंग्रेजी के शब्द बने हैं। महाभारत काल में वैदिक संस्कृत का प्रयोग हुआ था।संस्कृत आज देश की कम बोले जाने वाली भाषा बन गई है लेकिन इस भाषा हम सब जानते हैं।वही निदेशिका शिखा विश्वास ने कहा कि आज के समय संस्कृत भाषा की परिस्थिति खराब ही है।बहुत से पाठ्यक्रम से इसे हटा दिया गया है।संस्कृत भाषा का अध्ययन भारत देश में अनिवार्य नहीं है। इससे अलग अलग राज्य अपने पाठ्यक्रम में अपनी इच्छा अनुसार अपने राज्य की कोई भाषा पाठ्यक्रम से जोड़ देते हैं। वैसे अब सरकार ने यह नियम निकाला है कि कक्षा छठवीं से आठवीं तक संस्कृत अनिवार्य है। केंद्रीय विद्यालय ने भी ये नियम अपनाएं और अपने पाठ्यक्रम में संस्कृत जोड़ा।सीबीएसई के सभी स्कूलों में संस्कृत सप्ताह मनाया जा रहा है।भारत में अभी भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो संस्कृत भाषा में अध्ययन करते हैं।भारत में पहली संस्कृत विश्वविद्यालय 1971 में बनारस में खुली थी। वहीं छात्रों द्वारा तरह-तरह के श्लोकों को भावार्थ सहित समझाया गया।बच्चों एवं शिक्षकों द्वारा पूरे कार्यक्रम में संस्कृत एवं संस्कृति की चर्चा पूरे जोर-शोर से होती रही।कार्यक्रम में  अच्युताष्टकम् गीत से अंजलि एवं खुशी ने खूब तालियां बटोरी।मौके पर प्राचार्य विश्वास झा,निदेशिका शिखा विश्वास,शिक्षिका सपना पांडे,आशा रानी,शिक्षक संदीप कुमार,ऋषभ कुमार झा,हिमांशु शेखर झा,त्रिपुरारी कुमार भारती, आदित्य,तरूण,सोनू,अंजली,
खुशी सहित कई बुद्धिजीवि उपस्थित हुए।

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