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गुरुवार, 8 जून 2017

हे भगवान : बिहार बोर्ड मैट्रिक की परीक्षा में भारी हेरा - फेरी , महज 40 % बच्चे भी नहीं हो पाएंगें पास : बोर्ड सूत्र 

GS:

एजेंसी की गलती से बढ़ी बिहार बोर्ड व छात्रों की परेशानी, मैट्रिक के 40 हजार परीक्षार्थियों के सब्जेक्ट कोड में हुआ हेरफेर

17 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने दी है मैट्रिक  परीक्षा

पटना : उत्तरपुस्तिका साइंस की, लेकिन उस पर सामाजिक विज्ञान की बार कोड स्लिप चिपका दी गयी. इसके बाद साइंस की उत्तरपुस्तिका को सामाजिक विज्ञान के शिक्षक ने जांची. शिक्षक ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि यह उत्तरपुस्तिका साइंस की है. आंसर शीट मिला और बिना देखे जो मन किया, अंक दे दिया.

अब जब उस बार कोड की उत्तरपुस्तिका से छात्र का अंकपत्र तैयार किया जा रहा है, तो सब्जेक्ट का मिलान नहीं हो पा रहा है. यह समस्या किसी एक विषय में नहीं आ रही है, बल्कि कई विषयों में आ रही है. बिहार बोर्ड सूत्रों की मानें, तो लगभग 40 हजार परीक्षार्थियों के रिजल्ट में सब्जेक्ट मिस मैच हो गये हैं, जिसके कारण अंकपत्र तैयार करने में परेशानी आ रही है.

मालूम हो कि इस बार मैट्रिक में 17 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए हैं. रिजल्ट 15 से 20 जून को निकलने की संभावना है. बार कोडिंग, ओएमआर में अंक देने की गड़बड़ी को लेकर बोर्ड ने मई के प्रथम सप्ताह में रिजल्ट तैयार करनेवाली एजेंसी से गलत बार कोडिंग की सूची मांगी थी. बोर्ड की ओर से बार-बार एजेंसी को सूची देने को कहा भी गया है, लेकिन एजेंसी अब जाकर सूची उपलब्ध करा रही है. अब दिन-रात एक कर गलतियों को दुरुस्त किया जा रहा है. लेकिन, यह कितना सही हो पायेगा, यह तो अब मैट्रिक का रिजल्ट घोषित होने के बाद ही पता चलेगा.
सुधार में लगे हैं कई पदाधिकारी

सब्जेक्ट मिस मैच की समस्या कई जिलों में हुई है. इसे सही करने के लिए बोर्ड ने तमाम पदाधिकारियों, सभी प्रशाखा पदाधिकारियों और परीक्षा प्रशाखा के  सभी सहायकों को लगाया है. ये सभी मिल कर डाटा की गड़बड़ियों को ठीक कर रहे हैं. बार कोड से उनकी उत्तरपुस्तिकाओं के सब्जेक्ट कोड को मिलाया जायेगा. अगर इसमें सुधार नहीं किया गया जायेगा, तो मार्क्सशीट पर सब्जेक्ट से संबंधित गलतियां आ जायेंगी. छात्रों ने जिस सब्जेक्ट की परीक्षा दी है, उन्हें उस विषय में अंक न मिल कर दूसरे विषय के अंक उनके अंकपत्र पर रहेंगे. 

इस बार बदला गया था सब्जेक्ट कोड

बोर्ड ने इस बार इंटर के साथ मैट्रिक के सब्जेक्ट कोड में भी बदलाव किया था. सब्जेक्ट कोड के बदलाव के अनुसार ही परीक्षा फाॅर्म भरवाया गया था.  बार कोडिंग भी सब्जेक्ट काेड के अनुसार ही की गयी थी. लेकिन, जब उत्तरपुस्तिका पर बार कोडिंग की गयी, तो हिंदी की जगह मैथ और मैथ की जगह समाजिक विज्ञान का बार कोड चिपका दिया गया. इससे उत्तरपुस्तिकाओं में गड़बड़ी होने की आशंका बढ़ गयी है.

छात्रों ने रोकीं ट्रेनें एनएच किया जाम

पटना. इंटर रिजल्ट में कथित गड़बड़ी के खिलाफ वामपंथी छात्र संगठनों ने गुरुवार को बिहार बंद के दौरान रेल व सड़क यातायात बाधित किया. इन संगठनों ने पटना में मार्च निकाला. वहीं, प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरा व छपरा में ट्रेनें रोकीं, जबकि जहानाबाद, बेगूसराय समेत अन्य जगहों पर एनएच को जाम कर दिया.

ग्रेस देकर बेहतर किया जा सकता है मैट्रिक का रिजल्ट

पटना : इंटर रिजल्ट से सबक लेते हुए  शिक्षा विभाग और  बिहार बोर्ड मैट्रिक के रिजल्ट को लेकर सजग हो गये हैं. मैट्रिक का रिजल्ट इंटर की तरह ही कम हुआ, तो ग्रेस देकर अधिक-से-अधिक परीक्षार्थियों को पास किया जा सकता है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने बिहार बोर्ड को निर्देश दिया है.

एक सप्ताह के बाद मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट निकलनेवाला है. इसमें इस साल करीब 17 लाख परीक्षार्थी  शामिल हुए हैं. विभागीय सूत्र बताते हैं कि जिस तरह से मैट्रिक की परीक्षा कदाचारमुक्त ली गयी है और कॉपियों के मूल्यांकन में भी कड़ाई बरती गयी है, उससे पिछले साल की तुलना में रिजल्ट में गिरावट आ सकती है. पिछले साल जहां 46.44%परीक्षार्थी पास हुए थे, वहीं इस साल 40% से भी कम रिजल्ट होने का अनुमान है.

छात्रों की बेहतरी के लिए शिक्षा विभाग ने मॉडरेशनपॉलिसी को लागू करने को कहा है. इसके तहत परीक्षार्थियों को ग्रेस मार्क्स दिये जाने की बिहार बोर्ड को सलाह दी है. पूर्व में शिक्षा विभाग ने बिहार बोर्ड को 10 जून तक मैट्रिक का रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया था, लेकिन रिजल्ट के मॉडरेशन की प्रक्रिया की वजह से अब 15-20 जून के बीच में रिजल्ट घोषित किया जायेगा.

शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने कहा कि सरकार मैट्रिक के रिजल्ट को लेकर सजग है. स्कूली बच्चे पढ़ कर बेहतर रिजल्ट पाएं, यही सरकार की मंशा है. सरकार माध्यमिक स्कूली शिक्षा की बेहतरी के लिए रोड मैप तैयार कर रही है, जिसका आनेवाले सालों के रिजल्ट में सकारात्मक असर नजर

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