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बुधवार, 17 अक्तूबर 2018

गोसाईं गाँव समाचार का नवरात्री स्पेशल (9/11) :

Gosaingaon Samachar

 नवरात्री के नवमी दिन माँ सिद्धदात्री के रूप को प्रणाम करते हुए , मैया के दर्शन करनें चलते हैं  नवगछिया के राजेंद्र कॉलोनी ।


नवगछिया स्टेशन के सामने महज 100 मीटर दुरी पर नवगछिया का सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र राजेंद्र कॉलोनी हैं । कॉलोनी में ज्यादातर विस्थापित लोग कोशी नदी से हुए कटाव में घर गवाएं ,आकर बसें हैं । लोग ज़मीन खरीद कर घर बनाकर स्थाई रूप से रहनें लगे ।  पुनमा प्रतापनगर में स्थापित मैया भवानी के मंदिर भी कोशी में विलीन होनें पर मैया की धरा को गाँव वासियों ने अपने साथ राजेंद्र कॉलोनी लाया गया व माँ भगवती की ज्योत की स्थापना की गयी । यह विगत 10 वर्ष पहलें हुआ ।

कई चीजें हैं वर्जित :

मंदिर में परंपरा के अनुसार कई चीजें वर्जित हैं ।

1. राजपूत का ही प्रवेश :
मंदिर के गर्भगृह में सिर्फ राजपूत वंश के लोग ही प्रवेश कर सकतें हैं । वो भी मात्र पाठ करनें के लिए , इसके अलावे किसी भी जाति के लोगों का प्रवेश पूर्णतया वर्जित ।

2. महिला प्रवेश पूर्णतया वर्जित :
मंदिर में महिला वर्ग का प्रवेश पूर्णतया वर्जित हैं । कोई भी महिला मन्दिर के बाहर ही पूजा कर सकती हैं बरामदें पर ही ।


3. व्यवस्था से चकाचोंध हैं मंदिर
मंदिर में हर तरह की व्यवस्था उपलब्ध हैं बड़े मैदान में कई आयोजन किये जाते हैं ।
मैया के इस दरबार में माँ भगवती साक्षात विराजमान हैं । कहतें हैं कि भक्त की विनती मैया बहुत जल्द सुनती हैं । मंदिर में प्रतिमा नहीं बिठाई जाती हैं । मगर कलश में माँ साक्षात् उपस्थित रहती हैं कष्ठ को हरनें जिसकें कारण बलि प्रथा में हर दशहरे के नवमी व दशमी में हजारों छागर की बलि दी जाती हैं । पुरे 10 दिनों तक मैया के पिंडी पर ज्योत जलतें रहता हैं ।
राजेंद्र कॉलोनी के लोग इस नवरात्रि महोत्सव को प्रत्येक वर्ष अपनें पूर्वजों द्वारा चलाये गये परंपरागत रूप से मनाते हैं ।


रचना : बरुण बाबुल
साभार : धरतीपुत्र मोनू

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