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रविवार, 14 अक्तूबर 2018

पसराहा : अपराधियों के सिंघम शहीद आशीष कुमार लौट कर नहीं आए, कुछ मासूम घर पर करतें रहें इंतजार , सुबह जाना था सहरसा, पढिये क्या सब हुआ था घटना की रात्रि

Gosaingaon Samachar
संकलन : राजेश भारती वरीय पत्रकार 

अपराधियों के लिए सिंघम थे आशीष
-पसराहा थानाध्यक्ष के शहादत को  कभी भुलाया नही जा सकेगा। अपराधियो के लिए ये सिंघम थे।पिछली बार मुफ्फसिल थाना में अपराधियों के मुठभेड़ में इसके पैर में गोली लगी थी।परिजन के साथ दोस्तो ने  समझाया था लेकिन कुछ कर गुजरने का जुनून इनके अंदर भड़ा था ।अपराधियोऔर पैड़वी पुत्रों को अपने दबंग स्टाइल में हमेशा औकात में रहने की नशीहत देते डालते थे।बच्चों की पढ़ाई से लेकर अपनी माँ की लंबी बीमारी सभी तरह की  जिम्मेदार पुलिस अधिकारी,एक जिम्मेदार बेटा, एक जिम्मेदार पिता , सामाजिक सरोकार सभी किरदार में वो सटीक भूमिका निभा रहे थे।अभी के दौर में जहां पुलिस पर अपराधियों से सांठ गांठ के लगातार आरोप लगते रहते है वैसे में सीने पर गोली खाने का कोई माद्दा रखता है और अपने फर्ज को निभाने के लिए वीरगति प्राप्त करता है तो  हमेशा ऐसे वीर लोगों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ जाते हैं। आशीष हमेशा अपराधियों के दिमाग मे और नेक लोगों के दिल मे रहेगा।


शहीद थानाध्यक्ष के परिजन वेसुध।


- पसराहा थानाध्यक्ष आशिश कुमार सिंह का अपराधियों से मुठभेड़ की खबर सूनते ही उनके परिजनों का शनिवार की सुबह पसराहा थाना परिसर पहुंचने लगे।सबसे प्रथम आशिश कुमार सिंह सास ससुर थाना पहुंचकर दामाद के शहीद होने की जानकारी के बाद दहार मारकर रोने लगे।मधेपुरा जिला के उदाकिशुन थाना क्षेत्र के मुरलीचनवा गांव निवासी ससुर शंभू सिंह एवं सास कल्याणी देवी अपने दामाद के लिए दहार मारकर रोने लगे।ससुर शंभू सिंह बार बार रोकर कहरहे थे कि मना करने के बाद भी अपराधियों से मुठभेड़ करने गये।उन्होने कहा कि भारी संख्या छिपे अपराधियों को गिरफ्तार करने सिर्फ पांच पुलिस जवान एवं दो अन्य एस आइ के साथ क्यों चले गये।जबकि एस आइ भानू प्रताप सिंह एवं शंभूशरण शर्मा वगैर हथियार के कैसे अपराधियों से मुठभेड़ करने चले गये।वहीं सास रुकमणी देवी थाना पर मौजूद शहीद दरोगा आशिश सिंह के पुत्र पुत्री से लिपट कर रोने लगी।बतातें चलेंकि अपराधियों को पकड़ने जाने से पूर्व सिलल्लुगुड़ी में पढाइ कर रहे बेटा बेटी को पसराहा थाना मंगाया था।पसराहा थाना पर शुक्रवार शाम को पुत्र सुर्यवान सिंह राठौर एवं पुत्री आर्या को खाना खिलाकर बोले तुम सो जाओ हम गश्ती से लौट कर आते है।वहीं एक चौकीदार को बच्चे की देखभाल करने की जिम्मेदारी देते हूए बताया कि हम आपरेशन को अंजाम देकर लौटते है।तब शनिवार सुबह बच्चों को अपने घर सहरसा भेंजेगे।लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था ।अपराधियों को पकड़ने को गये आशिश कुमार सिंह को क्या पता था कि अपने बच्चों से उनकी आखिरी मुलाकात है।वहीं  आशिश कुमार सिंह के बारे में उनके घर खबर पहुंचते ही उनके भाइ एवं पत्नी भी पसराहा थाना पहुंचे।भाइ सिंटू कुमार भाइ के शहीद होने से काफी आहत थे।वहीं आशिश कुमार सिंह के पत्नी सरिता कुमारी भी पसराहा थाना पहुंचकर अपने पति को ढूंढने लगे।परिजनों ने पत्नी सरिता देवी को उनके पति के शहीद होने की जानकारी नहीं दी थी।पत्नी को सिर्फ ये बताया था कि उनके पति मुठभेड़ में गोली लगने से जख्मी है।इस बात से पत्नी सरिता कुमार अपने पति की जानकारी के लिए माता पिता एवं अन्य पुलिसकर्मी से जानकारी मांग रही थी।पति के बारे में अनहोनी से घबराये थाना परिसर में लोगों से बार बार मिलाने की विनती कर रही थी।शहीद की पत्नी कभी अपने बच्चों से लिपटकर कह रही बेटा पापा कहां गये है।तुम उन्हें रात में क्यों जाने दिया।शहीद आशिश कुमार के पत्नी के चित्कार से मौजूद लोग भी गमगीन थे।



पसराहा- परबत्ता थाना के सलारपुर दियारा में अपराधी-पुलिस मुठभेड़ में पसराहा (खगड़िया) के थानेदार आशीष कुमार सिंह शहीद हो गए हैं। एक सिपाही दुर्गेश कुमार को भी लगी गोली। पुलिस ने भी एक अपराधी को मार गिराया है। शहीद थानेदार आशीष कुमार सिंह सहरसा जिला के बलवाहाट ओपी सरोजा गांव निवासी गोपाल सिंह के पुत्र थे। तीन भाइयों में सबसे छोटे थे।
शव को पोस्टमार्टम के लिए नवगछिया पुलिस के सहयोग से भागलपुर ले जाया गया है।जहां से पोस्टमार्टम बाद खगड़िया जिला मुख्यालय ले जाया जायेगा।मिली जानकारी के मुताबिक पसराहा थानाध्यक्ष आशिश कुमार सिंह थाना क्षेत्र के तेहाय निवासी कुख्यात अपराधि दिनेश मुनि को गिरफ्तार करने खगड़िया भागलपुर जिले सीमावर्ती इलाके दूधैला मौजमा दियारा शुक्रबार को देर रात गयी थी।परबत्ता थानाक्षेत्र के सलारपुर गांव होते हूए देर रात दूधैला दियारा ट्रैक्टर से पहुंचे थे।गुप्त सूचना के आधार पर किये गये इस आपरेशन में दियारा स्थित अपराधियों के ठिकाने पर पहुंच कर ज्योहिं आपरेशन शुरु किया अपराधियों से मुठभेड़ हो गयी।मुठभेड़ में सबस









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