कुल पाठक

शनिवार, 30 मार्च 2019

नवगछिया : गायत्री महायज्ञ  के तीसरे दिन विभिन्न संस्कारों को पुनर्जीवन मिला

Gosaingaon Samachar
राजेश भारती की रिपोर्ट

   
    नारायणपुर(नवगछिया) गायत्री प्रज्ञापीठ नारायणपुर में हो रहे महायज्ञ में परिजनों में संस्कारों के प्रति काफी उत्सुकता देखी जा रही है।भारतीय संस्कृति सनातन संस्कृति है वह संस्कारों में विश्वास करती है।हमारी संस्कृति का मानना है कि जीवन मे किया गया कर्म जन्म जन्मान्तरों तक साथ रहता है।अखिल विश्व गायत्री परिवार का जयघोष 21वीं सदी उज्ज्वल भविष्य के आधार परक कार्यक्रम  के सूत्रधार शान्तिकुंज हरिद्वार के प्रकांड विद्वानों में राजकुमार भृगु ,हरिकिशोर आचार्य ,भावसिंह तोमर ,कमल सिंह चौहान ,महेश तिवारी  ने संस्कार परम्परा को पुनर्जीवित करने की सामयिक आवश्यकता बताया।विद्वान मनीषियों ने बच्चों को संस्कार वान बनाने के लिये।आज के वैज्ञानिक युग मे गर्भधारण संस्कार , विद्यारम्भ संस्कार ,जन्मदिन संस्कार उपनयन संस्कार,विवाह संस्कार ,दीक्षा संस्कार पर वैज्ञानिक दृश्टिकोण से उद्बोधन दिए।आज के महायज्ञ में विद्यारम्भ ,उपनयन ,दीक्षा संस्कार हुए। चारों तरफ भक्तिमय वातावरण बना हुआ है। बहुत संख्या में  देवतुल्य बहनों एवमं भाइयों ने विभिन्न संस्कार कराए।व्यवस्था बनाने में डॉ विजयेंद्र कुमार विद्यार्थी ,चंदा देवी ,डॉ राजेश कुमार ,प्रीतम केशरी,मीरा देवी ,साधना देवी,आशा देवी ,राजेश कुमार ,रमेश भाई साहब ,प्रेम यादव,कंचन दीदी ,रविन्द्र यादव ,प्रमोद शर्मा ,जयतोष,रामचन्द्रशर्मा ,जयप्रकाश गुप्ता ,शीला बहन, त्रिवेणी बहन आदि ने संस्कार परंपरा में आस्था व्यक्त किया।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें