कुल पाठक

बुधवार, 12 अप्रैल 2017

दहेज के लिए बहू की हत्या, सात साल जेल में कटेगी वृद्धावस्था

भागलपुर :

 दहेज़  हत्या मामले में बुधवार को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने महिला के ससुर परशुराम यादव को सात साल की सजा सुनाई। साथ ही पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी। इस मामले में महिला के पति, सास, जेठ और जेठानी को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया।

साहिबगंज जिले के मिर्जाचौकी थाने के हाजीपुर गांव के संजय यादव की बेटी काजल कुमारी और ईशीपुर बाराहाट थाना क्षेत्र के बड़ी कमलपुर गांव के परशुराम यादव के बेटे संदीप यादव के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। संदीप के गांव में काजल का ननिहाल था। इसी दौरान दोस्ती हुई थी। संदीप आर्मी जवान है और अंबाला कैंट में पदस्थापित है।
घटना के करीब चार माह पहले संदीप छुट्टी पर घर आया था और काजल को भगाकर अंबाला लेकर चला गया। वहां आर्य समाज मंदिर में शादी कर दोनों साथ रहने लगे। शादी के बाद संदीप पत्नी काजल को लेकर घर आया और काजल को छोड़कर चला गया। ससुराल वाले काजल से सात लाख रुपये नगद, बाइक और अन्य सामान मायके से लाने के लिए दबाव बना रहे थे। परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ शादी करने के कारण वह मायके वालों को भी कुछ नहीं बता पा रही थी।
संजय यादव ने थाने में दर्ज रिपोर्ट में कहा कि 22 अगस्त 2012 की शाम ससुराल वालों ने काजल के गले में रस्सी लगाकर हत्या कर दी। केस में दामाद, देवर संदीप यादव, ससुर परशुराम यादव, सास सरस्वती देवी, जेठ राजेश यादव, संजय यादव, जेठानी बेबी देवी को आरोपी बनाया गया, लेकिन घटना के समय काजल का पति संदीप यादव अंबाला में ड्यूटी पर था।
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बहस कर रहे अपर लोक अभियोजक जयप्रकाश यादव व्यास ने कहा कि शादी के चार माह बाद ही दहेज के लिए काजल की हत्या कर दी गई थी। इसलिए दोषी अभियुक्त को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता अरुण कुमार झा ने कहा कि अभियुक्त का यह प्रथम अपराध है। उम्र भी 65 साल हो गई है। इसलिए कम से कम सजा दी जाए। आखिरकार, जज ने सात साल कारावास की सजा सुनाई।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें