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शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2016

नवरात्रि विशेष : कन्या भोजन के जुठल पत्तों से करें व्रत की समाप्ति मिलेगा यश , होगी धन की प्राप्ति ।

Gs:
नवरात्री का व्रत या अष्ठमी का व्रत आप अगर कर रहें हैं तो आपके लिए एक विशेष जानकारी हैं कि आप अपना व्रत घर में भोजन कराये कन्या कुमारी के जुठल पत्तों से ही व्रत तोड़े । कुछ भी खानें से पहले मैया को आराधना कर कन्या कुमारी के जुठल प्रसाद से अपना व्रत तोड़ें ।

शास्त्रों में ही नवरात्री कन्या भोजन का कई महत्त्व हैं ।।

राशि के अनुसार मंत्र से करे इस नवरात्रि में सुख,समृद्धि,धन,यश की वृद्धि ।

इन मंत्रों का कोई विशेष विधान नहीं है लेकिन सामान्य सहज भाव से स्नान के पश्चात अपने पूजा घर या घर में शुद्ध स्थान का चयन कर प्रतिदिन धूप-दीप के पश्चात ऊन या कुशासन पर बैठें एवं अपनी शक्ति अनुरूप एक, तीन या पांच माला का जाप करें। निश्चित ही इसका प्रभाव होगा, जिससे धन, यश और समृद्धि की वृद्धि होगी।

किसी भी कार्य के लिये घर से निकलने से पूर्व, अपनी राशि के अनुसार मंत्र का २१-बार जप करने के बाद ही घर से निकलें। मंत्र के प्रभाव से कार्य में आने वाली बाधाएं समाप्त होंगी तथा सफलता के योग बनेंगे। साथ ही जो लोग आपकी राह में बाधा उत्पन्न करते हैं वह भी कमजोर हो जाते हैं। प्रस्तुत है आपकी राशि के अनुसार अचूक दिव्य मंत्र-

मेष --चू चे चो ला ली लू ले लो अ.....ॐ ऐं क्लीं सो:
वृषभ --इ उ ए ओ वा वी वू वे वो......ॐ ऐं क्लीं श्रीं
मिथुन --का की कू घ ङ छ के को.....ॐ ओम क्लीं ऐं सो:
कर्क --ही हू हे हो डा डी डू डे डो......ॐ ऐं क्लीं श्रीं
सिंह --मा मी मू मे मो टा टी टू टे.......ॐ ह्रीं श्रीं सो:
कन्या --टो पा पी पू ष ण ठ पे पो.......ॐ क्लीं ऐं सो:
तुला --रा री रू रे रो ता ती तू ते......ॐ ऐं क्लीं श्रीं
वृश्चिक --तो ना नी नू ने नो या यी यू......ॐ ऐं क्लीं सो:
धनु --ये यो भा भी भू धा फा ढा भे......ॐ ह्रीं क्लीं सो:
मकर --भो जा जी खी खू खे खो गा ग......ॐ ऐं क्लीं श्रीं
कुंभ --गू गे गो सा सी सू से सौ दा.....ॐ ऐं क्लीं श्रीं
मीन --दी दू थ झ ञ दे दो चा ची......ॐ ह्रीं क्लीं सो:

साभार :
डॉ रजनीकांत देव

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