GS:
कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक जवान के थकें नींद की झप्पी का फोटो वायरल हो रहा हैं । तस्वीर में जवान ट्रैन में सीट के नीचें रास्ते पर अपनें सामान के साथ थका हारा नींद की एक-दो पल की झपकी ले रहा हैं ।
और वहीँ बगल में सीट पर कई लोग बैठ गप्पी मार रहें हैं ।
*तस्वीर को देखकर गोसाईं गाँव के युवा नितीश शांडिल्य नें एक जानकारी के तहत अपना विचार लिख भेजा है जो इस प्रकार हैं:-*
थका कौन हैं , मगर आराम कौन कर रहा हैं .?
मर कौन रहा हैं व मौत की किसे जरुरत नहीं हैं .?
सुरक्षा कौन दे रहा हैं , सुरक्षा की किसको जरुरत हैं .?
तस्वीर में किसको सीट की ज्यादा जरूरत हैं , और सीट पर कौन बैठा है .?
ये पंक्ति शायद आपको मेरे मनोवृति को समझा चूका होगा । हमारे लिए अपनें हर सुख , ख़ुशी , घर ,परिवार ,मोह ,ममता ,प्यार को त्याग कर , सीमा पर अपनें जान की आहुति देनें तक वाले व्यक्ति के लिए क्या हमारें आँखों में इतना भी शर्म का पानी नहीं बचा हैं , कि एक सीट उस सैनिक को दे दें । मैं मानता हूँ की आपलोग हर दिन यात्रा करतें हैं और वह आज ...!!
मगर क्या हम व्यवहार के साथ - साथ इंसानियत भी अगर भूल गए हो तो हम भी बिना शिक्षा वालें पशु के सामान हो गए ।
: नितीश शांडिल्य
गोसाईं गाँव
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