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शनिवार, 8 अक्तूबर 2016

GS का नवरात्री पोस्ट (8/11) : पकरा आचार्य टोला दुर्गा मंदिर ।

GS

यूँ तो कहतें हैं कि माँ की ममता के आगे दुनिया की सभी सुख,मोह नगण्य  हैं । इसलिए आज नवरात्रि पूजा के सातवें दिन माँ दुर्गा के कालरात्रि रूप के चरणों में अपना शीश झुकानें चलतें हैं पकरा के आचार्य टोला में स्थापित दुर्गा मंदिर ।

नौगछिया - लक्ष्मीपुर सड़क के बीच एक महोल्ला स्थित हैं जिसे आचार्य टोला पकरा के नाम से जाना जाता हैं । टोला में लगभग 100 ब्राह्मण परिवार एक साथ रहतें हैं  इन्हीं के परिवार के आंगन में  माँ जगत जननी  दुर्गा  का मंदिर हैं । मंदिर का निर्माण आज से 200 वर्ष पहले मदन बाबु आचार्य के द्वारा किया गया था। मंदिर में पारिवारिक लोगों के द्वारा पूजा अर्चना की जाती हैं । मंदिर के नवनीकरण स्वo अवधेश आचार्य ( गोसाईं गाँव के मास्टर साहब ) के सौजन्य से किया गया था ।

मैया के इस दरबार में कई तरह के तथ्य जुडें हैं । यहाँ मैया की प्रतिमा विराजमान हैं । कलश व जयंती बिठाई जाती हैं । नवाह पाठ परिवार के लगभग सभी मर्द जन करतें हैं । महिलाओं द्वारा हर संध्या भक्ति भजन गीत संगीत होता हैं ।  हर दिन पूजा के बाद ब्राह्मण व कन्या कुमारी को भोजन कराया जाता हैं । प्रत्येक संध्या यहाँ महाआरती होती हैं । जिसमें परिवार के लगभग सैकड़ों लोग उपस्थित होते हैं । आज मंदिर में काफ़ी धूम हैं । सप्तमी पूजा में आज रात्रि  झींगे की निशाबलि (कुष्मांडबलि ) दी जाती हैं । छागर की बलि यहाँ पूर्णतया वर्जित हैं । परिवार जनों ने बताया कि मैया बहुत ही शक्तिशाली हैं । किसी भी विपदा में मैया भगवती तुरंत बेडा पार लगाती हैं । इसलिए हर साल परिवार के सभी जन चाहे वो भारत के किसी भी कोनें में हो दुर्गापूजा में पैतृक घर  जरूर आते हैं ।

वर्तमान में मंदिर के पंडित अखिलेश आचार्य व मंदिर में पुजारी के रूप में रंजन आचार्य हैं । परिवार के बिपिन बिहारी आचार्य , उग्रमोहन आचार्य , अवधेश आचार्य , तपेश आचार्य,डॉo मुरलीधर आचार्य , राजेंद्र आचार्य , कृष्णानंद आचार्य के द्वारा पूजन धूमधाम से हो रहा हैं ।

मंदिर के व्यवस्थापक उग्रमोहन आचार्य ने बताया कि यहाँ दशमी के दिन गाजे - बाजे ,ढोल -नगाड़े के साथ कलश का विषर्जन लक्ष्मीपुर गंगा घाट पर किया जाता हैं ।
पूरे दस दिनों तक परिवार का माहौल पूर्णतया भक्तिमय रहता हैं ।

रचना :
बरुण बाबुल ।

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