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बुधवार, 17 अप्रैल 2019

बिहार का गौरव : बाबा विशुनाथ मंदिर चौसा , राजकीय महोत्सव 2019 का समापन , जानें पूरी जानकारी दुर्गेश कुमार के साथ

Gosaingaon Samachar
दुर्गेश कुमार

 17 अप्रैल 2019 को राज्यस्तरीय मेला बाबा विशुराउत का हुआ समापन । यह मेला तीन दिनों तक बहुत धूम धाम से चलता हैं प्रति वर्ष यह मेला दिनांक 14 अप्रैल को शुरू होता हैं एवं 16 अप्रैल को समापन होता हैं। आपको बताते चले कि यह अंगप्रदेश और कोसी के सीमावर्ती मधेपुरा जिला के चौसा प्रखंड अंतर्गत लौआलागन एवं भागलपुर जिला के नौगछिया प्रखंड से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ हैं ।

पशुपालकों के तीर्थ नगरी बाबा विशुराउत पचरासी स्थान परिचय का मोहताज़ नहीं रहा हैं । यहाँ नेपाल, कोलकाता एवं बिहार के विभिन्न जिलों भागलपुर, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, पटना, बेगूसराय, नालंदा,  कटिहार, बक्सर, मधुबनी, बांका, खगड़िया आदि जगहों के पशुपालक श्रद्धालु बाबा विशु को दूध चढ़ाने के लिए काफी दिनों पहले अपने घरों से निकलते हैं एवं सभी श्रद्धालु निश्‍चित सह निर्धारित समय पर बाबा विशुराउत मंदिर पहुँचकर दूध चढ़ाते हैं । इस मंदिर का सबसे आश्चर्यजनक एवं खाश बात यह है कि जो भी श्रद्धालुजन इस मंदिर में दूध चढ़ाने के लिए अपने घरों से चाहे कितना भी दिन पहले क्यों नहीं निकले उनका दूध रास्ते में कभी भी नहीं फटता है ।

बाबा विशुराउत पशुपालको के प्रति आगाढ़ श्रद्धा के कारण आज भी उनकी महत्व रहस्यमयी घटनाएं से लोगो को अपनी आस्था से अपनी और आर्कषित करती है।बाबा विशुराउत की धरती की मिट्टी और भभुत लेने के लिए लोग लम्बी कतार में घंटो इंतजार करते है। ऐसे मान्यताएं है की बाबा के समाधि की भभूत पशुओ के रोग में रामवाण दवा के रूप में काम आता हैं। बाबा की महिमा आज तक रहस्यमयी चमत्कार की आस्था के प्रति अपनी ओर आर्कषित करती है। इसलिए नेपाल के रामेश्वर प्रसाद,गुजरात के नागों यादव, झारखंड के गोपाल यादव,यूपी के कृष्णा प्रसाद रॉ,पश्चिम बंगाल के हिमेश नारायण ने पचरासी दुग्धाभिषेक के बताया कि हमलोग प्रत्येक वर्ष बाबा के समाधि पर दुध चढ़ाने के लिए एक दिन पूर्व से घर से तैयार होकर चल देते है एवं गोसाईं गाँव समाचार से हुई श्रद्धालुओं के मुलाकात में वहां के पशुपालक ने बताया कि इस मंदिर में सदियों से ऐसी मान्यताएं है कि मंदिर में चढाये जाने वाली आस्था व निष्ठा के साथ दूर से लाया गया दूध कई दिनो तक खराब नहीं होता है। बाबा का सबसे प्रिय चढ़ावा दूध,गांजा,बताशा है। पशुपालको ने बताया कि उनलोगो के दुग्धभिषेक पूजन करने से उनके सभी पशु एक वर्ष तक निरोग रहकर अच्छी दुध करते है बाबा विशु से श्रद्धा भाव से मांगी गयी कोई चीज भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं।

 बाबा विशुराउत राजकीय महोत्सव के तीनो दिन श्रद्धालुओं की जनशेलाब देखने को मिलती हैं। श्रद्धालु की जनशेलाब के कारण वाहनों का जाम की समस्या भी बनी रहती हैं, एवं तपिश गर्मी में भी श्रद्धालुजन चढ़ बढ़कर हिस्सा लेते हैं और बाबा के मंदिर में दूध चढ़ाते हैं अन्य राज्यों से आए हुए भक्तों ने बाबा के मंदिर में दूध चढ़ाकर अपने पशु के स्वस्थ रहने और वंश वृद्धि की कामना की।


श्रद्धालुओं के द्वारा चढ़ाई के दूध से मंदिर के चारों ओर दूध की धारा निकल निकल जाती हैं। जबकि आसपास के लोगों ने बाबा के मंदिर में चढ़ाएं के दूध को बाल्टी गैलन व अन्य बड़े बड़े बर्तन में भर भर कर दूध को इक्क्ठा करने में लगे रहते हैं।इसके बावजूद भी दूध की अविरल धारा से वहां की धरती पूरी तरह से गीली हो जाती हैं। मेले सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी एसजेड हसन, डीएसपी सीपी यादव,
बीडीओ शिल्पी कुमारी बेध्या, सीओ आशुतोष कुमार,थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल,एसआई भूपेंद्र प्रसाद,एएसआई हबीब उल्लाह अंसारी ,ग्रामीण पुलिस मृत्युंजय कुमार समेत अन्य सुरक्षा कर्मी व पदाधिकारी मेले में लगातार तैनात रहे।

1 टिप्पणी:

  1. मन्दिर के आगे किस व्यक्ति का नाम लिखा है ये मुझे जानना है क्या आप जानकारी दे सकते है

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