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सोमवार, 27 अप्रैल 2020

नवगछिया में लॉक डाउन में फिटनेस चैलेंज : घर में ही बना लिया प्लेग्राउंड छतों या हॉल में प्रैक्टिस कर रहे हैं खिलाड़ी GS NEWS

नवगछिया - लॉक डाउन में खिलाड़ियों के लिए फिटनेस एक बड़ी समस्या है. ऐसी स्थिति में नवगछिया के खिलाड़ियों ने अपने घरों में ही अपना प्लेग्राउंड बना लिया है. विभिन्न खिलाड़ी अपने घरों की छतों पर या फिर हॉल में प्रैक्टिस करते नजर आ रहे हैं. लॉक डाउन में खिलाड़ियों को समय की किल्लत नहीं है. कई खेलों के कुछ कोच ने बताया कि लॉक डाउन में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने पर्याप्त समय देखकर खुद को फिट तो रखा ही है दूसरी तरफ खुद को इंप्रूव भी किया है. इन दिनों कई खेलों के कोच ताइक्वांडो के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी फाइटर जेम्स, ताइक्वांडो संघ के जिला महासचिव घनश्याम प्रसाद, सौरभ चौरसिया, वॉलपेपर मिंटन के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी राहुल कुमार आदि खिलाड़ियों को ऑन लाइन टिप्स भी दे रहे हैं. उनलोगों ने उम्मीद जाहिर की है कि लॉक डाउन के वजह से नवगछिया के खेल गतिविधि पर कोई असर नहीं पड़ेगा बल्कि भविष्य यहां के खिलाड़ी और अच्छा प्रदर्शन करेंगे ।

खिलाड़ियों ने कहा 
ताइक्वांडो के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी फाइटर जेम्स ने कहा कि को रोना जैसे वायरस से बचने के लिए खिलाड़ियों को अपना इम्यून सिस्टम बढ़ाना पड़ेगा इसके लिए उन्हें फिजिकल फिट रहना काफी जरूरी है. खुशी है कि लॉक डाउन में सबा ने अच्छा किया और खुद को पहले से ज्यादा इंप्रूव किया. 

बालक हरिओम ने कहा कि जब घर पर ही प्रेक्टिस करने की बात आई तो उसके घर में जगह का अभाव था लेकिन वे फिर भी प्रैक्टिस के लिए जगह का जुगाड़ कर ही लिया और अब वे नियमित प्रैक्टिस कर रहे हैं और कोच से सीधे संपर्क में रहते हैं.अदिति ने कहा कि लॉक डाउन होने के बाद उसे लगा कि कितने दिनों तक घर में खाली बैठे रहने से और सिर्फ पढ़ाई करने के बाद उनका खेल खराब हो जाएगा लेकिन उनके कोच के परामर्श पर प्रैक्टिस शुरू किया. अब वह पूरी तरह से फिट है और पहले से बेहतर प्रदर्शन के लिये तैयार है.

ताइक्वांडो के खिलाड़ियों शिवम हर्ष और अन्नया ने कहा कि लॉक डाउन होने के बाद 5 दिनों तक उन्हें कुछ समझ नहीं आया फिर उनके कोच का फोन आया कि अपने घर पर रहकर ही प्रैक्टिस करना है. फिर ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था की गई और वे लोग अब नियमित प्रैक्टिस पर हैं. लॉक डाउन का खाली समय भी अच्छी तरह से कट जा रहा है. 

सोनाक्षी का कहना है कि लॉक डाउन की प्रैक्टिस के बाद वह पक्के दावे के साथ कह सकती है कि अगले गेम में वह मेडल लेकर आएगी. इस दौरान उसने अच्छा खेला है और सर लोग भी उसकी तारीफ कर रहे हैं.

प्रियांशु ने कहा कि घर में मैदान के तरह खुलापन और आजादी तो नहीं मिलती है लेकिन फिर भी फिटनेस के लिए वे रोजाना प्रैक्टिस कर रहे हैं.

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