नवगछिया - लॉक डाउन में कोरोना मरीजों को छोड़ कर दूसरी बीमारी के पीड़ित मरीजों के लिये भागलपुर जिले में किसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा नहीं है. गोपालपुर थाना क्षेत्र की महिला किरण देवी शुक्रवार से ही अपने बीमार अचेत पति राजकुमार साह को लेकर भागलपुर से नवगछिया तक दौड़ लगाती रही लेकिन उसकी सुध लेने वाला भी कोई न था. शनिवार को नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में लाचार हो कर किरण देवी हर किसी को कह रही उसका पति जिंदा है, सांसे चल रही है. इलाज हो जाये तो बच जाएगा. किसी तरह की व्यवस्था नहीं देख किरण अपने पति को पुनः घर लेकर चली गयी. जब नवगछिया के सामाजिक कार्यकर्ताओं आजाद हिंद मोर्चा के अध्यक्ष राजेन्द्र यादव, ताईक्वांडो के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी फाइटर जेम्स, भाजपा नेता सज्जन भारद्वाज किरण देवी के घर पहुंचे और नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल से एम्बुलेंस की व्यवस्था कर राजकुमार साह को भागलपुर के भाजपा नेता सह विधान पार्षद डॉ एनके यादव के नर्सिंग होम में भर्ती करवाया. देर शाम खबर लिखे जाने तक इलाज शुरू कर दिया गया था. राजकुमार की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.
24 घंटे से भागलपुर और नवगछिया की दौड़ लगा रही थी किरण
मकनपुर निवासी किरण देवी ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर में उसका पति राजकुमार साह घर में कुर्सी पर बैठे हुए थे. वे एकाएक कुर्सी से नीचे गिर गए और अचेत हो गए. आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे जेएलएनएमसीएच रेफर कर दिया. अनुमंडल अस्पताल से एंबुलेंस उपलब्ध करवाया गया और राजकुमार साहब को जेएलएनएमसीएच पहुंचाया गया. यहां उसे सदर अस्पताल जाने को कहा गया. सदर अस्पताल पहुंचने पर यहां भी चिकित्सकों ने कहा कि राजकुमार साह का इलाज यहां संभव नहीं है और उसे मायागंज भेज दिया गया. थक हारकर परिजन फिर मायागंज पहुंचे तो यहां भी राजकुमार साह के इलाज होने की कोई व्यवस्था नहीं बनी तो वे लोग मरीज को लेकर देर रात घर चले आये. सुबह राजकुमार साहब को लेकर उसकी पत्नी एक बार फिर नवगछिया अनुमंडल अस्पताल पहुंची. इलाज की किसी तरह की व्यवस्था नहीं बनते देख वह पुनः राजकुमार साह को लेकर घर चली गई. किरण देवी ने बताया कि चिकित्सक उसे पटना जाने को कह रहे हैं लेकिन पटना जाने के लिए उसके पास कोई व्यवस्था नहीं है वह सब्जी बेचकर अपना घर चलाती है और चार बच्चों का भरण पोषण करती है. इसलिए वह एंबुलेंस का खर्चा भी नहीं उठा सकती है. दूसरी तरफ जब किरण देवी के परिजनों ने पता किया तो पता चला कि भागलपुर या फिर नवगछिया के सरकारी अस्पतालों से राजकुमार साह को पटना भेजे जाने की भी कोई व्यवस्था नहीं है. चिकित्सकों ने किरण देवी को बताया है कि जिस तरह से राजकुमार साहब बेहोश है उसे देखकर कहा जा सकता है कि उसका ब्रेन हेमरेज हो गया है. किरण देवी ने कहा कि निजी अस्पताल में भी इलाज कराने के लिए उसके पास पैसे नहीं है. यह उसका दुर्भाग्य है कि अपने पति को व तिल तिल मरते हुए आंखों के सामने देख रही है.
कहते हैं सीएस
भागलपुर के सिविल सर्जन ने कहा कि मायागंज में सिर्फ कोरोना के मरीजों का ही इलाज होता है. जबकि सदर अस्पताल में ब्रेन हेमरेज के मरीज के इलाज के लिए व्यवस्था नहीं है. जिले में जितने भी एंबुलेंस उपलब्ध हैं वह सभी कोरोना मरीजों की सेवा में लगे हैं. इसलिए पटना भेजने के लिए मरीज को एंबुलेंस सेवा नहीं दिया गया.
कहते हैं डीएस
नवगछिया अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक ने बताया कि शुक्रवार को उक्त मरीज जब नवगछिया अनुमंडल अस्पताल आया तो प्राथमिक चिकित्सा देखकर उसे भागलपुर जेएलएनएमसीएच के लिए रेफर कर दिया गया था और एंबुलेंस भी उपलब्ध कराया गया था. शनिवार को भी जब परिजनों ने भागलपुर जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की तो उसे उपलब्ध करवाया गया. पटना भेजने के लिए नवगछिया से एंबुलेंस सेवा देने का कोई प्रावधान नहीं है.
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