नवगछिया शहर में कोरोना पोजेटिव मरीज मिलने के बाद जब प्रशासन द्वारा शहर को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए सील किया और शहर के तीन किलोमीटर तक इलाके को सील कर दिया. सीलिंग के बाद भी कुछ लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. शहर को सील किए जाने के बाद शहर में राशन से लेकर चाय पाना तक की दुकानें खुल जाती है. सुबह छह बजे तक लोग अपनी जरूरत की समान को खरीद कर अपने अपने घरों में बंद हो जाते हैं. लोग उस समय बे रोक टोक बाजार में घूमते है और सामानों की खरीदारी करते हैं. शनिवार की अहले सुबह भी नवगछिया शहर का कुछ ऐसा ही माहौल था. देर रात पुलिस पदाधिकारी के आराम में जाने के बाद सुबह तीन बजे ही शहर की विभिन्न चौक चौराहों पर दुकानदारों के द्वारा दुकान खोल दी गई थी. दुकान के खुलने के साथ ही लोगों की भीड़ शहर की सड़कों पर जमा हो गई. इसके बाद लोगों ने सब्जी से लेकर राशन पानी एवं आवश्यक वस्तुओं के साथ चाय पान तक का आनंद लिया. इसके बाद सुबह जब तक पुलिस के जवान अपने अपने निर्धारित स्थान पर आते सभी दुकानें बंद हो गई. लोग अपने अपने घरों में जाकर बंद हो गए. सात बजे तक शहर पूरी तरह से खाली हो गया. ऐसा लगाने लगा कि शहर में सील के बाद सबकुछ का पालन हो रहा है लोग अपने अपने घरों में बंद हैं. लेकिन शहर के अहले सुबह का नजारा कुछ और होता है लेकिन पुलिस के डियूटी पर आने के साथ ही सड़के सुनी हो जाती है.
कालाबाजारी और मुनाफाखोरी परवान पर
नवगछिया बाजार में काला बाजारी और मुनाफाखोरी भी परवान पर है. हर सामग्री के मूल्य में 20 से तीस फीसदी की बढ़ोतरी की गयी है. आम लोग जरूरत की सामग्री लेने को विवश हैं. नवगछिया के पंकज कुमार भारती, अशोक केडिया, प्रवेश कुमार यादव ने कालाबाजरी और मुनाफाखोरी के साथ साथ सीलिंग को तोड़ने वाले लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है.
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