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मंगलवार, 30 मई 2017

लक्ष्मीकान्त घूमना जिनका शौक मगर उसमें भी नजरें ढूंढ़ती हैं कुछ खास जो समाज को प्रेरित करे

GS

बरुण बाबुल , गोसाई गाँव समाचार 

यूँ तो पत्रकार के गाड़ी में प्रेस लिखा देख आप समझ सकते है कि यह पत्रकार की गाड़ी हैं । खबर की खोज जारी हैं । मगर बिहार राज्य के भागलपुर कमिश्नरी में एक ऐसे भी वरिष्ठ पत्रकार हैं यो स्वगं अकेले चलते हैं । मगर उनकी निगाहें ही कैमरा है । सच पूछिए तो घूमना उनका शौक मगर नज़रों कैमरे की तरह काम करती है । कैमरे का काम तस्वीर में दृश्य को परिवर्तन करना हैं । मगर इनका काम तस्वीर को समाचार के जरिये पुरे देश वासियों के सामने रख देना हैं। बिना प्रेस की गाड़ी भारत की किसी छोर की हरियाली उनके नजरों से बचता नहीं हैं । जी हां मैं बात कर रहा हूँ लक्ष्मीकांत दुबे की । दैनिक भास्कर के भागलपुर संस्करण प्रारंभ होने के कुछ समय बाद ही इनका कर्मभूमि भागलपुर बना । जिले के कई दूर दराज गाँव , शहर की बड़ी बड़ी खामियां , लापरवाही , समस्या एवं गौरवान्वित जगह , लोग , अद्धभुत कला के धनी , अनोखें कार्य वाले।लोगों , स्थानों को इन्होनें समाचार के माध्यम से सबों के बीच रखा हैं । गत वर्ष भागलपुर जिले के खेल प्रेमी एवं बच्चों के जिद पर जिला स्कुल के मैदान को प्रशासन जो इस मैदान पर बिल्डिंग खड़ा करना चाह रहे थे । उनसे समाचार के माध्यम से मुक्त कराया एवं प्रकार से कई सैकड़ों खबर अब तक समाचार के माध्यम से समाज के सामनें रखा हैं ।


भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल के कई गाँव के बड़े - बुजुर्ग सहित बच्चे भी इनको पहचानते हैं । गोसाईं गाँव के पढनें लिखनें वाले कई दर्जन बच्चे को दुबे सर - दुबे सर कहते आप अपनें आँखों से देख सकते हैं ।

सोशल मिडिया फ़ेसबुक पर इनकी जितनी भी तस्वीर अपलोड होती हैं । उसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं की इनकी यह घुमंतू अंदाज कितनें गाँव - कस्बों को संवारता हुआ कितनों  को गौरव शाली बना देता हैं ।

इनका परिचय इनका कार्य हैं । उत्तर प्रदेश के  गोरखपुर से पत्रकारिता का सफर इन्होनें  शुरू किया था । बंगाल, पंजाब, मध्य प्रदेश , राजस्थान आदि जगहों पर भी काम कर चुके हैं । पिछले दो साल से बिहार के भागलपुर में हैं और कम समय में ही सबके प्रिय बन चुके हैं ।


इनकी कई खबर को गोसाईं गाँव समाचार नें जमाकर आपके सामनें रखा हैं । मगर इनकी पहचान दैनिक भास्कर भागलपुर संस्करण की पेज हैं । सोशल मिडिया फ़ेसबुक पर इन्हें  5 हजार से अधिक लोगों ने फॉलो कर रखा हैं  । जिससे हम आप इनकी लोकप्रियता को आसानी से जान सकते हैं ।

एक बात और की लक्ष्मीकांत दुबे को बच्चे बहुत ही पसंद हैं और बच्चे भी इन्हें बहुत प्यार करते हैं । कोई भी छोटा बच्चा हो , जरा सा इनका मिजाज थोड़ा भी इधर - उधर हुआ ही बस गले पकड़ कर लटक गये । इन्हें बच्चों से बहुत लगाव हैं खासकर वैसे बच्चे जिनका कोई नहीं हैं इसलिए नियमित रूप से ये रामनंदी अनाथालय नाथनगर जाते रहते है कुछ ना कुछ सामग्री लेकर । प्रत्येक वर्ष ये अपनें जन्मदिन भी अनाथालय के बच्चों के साथ मानते हैं वहां के बच्चे भी इन्हें देख कर ख़ुशी मानाने लगते है ताली बजाकर इनका स्वागत करते हैं ।
       अख़बार कार्यालय में स्कूली बच्चो को जानकारी देते हुए


पत्रकार हैं यह मगर एक मिसाल हैं अंग प्रदेश भागलपुर की ।

भागलपुर जिलाधिकारी आदेश तितिरमारे के साथ 
                                      
       क्रिकेटर राजेश कुमार से साक्षात्कार 

                  नवगछिया में भीषण बाढ़ में भी रिपोर्टिंग
       घूमना शौक हैं 

      बच्चों को पुरुस्कृत करते हुए 


       नवगछिया में मित्रों के साथ 
लक्ष्मीकांत दुबे की कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे की ख़बर जिसे पुरे देश में पसंद किया गया , आपके लिए ...