नवगछिया के नारायणपुर भवानीपुर थाना क्षेत्र के गंगा दियरा में इलाके के नारायणपुर निवासी सुबोध यादव के खेत मे एसटीएफ के मुठभेड़ में कुख्यात अपराधी दिनेश मुनी का शव पड़ा था। उसके बगल में एक बोरे से बने तिरपाल बिछे हुए थे। बगल में एक पांच लीटर के गेनल में आधा गेनल ताड़ी थी। ताड़ी पीने के लिए वहां पर डिस्पोजल ग्लास भी थी। दिनेश मुनी के हाथ के पास एक कारबाईन व एक दोनाली बंदूक पड़ी हुई थी। एक कारबाईन दिनेश मुनी के शव के पास से आठ मीटर की दूरी पर मक्के के खेत मे पड़ी हुई थी। घटना स्थल पर स्थिति को देखने से लगा रहा था कि दिनेश मुनी के साथ वहां पर तीन और सहयोगी आपरधी मौजूद थे। सभी आपरधी तारी पीने के बाद वहां पर आराम मूड में थे। एसटीएफ के द्वारा देर रात की गई कार्रवाई के बाद जब मुड़भेड़ शुरू हुई तो दिनेश मुनी को एसटीएफ कि गोली लग गई। गोली लगने के बाद धीरे धीरे फायरिंग करते हुए दिनेश मुनी के सहयोगी पीछे हटे अपराधियों के बीच हुए एनकाउंटर के दौरान एसटीएफ की टीम को भाड़ी पड़ते देख दिनेश मुनी के सहयोगी मोर्चा छोड़ एक सहयोगी ने खेत मे ही अपना हथियार को छोड़ दिया जबकि दो आपरधी हथियार लेकर ही वहां से फायर करते हुए फरार हो गए। बताया जाता है कि एसटीएफ की टीम ने दो सौ मीटर तक उन अपराधियों का पीछा किया था। लेकिन मक्के के घने खेत मे अपराधियों द्वारा गोली फायरिंग किए जाने से टीम वहीं रुक गई ।