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शनिवार, 11 जुलाई 2020

नेपाल में हो रही मूसलाधार बारिश ने बढ़ाई परेशानियां, खोले गए गण्डक बराज के सभी 36 फाटक GS NEWS


नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से गण्डक नदी उफान पर है. गण्डक बराज से देर रात अब तक का सर्वाधिक 2 लाख 87 हजार क्यूसेक पानी गण्डक नदी में डिस्चार्ज किया गया है. साथ ही गण्डक बराज के 36 फाटकों को खोल दिया गया है और नहरों में पानी सप्लाई बंद कर दी गई है.
गण्डक के जलस्तर में अब तक की सर्वाधिक वृद्धि 
नेपाल के पोखरा सहित ट्राई क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने टेंशन बढ़ा दी है. गण्डक बराज नियंत्रण कक्ष से गण्डक नदी में अब तक का सर्वाधिक 2 लाख 87 हजार क्यूसेक पानी देर रात छोड़ा गया. जिससे गण्डक नदी का पानी उफान पर है. जल वृद्धि को लेकर प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है.

गण्डक नदी के निचले इलाके से दूर रहने की हिदायत 
गण्डक नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को लेकर शासन-प्रशासन मुस्तैद है. जिलाधिकारी सहित एसडीएम, बीडीओ, सीओ और अभियंता लगातार तटबंधों की निगरानी में जुटे हैं.डीएम ने गण्डक नदी के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए आदेश जारी किया है कि वे गण्डक किनारे से सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं. साथ ही दियारा क्षेत्र में खेती के लिए निजी नावों से आने जाने वालों पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
फ्लड फाइटिंग की है मुक्कमल तैयारी
बता दें कि गण्डक नदी में जलस्तर की वृद्धि पूरी तरह से नेपाल से डिस्चार्ज हो रहे पानी और बारिश पर निर्भर करती है. ऐसे में जलसंसाधन विभाग के अभियंताओं की देख-रेख में इसी बैग और एमटी बैग पर्याप्त मात्रा में भंडारण किया गया है. अभियंता की मानें तो 3 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी होने पर मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.
लेकिन फिलहाल इस तरह का कोई खतरा नहीं है और लगातार निगरानी की जा रही है. इधर ग्रामीणों का कहना है कि पहली बार एक रात में इतना ज्यादा पानी बढ़ा है.

सोमवार, 6 जुलाई 2020

नेपाल ने भारत को बांध तोड़ने की दी धमकी ,बिहार में बाढ़ का बढा़ खतरा हो सकता है भारी नुकसान GS NEWS


नेपाल के रौतहट जिला प्रशासन ने बंजरहा के पास भारतीय सीमा में नो मेंस लैंड से सटे हुए लालबकेया नदी के तटबंध के एक हिस्से को हटाने अन्यथा इसे तोड़ने की चेतावनी दी है. नेपाल का दावा है कि बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग ने दो मीटर चौड़ा और 200 मीटर लंबा तटबंध नो-मेंस लैंड को अतिक्रमित कर बनाया है. नेपाल ने कहा है कि इसे हटाया नहीं गया तो इसे तोड़ कर हटा देंगे. इधर खतरा इस बात का है कि बरसात के इस मौसम में अगर तटबंध को हटाया गया, तो इलाके के लोगों को बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.
रौतहट के सीडीओ (डीएम) वासुदेव घिमिरे ने कहा :-
रौतहट के सीडीओ (डीएम) वासुदेव घिमिरे ने  प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेपाली मीडियाकर्मियों से कहा है कि दोनों देशों की भू-मापक टीम द्वारा की गयी पैमाइश में पाया गया है कि बॉर्डर पिलर संख्या 346/5 से पिलर संख्या 346/7 के बीच 11 स्थानों पर पिलर बनाया गया है. मापी में पाया गया है कि बांध को कहीं दो मीटर तो कहीं एक मीटर नो-मेंस लैंड को अतिक्रमित कर बनाया गया है.
नो-मेंस लैंड को खाली करने पर सहमति बनी
बताया कि दोनों देशों के सुरक्षाकर्मियों व अधिकारियों की उपस्थिति में नो-मेंस लैंड को अतिक्रमण कर बागमती तटबंध बनाने की पुष्टि के बाद नो-मेंस लैंड को खाली करने पर सहमति बनी है. नो-मेंस लैंड के बीच में बने पिलर से 9.1 मीटर उत्तर व दक्षिण अर्थात 18.2 मीटर नो-मेंस लैंड की जमीन पहले से ही निर्धारित है.
नहीं हटाया तो तो नेपाल सरकार स्वयं बांध हटा देगी
नो-मेंस लैंड की जमीन पर कोई निर्माण कार्य नहीं होना है. इसके बावजूद भी वहां तटबंध बना दिया गया है. रौतहट डीएम ने यहां तक कह दिया कि नो-मेंस लैंड पर बने बांध को हटाने पर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच सहमति बन गयी है. इसके बावजूद भी बांध को नहीं हटाया गया, तो नेपाल सरकार स्वयं बांध हटा देगी.
विवाद में रहा बांध
मालूम हो कि अधवारा समूह की लालबकेया नदी का यह वही तटबंध है, जिसकी मरम्मत को नेपाल के सुरक्षाकर्मियों ने पिछले दिनों रोक दिया था. बागमती प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता जमील अनवर ने बताया कि तटबंध हटाने का ऐसा कोई निर्देश उन्हें नहीं मिला है. अभी वह बाढ़ व कटाव निरोधक कार्य में लगे हैं. उन्हें किसी तरह की मापी किये जाने की जानकारी नहीं है.

बुधवार, 20 मई 2020

कोरोना संकट के बीच नेपाल में आया भूकंप, अनंतलिंगेश्वर था केंद्र GS NEWS



कोरोना संकट के बीच नेपाल में भूकंप आया है. यह भूंकप सुबह आठ बजकर 14 मिनट पर आया है. जिसके बाद लोग डर गए. भूकंप का केंद्र के बारे में बताया जा रहा है कि भक्तपुर जिले केअनंतलिंगेश्वर इलाके में था. भूकंप की तीव्रता 3.4 था. 

12 मई को भी आया था भूकंप

इससे पहले 12 मई को भी नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. नेपाल के नेशनल सिस्मोलॉजी सेंटर के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.3 दर्ज किया गया था. उससे समय भी जानमाल के नुकसान नहीं हुआ था.

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