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शुक्रवार, 17 जुलाई 2020

राजनाथ का सख्त संदेश, दुनिया की कोई ताकत नहीं छीन सकती एक भी इंच जमीन GS NEWS

चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख और जम्मू-कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। आज वह पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ लेह पहुंचे। इसके बाद वह लद्दाख गए। लद्दाख में रक्षा मंत्री ने सेना के जवानों के साथ बात की।
भारतीय जवानों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत जारी है, लेकिन इसका कहां तक हल निकल सकता है इसकी मैं गारंटी नहीं दे सकता। लेकिन मैं आपको इतना जरूर आश्वस्त कर सकता हूं कि दुनिया की कोई भी ताकत हमारी एक इंच भी जमीन हमसे नहीं ले सकती है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि  बातचीत से विवाद को सुलझा लिया जाता है तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है।
राजनाथ सिंह ने लद्दाख में जवानों को कहा, 'हाल ही में PP14 पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के दौरान हमारे कुछ जवान शहीद हो गए। मैं यहां आप सभी से मिलकर खुश हूं, लेकिन उनकी शहादत से दुखी भी हूं। मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लुकांग में बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ भारतीय सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ बातचीत की। यहां उन्होंने जवानों को मिठाईयां भी खिलाई।

रविवार, 5 जुलाई 2020

लद्दाख में पीछे हटने को मजबूर हुआ चीन, गलवान घाटी में 2 किमी पीछे हटे चीनी सैनिक GS NEWS


आक्रामकता और फुंफकार दिखाकर जमीन हड़पने की कोशिश में जुटा ड्रैगन, भारत से मिले ठोस जवाब और दबाव की वजह से कदम पीछे खींचने को मजबूर हो गया है। 'द हिन्दू' की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसा वाली जगह से 2 किलोमीटर पीछे हट गए हैं। 
15 जून की घटना के बाद चाइनीज पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक उस स्थान से इधर आ गए थे जो भारत के मुताबिक एलएसी है। भारत ने भी अपनी मौजूदगी को उसी अनुपात में बढ़ाते हुए बंकर और अस्थायी ढांजे तैयार कर लिए थे। दोनों सेनाएं आंखों में आंखें डाले खड़ी थीं।
कमांडर स्तर की बातचीत में 30 जून को बनी सहमति के मुताबिक चीनी सैनिक पीछे हटे या नहीं,  इसको लेकर रविवार को एक सर्वे किया गया। अधिकारी ने बताया, ''चीनी सैनिक हिंसक झड़प वाले स्थान से दो किमी पीछे हट गए हैं। अस्थायी ढांचे दोनों पक्ष हटा रहे हैं।'' उन्होंने बताया कि बदलवा को जांचने के लिए फिजिकल वेरीफिकेशन भी किया गया है। 
दोनों देशों की सेनाओं के बीच लद्दाख में एलएसी पर करीब दो महीने से टकराव के हालात बने हुए हैं। छह जून को हालांकि दोनों सेनाओं में पीछे हटने पर सहमति बन गई थी लेकिन चीन उसका क्रियान्वयन नहीं कर रहा है। इसके चलते 15 जून को दोनों सेनाओं के बीच खूनी झड़प भी हो चुकी है। इसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बात हुई है तथा 22 जून को सैन्य कमांडरों ने भी मैराथन बैठक की।
15 जून की घटना के बाद से भारत ने 3,488 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने विशेष युद्ध बलों को तैनात किया है, जो कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के पश्चिमी, मध्य या पूर्वी सेक्टरों में किसी भी प्रकार के हमले से जूझ सकते हैं। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि भारतीय सेना को पीएलए द्वारा सीमा पार से किसी भी हरकत का आक्रामकता से एलएसी पर जवाब देने का निर्देश दिया है।