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मंगलवार, 30 जून 2020

चुनाव आयोग का नया नियम:-बिहार में नए नियम से होगा चुनाव, दलों को बताना होगा- क्‍यों दिया अपराधियों को टिकट GS NEWS

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में अब सभी दलों को यह बताना होगा कि आखिर किस वजह से उन्होंने आपराधिक मुकदमे वाले नेताओं को चुनाव में टिकट दिया है। बिहार में पहले से ही अापराधिक मुकदमे वाले नेताओं का टिकट देने का सभी दलों का पुराना इतिहास रहा है, लेकिन अब जवाब देना होगा। ऐसे में कई नेताओं का पत्ता साफ होना इस विधानसभा चुनाव में तय माना जा रहा है। चुनाव आयोग के नए नियम से बिहार में पहली बार चुनाव होगा।  
वोटिंग के दो दिन पहले तक देनी होगी जानकारी

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में सभी दलों को यह बताना होगा कि आखिर किस वजह से उन्होंने आपराधिक मुकदमे वाले नेताओं को चुनाव में टिकट दिया है। दागी उम्मीदवारों को पर्चा वापस लेने की आखिरी तारीख से मतदान के दो दिन पहले तक आपराधिक रिकॉर्ड अखबारों और टीवी चैनलों के माध्यम से मतदाताओं को बताने होंगे। उन्हेंं सभी लंबित आपराधिक मामलों का ब्योरा बड़े अक्षरों में अखबारों छपवाना होगा।
टीवी चैनलों पर भी देना होगा विज्ञापन

टीवी चैनलों में भी ऐसे मामलों की जानकारी विस्तार से देनी होगी। यहीं नहीं, ऐसे नेताओं को टिकट देने वाले राजनीतिक दलों को भी इस बारे में अपनी वेबसाइट पर विस्तार से बताना होगा। बिहार में पहले से ही अपराधिक मुकदमें वाले नेताओं का टिकट देने का सभी दलों का पुराना इतिहास रहा है। लेकिन अब जवाब देना होगा। ऐसे में कई नेताओं का पत्ता साफ होना इस विधानसभा चुनाव में तय माना जा रहा है। 
चुनाव आयोग ने भेजा पत्र 

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सभी मान्यता प्राप्त दलों के लिए यह व्यवस्था लागू कर दिया है। बिहार में 150 रजिस्टर्ड दलों को निर्वाचन विभाग ने चिट्ठी लिखी है। इसके अलावा राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त  2543 दलों को भी पत्र भेजा जा रहा है। 
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नई व्यवस्था

बिहार के उप मुख्य निर्वाचन बैजूनाथ सिंह ने बताया कि आयोग का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सभी पार्टियाें को पत्र लिखा गया है। यह व्यवस्था बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार लागू हो रहा है। दलों को बताना होगा कि आपराधिक मामले दर्ज नेताओं को उम्मीदवार बनाने का क्या कारण था। इसके अलावे नामांकन के महीने के अंदर दलों के प्रत्याशियों समाचार पत्रों और टीवी के माध्यम से इसकी सूचना देनी होगी। उप मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि राज्य के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव आयोग का पत्र भेजा जा रहा है।
विज्ञापन का यह है प्रावधान 

दलों को भी उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी अपनी वेबसाइट पर देनी होगी। साथ ही, इस बारे में अखबारों में प्रकाशित कराना होगा और चैनलों पर भी प्रसारित कराना होगा। नामांकन के समय सी फॉर्म में भी यह सब बताना होगा। चुनाव के 30 दिन के अंदर यह तमाम जानकारी राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को देना अनिवार्य किया गया है। प्रत्याशियों आपराधिक रिकॉर्ड और सजा आदि का विवरण अपने इलाके के सर्वाधिक प्रसार संख्या वाले अखबारों में तीन अलग-अलग तारीखों में विज्ञापन के रूप में छपवाना होगा। यह सूचना बड़े अक्षरों में (12 पॉइंट) में छपवानी होगी। टीवी चैनलों पर तीन अलग-अलग दिन खुद पर लगे आरोप बताने होंगे।

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