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मंगलवार, 30 जून 2020

नारायणपुर :- क्वारंटाइन सेंटर पर प्रतिनियुक्त शिक्षकों को अभी तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण: नितेश GS NEWS



नारायणपुर: क्वारंटाइन सेंटर पर प्रतिनियुक्त शिक्षकों व कर्मियों को ड्यूटी खत्म होने के पन्द्रह दिनों बाद तक भी प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने पर कोसी स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी प्रत्याशी सह राजद नेता नितेश यादव ने गहरी चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि प्रवासी कामगारों के बिहार वापसी पर आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रत्येक प्रखण्ड में क्वारंटीन सेंटर बनाकर प्रवासियों को दो सप्ताह तक उस सेंटर में रखने का आदेश जारी किया था. इनमें बड़ी संख्या में शिक्षकों को भी प्रतिनियुक्त किया गया था तीन शिफ्ट बना कर इनसे काम भी लिया गया. इतना ही नहीं बिना कोई सुरक्षा मुहैया कराये इन शिक्षकों से रात्रि ड्यूटी भी करवाई गई. लेकिन, उन्हें भोजन और नाश्ता की राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. श्री यादव ने कहा कि कर्तव्य पर उपस्थित शिक्षकों और कर्मचारियों को अल्पाहार तथा भोजन की राशि को नकद भुगतान करने का निर्देश सचिव ने जारी किया था. इसके अंतर्गत सरकारी कार्य के प्रयोजनार्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को कार्यालय में देर रात तक अथवा अवकाश के दिन कर्तव्य पर उपस्थित रहने के फलस्वरूप उनको अल्पाहार के लिए 100 रुपये और भोजन के लिए 250 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से निर्धारित किया गया था. लेकिन अधिकांश जिलों में किसी भी कर्मचारी को प्रोत्साहन राशि मुहैया नहीं कराई गई है उन्होंने इस संबंध में सभी सभी जिलाधिकारियों का पत्र लिखकर अविलंब भुगतान करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षकों को उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है. अच्छे नागरिक के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है. इसलिए शिक्षकों को उचित सम्मान मिलना चाहिए. श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. पांच साल बीत जाने के बाद भी उसे सेवा शर्त नहीं दिया गया है. उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि बिधानसभा चुनाव से पूर्व नियोजित शिक्षकों को समान वेतन, राज्यकर्मी का दर्जा, नियमित शिक्षकों के भांति सेवा शर्त, नव प्रशिक्षित शिक्षकों को समस्थानिक इंडेक्स में पे फिक्सेशन करने,ईपीएफ लाभ, स्थानांतरण सुविधा, पुरानी पेंशन आदि अविलंब देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार समय रहते शिक्षकों की जायज मांगों को पूरा नहीं करती है तो विधानसभा चुनाव में पांच लाख शिक्षक कुर्सी से उतारने का काम करेंगे. 




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