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मंगलवार, 23 जून 2020

भूकंप के बाद क्षतिग्रस्त हुई थीं पुल ,85 साल बाद कोसी पुल पर दौड़ी ट्रेन GS NEWS

वर्ष 1934 में आए भूकंप में कोसी नदी पर बना रेल पुल क्षतिग्रस्त होने से संपर्क भंग हो गया था। अब उस कोसी पुल पर ट्रेन परिचालन जल्द शुरू होने की संभावना बन गई है।
सुपौल जिले के सरायगढ़ स्थित कोसी पुल पर मंगलवार को 85 साल बाद पहली बार निरीक्षण ट्रेन दौड़ी। निरीक्षण ट्रेन में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण ब्रजेश कुमार, चीफ इंजीनियर ए. के. राय और डिप्टी चीफ इंजीनियर डी. एस. श्रीवास्तव थे। मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने ट्रेन से किए गए आमान परिवर्तन कार्यों का जायजा लिया। निरीक्षण ट्रेन ने आसनपुर कुपहा से सरायगढ़ की 13 किमी की दूरी करीब 25 मिनट में पूरी की। हालांकि सहरसा से स्पेशल ट्रेन से जाने के दौरान सीएओ सरायगढ़ से आसनपुर कुपहा तक रुकते हुए निरीक्षण करते गए। 
इस दौरान उन्होंने कार्यों को देखते हुए आवश्यक निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। सीएओ ब्रजेश कुमार ने कहा कि सरायगढ़ से आसनपुर और आसनपुर कुपहा से कोसी पुल होते सरायगढ़ तक निरीक्षण ट्रेन से जायजा लेते कार्य स्थलों को देखा गया है। इस सेक्शन में आमान परिवर्तन कार्य लगभग पूरा हो गया है। सीआरएस निरीक्षण कराने की तैयारी है। सीआरएस से निरीक्षण तिथि मिलने का इंतजार किया जा रहा है।
 
आसनपुर कुपहा से निर्मली के बीच चल रहा काम
सुपौल जिले के आसनपुर कुपहा से मधुबनी जिले के निर्मली तक आमान परिवर्तन कार्य चल रहा है। इसे भी दो से तीन माह में पूरा करने की योजना बनाते कार्यप्रगति की सीएओ लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
कोसीवासियों और वाजपेयी का सपना होगा पूरा
सुपौल जिले के सरायगढ़ स्थित कोसी पुल होकर आसनपुर कुपहा तक ट्रेन चलना कोसीवासियों, मिथिलांचल वासियों और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था। वर्ष 1934 में आए भूकंप के बाद क्षतिग्रस्त कोसी पुल ने कोसी और मिथिलांचल को कम समय में जोड़ने वाले रेलमार्ग से अलग थलग कर दिया था। इसके बाद छह जून 2003 को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने कोसी पुल की नींव रखी। करीब 1.88  किलोमीटर लंबे इस पुल होकर आसनपुर कुपहा तक जल्द सीआरएस निरीक्षण होते ट्रेन परिचालन होने की जगी उम्मीद से लोगों में खुशी है। बता दें कि बीते दस जनवरी को मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ब्रजेश कुमार ने ही पहली बार कोसीपुल पर मोटर ट्रॉली से निरीक्षण किया था। 

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