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शनिवार, 5 नवंबर 2016

पकरा नवगछिया : 14 नo. सड़क किनारें बगीचे में मिली महिला की सिर कटी लाश

GS:
नवगछिया अनुमण्डल में खुनी खेल में अब महिलाओं को भी अपनें चपेट में लेना प्रारम्भ कर दिया हैं । आज भले सुबह नवगछिया अनुमण्डल सह थाना क्षेत्र के पकरा गाँव् विषहरी मंदिर के पास एक अज्ञात महिला की सर कटी लाश मिली हैं । महिला की लाश , जिसके पैर में सैंडिल तक सही सलामत है। जिसकी हत्या कहीं और करके सर उसी जगह काटा गया लग रहा हैं । अज्ञात मृत महिला की अब तक पहचान नहीं हो पाई है। महिला के बाए हाथ में कलाई के समीप HS गुदना से लिखा हुआ देखा गया है।

मौके पर ही  नवगछिया थाना की पुलिस पहुँच कर लाश को कब्जे में ले लिया है तथा मामले की छानबीन शुरू कर दी गयी है। घटना की खबर फैलते ही मिलते ही पूरे पकरा गांव में जंगल की आग की तरह बात फैल गई। जिससे काफी संख्या में लोग लाश को देखने घटनास्थल पर पहुंचे और पुलिस को जानकारी दी गई। शव को देखकर ऐसा लगता हैं कि इसे जहर देकर कहीं मार दिया गया हैं व लाश को छुपानें के लिए ही सर काट कर धड़ को फेक दिया गया हैं । चेन व पैरों में पायल के साथ शव को देखकर लग रहा हैं कि यह किसी अच्छी घरानें की महिला हैं  तथा हत्या, मकसद से ही किया गया हैं ।  लूटपाट व अपहरण की आंशका जाहिर नहीं की जा सकती हैं ।

गुरुवार, 3 नवंबर 2016

भागलपुर : जिले का एकमात्र सूर्य मंदिर , जहाँ मुस्लिम वर्ग भी करते हैं छठ देते हैं भगवान सूर्य को अर्घ ।

भागलपुर जिले के मिरजाफरी और उस्मानपुर सीमा पर स्थित जिले का एकलौता सूर्य मंदिर के प्रांगण मे हर साल के भाॅति इस साल भी भव्य मेले का आयोजन किया जा रहा हैं। मेला कमिटी के अध्यक्ष महेन्द्र प्रसाद यादव ने बताया मेले में श्रद्धालु के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाती हैं। प्रत्येक वर्ष की भाॅति इस साल भी दिनांक 06-11-2016 को रामधुन व क्वीज प्रतियोगिता 07-11-2016 को दिन में दंगल(अखाड़ा ) रात्रि आर्केस्ट्रा  08-11-2016 को दिन में दंगल(अखाड़ा)  रात्रि आर्केस्ट्रा  09-11-2016 को दिन में दंगल (अखाड़ा) का आयोजन रखा गया हैं।

दंगल में राष्ट्रीय स्तर के पहलवान भाग ले रहे हैं।उत्तर प्रदेश के बनारस से सुरेन्द्र पहलवान ,अयोध्या से मनोहर पहलवान ,झारखंड से हारूण पहलवान , हरियाणा समेत बिहार के विभिन्न जिले से पहलवान भाग लेगे तो वहीँ क्वीज प्रतियोगिता में कई भारी संख्या में युवा छात्र भाग लेंगे।

मंदिर का इतिहास।
इस मंदिर का इतिहास सौ साल से अधिक पुराना हैं।इसी कलबलिया धार से गंगा प्रवाहित होता था।और खरीक प्रखंड के दूर दराज से लगभग सभी लोग इस तट पर आकर अर्घ दिया करते थे।आज भी यहाॅ उस्मानपुर के तीन किलोमीटर के आसपास अपने छठ डाला लेकर आते हैं। पहले यहाॅ भी मंदिर छोटी सी हुआ करते थे।इसके बाद उस्मानपुर के महेश्वर प्रसाद यादव एवं मिरजाफरी के अम्बिका प्रसाद साह के नेतृत्व में समाज के सहयोग से मंदिर को बनाया गया। इसके बाद लगातार महेन्द्र प्रसाद यादव के नेतृत्व में सफल आयोजन करते आ रहे हैं। इस मंदिर का महिमा  अपरमपार  हैं।  जिसके  कथित कहानी भी हैं।पूजा के दौरान माता छठी के लिए कोई भी व्यक्ति व्यवधान नही करते हैं। वही इस दरबार में सच्चे मन से मन्नत मांगनें पर मनोकामना अवश्य पुर्ण होती हैं। मैया  छठी  के कृपा से उस्मानपुर और मिरजाफरी के कई युवा सरकारी स्तर नौकरी कर रहे हैं। और पूरा क्षेत्र धन धान्य से परिपूर्ण हैं।
वही समाजिक समरसता का भी एक मिशाल हैं। इस मेले को सफल बनाने में पड़ोसी मुसलमान परिवारों का भरपूर सहयोग रहता हैं। उन्हे भी अपने पंचायत और क्षेत्र जैसे भव्य मेले के आयोजन पर गर्व होता है और बढ़चढ़ इस मेले में भागीदारी लेते हैं।
मिरजाफरी में कई मुस्लिम परिवार आकर सच्चे मुराद से छठ पूजा के व्रत में सहयोग करते हैं।और पहली और दूसरी अर्घ में क्षेत्र के लगभग मुस्लिम परिवार सूर्य अर्घ समर्पित का साक्षी होते हैं।यह परंपरा मिरजाफरी और उस्मानपुर के बीच जिले का एक मिशाल के रूप में।
वही मुखिया आबिद अंसारी बताया मेरे यहां मेले में सबका भरपूर  सहयोग रहता हैं। और सपरिवार इस मेले में शरीक होता हूॅ। तौफिक आलम् ,नजाकत अंसारी ,चाॅद राजा आदि सभी सपरिवार मैया छठी के मेले में सहयोग के तत्पर रहते हैं ।

मेला कार्यक्रम के सहयोग में महेन्द्र प्रसाद यादव (अध्यक्ष) राजेन्द्र मंडल ,पप्पु यादव सिकंदर यादव ,केशो मंडल ,कैलाश दास रामबरण यादव ,महेश्वर यादव कृष्ण कुमार गुप्ता आदि सभी ग्रामवासी सहयोग रहते हैं।

छठ पूजा : उत्तर भारत का एक सबसे अहम पर्व

दिवाली से शुरू होकर नौ दिनों तक चलने वाले हिंदुओं के प्रमुखों त्योहारों में लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का विशेष स्थान है। छठ पूजा उत्तर भारत में बेहद अहम त्योहार या पर्व है। चार दिनों तक होने वाले इस त्योहार को महापर्व भी कहते हैं। इस पर्व में भगवान सूर्य की उपासना और अर्घ्य देने का नियम है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पर्व को मनाने को लेकर 4 तरह की कहानियां प्रसिद्ध है।

विजयादशमी के दिन लंकापति रावण के वध के बाद दिवाली के दिन भगवान राम अयोध्या पहुंचे। रावण वध के पाप से मुक्त होने के लिए भगवान राम ने ऋषि-मुनियों की सलाह से राजसूर्य यज्ञ किया। इस यज्ञ के लिए अयोध्या में मुग्दल ऋषि को आमंत्रित किया गया। मुग्दल ऋषि ने मां सीते को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सूर्यदेव की उपासना करने का आदेश दिया। इसके बाद मां सीता मुग्दल ऋषि के आश्रम में रहकर छह दिनों तक सूर्यदेव भगवान की पूजा की थी।

3. जब कर्ण को मिला भगवान सूर्य से वरदान

छठ या सूर्य पूजा महाभारत काल से की जाती है। कहते हैं कि छठ पूजा की शुरुआत सूर्य पुत्र कर्ण ने की थी। कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे। मान्याताओं के अनुसार वे प्रतिदिन घंटों कमर तक पानी में खड़े रहकर सूर्य को अर्घ्‍य देते थे। सूर्य की कृपा से ही वे महान योद्धा बने थे।

4. राजपाठ वापसी के लिए द्रौपदी ने की थी छठ पूजा

इसके अलावा महाभारत काल में छठ पूजा का एक और वर्णन मिलता है। जब पांडव जुए में अपना सारा राजपाठ तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा था। इस व्रत से उनकी मनोकामना पूरी हुई थी और पांडवों को अपना राजपाठ वापस मिल गया था।

 पूजा कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को मनाई जाती है। यह चार दिवसीय महापर्व है जो चौथ से सप्तमी तक मनाया जाता है। इसे कार्तिक छठ पूजा कहा जाता है। इसके अलावा चैत महीने में भई यह पर्व मनाया जाता है जिसे चैती छठ पूजा कहते हैं। पष्ठी के दिन माता छठी की पूजा की जाती हैं, जिन्हें धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उषआ (छठी मैया) कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार छठी मइया और भगवान सूर्य करीबी संबंधी हैं। इस पर्व के दौरान छठी मइया के अलावा भगवान सूर्य की पूजा-आराधना होती है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति इन दोनों की अर्चना करता है उनकी संतानों की रक्षा छठी माता करती हैं।

पढ़िए इस महापर्व से जुड़ी 4 कहानियां

1. सूर्य की उपासना से हुई राजा प्रियवंद दंपति को संतान प्राप्ति

बहुत समय पहले की बात है राजा प्रियवंद और रानी मालिनी की कोई संतान नहीं थी। महर्षि कश्यप के निर्देश पर इस दंपति ने यज्ञ किया जिसके चलते उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। दुर्भाग्य से यह उनका बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ. इस घटना से विचलित राजा-रानी प्राण छोड़ने के लिए आतुर होने लगे। उसी समय भगवान की भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री देवसेना प्रकट हुईं। उन्होंने राजा से कहा कि क्योंकि वो सृष्टि की मूल प्रवृति के छठे अंश से उत्पन्न हुई हैं इसी कारण वो षष्ठी कहलातीं हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होगी। राजा प्रियंवद और रानी मालती ने देवी षष्ठी की व्रत किया और उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। कहते हैं ये पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को हुई थी। और तभी से छठ पूजा होती है।

2. अयोध्या लौटने पर भगवान राम ने किया था राजसूर्य यज्ञ

ये 4 कहानियां के वजह से मनाया जाता है आस्था का महापर्व छठ पूजा

जेम्स अब तुम गुटखा बेचने के लिए जिंदा बचे हो क्या ..???

वैसे तो शीत युद्ध की समाप्ति के बाद ही तुम्हें घर बैठ जाना था… दुनिया में अब एक ही चौधरी व्हाइट हाउस वाले बचे हैं और दूसरे चौधरी के लिए कबड्डी जारी है। आज तुम्हारे रचियता स्वर्ग में बैठे इयान फ्लेमिंग का सीना अवश्य 56 इंच का हो गया होगा कि उनका जेम्सबॉण्ड भारत की धरा पर गुटखा बेच रहा है… हम भारतवासियों ने ही गुटखे का आविष्कार किया और  इसकी पिचकारी से कोई सड़क या बिल्डिंग का कोना बिना चित्रकारी से अछूता न रहा… गुटखा खाने में भारतवंशियों की कोई जोड़ ही नहीं है और मौका आए तो इसकी तलब लगने पर कोई अम्बानी किसी ठेला चलाने वाले  रामलाल से भी गुटखा मांगकर खा सकता है… ये गुटखा ही है, जिसने विविधताओं से भरे देश को एकजुट करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है…

हे जेम्सबॉण्ड, तुम्हारी पिछली फिल्म के प्रदर्शन के वक्त हमारे भारतीय सोशल मीडिया के पुरोधाओं ने तुम्हें संस्कारी बनाने और बताने के प्रयासों में भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी… धोती पहनाकर माथे पर चंदन का टीका भी लगा दिया था… जब से देश में संस्कारी और भक्तों की भीड़ बढ़ी है, तब से हे जेम्सबॉण्ड, तुम्हें लुच्चाई करने की इजाजत कैसे दी जा सकती है… वो जमाने बीत गए जब तुम सुरा-सुंदरियों से घिरे नजर आते थे और हैरतअंगेज गेजेट्स का इस्तेमाल करते हुए अपनी एस्टिन मॉर्टिन कार में दांतों तले ऊंगलियां दबाने वाले करतब दिखाते  रहे… बीती फिल्मों में तो जेम्सबॉण्ड को रियलस्टीक बनाने के भी कम प्रयास नहीं किए गए और अभी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हमारे डोभाल साहब के कारनामे भी फुर्सतिया चैनलों ने तुम्हारी स्टाइल में ही पेश किए…

आज के जेम्सबॉण्ड डेनियल क्रैग को तो रियलस्टीक बताने के चक्कर में कई बार पिटवा भी दिया गया… जेम्सबॉण्ड के रूप में अब डेनियल की पारी भी खत्म होने को है और उनके लिए भी हमारे देश में काम की कमी नहीं रहेगी। कल से क्रैग साहब भी किसी पतंजलि बीयर का विज्ञापन करते नजर आ सकते हैं… बहरहाल, आज तो अपनी तबियत पान बहार बेचते पीयर्स ब्रासनन को देखकर गद्गद् हो गई… 200 साल तक साले अंग्रेजों ने हमारे देश पर राज किया, तो क्या आज हम उनके ब्रिटिश 007 जासूस जेम्सबॉण्ड से गुटखा तक नहीं बिकवा सकते… हे जेम्सबॉण्ड, तुम निश्चिंत रहो… पर्दे पर काम मिलना बंद होने के बाद हमारे देश में तुम्हारे लिए बहुत अवसर मौजूद हैं… अभी तो तुम्हें कच्छे-बनियान भी बेचना है..! बाबा भी जीन्स-टी शर्ट बनाने जा रहे हैं, उसके लिए भी बॉण्ड गल्र्स की जरूरत पड़ेगी ही..! हे जेम्सबॉण्डों, भारत की धरा पर बारातियों की तरह तुम्हारा स्वागत है…

एक ब्राण्डप्रेमी .

साभार : ऋषव मिश्रा कृष्णा

मंगलवार, 1 नवंबर 2016

नवगछिया : भगवानीपुर में पहलवानों नें दिखाया अपना पेंच , कार्यक्रम में भागलपुर सांसद भी हुए शामिल

GS:
नवगछिया अनुमंडल के रंगरा प्रखंड अंतर्गत भवानीपुर गाँव में काली पूजा के  अवसर पर दंगल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया हैं । कई वर्षों से लगातार चलते आ रहे परंपरा वाले प्रतियोगिता में मंगलवार को  युवा राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद श्री शैलेश कुमार उर्फ़ बुलो मंडल ने भवानीपुर में काली पूजा के शुभ अवसर पर आयोजित दंगल को संबोधित करते हुए कहा कि आज भी दंगल (कुश्ती) का क्रेज हमारे समाज में बरकरार है. आज भी दंगल को देखने के लिए दूर दराज से लोग आते है. दंगल प्रतियोगिता के माध्यम से पहलवान जिला स्तर से लेकर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर अपना पहचान बनाते है और राज्य, देश और समाज का नाम रौशन करते है. इस तरह का दंगल दंगल प्रतियोगिता समाज को जोड़ता भी है. दूर – दूर से आकर हर वर्ग के लोग एक जुट होकर दंगल का आनंद लेते है. मौके पर आयोजक के द्वारा सांसद श्री बुलो मंडल जी के समक्ष नवगछिया थाना से भवानीपुर साधोपुर पथ का शीघ्र निर्माण कराए जाने की मांग किया. इस मांग पर सांसद श्री बुलो मंडल ने कहा कि निश्चित रूप से यह मांग आप लोगो का जायज है. इस जर्जर पथ को पीडब्ल्यूडी में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जी से आग्रह कर डलवा दिया गया है. इस लिए इस पथ का निर्माण पीडब्ल्यूडी के द्वारा शीघ्र होना है और दरुस्त रूप से होना है. इस मौके पर युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता अरुण कुमार यादव, पूर्व मुखिया योगेन्द्र यादव, राजकिशोर यादव, नन्दलाल यादव, शैलेश कुमार, मनोज कुमार, कमरुज्मा अंसारी, मो चाँद, सोनू कुमार, नंदू यादव, रविन्द्र यादव, उमेश यादव युवा जदयू के अध्यक्ष त्रिपुरारी भारती आदि थे ।

गोपालपुर : दवात पूजा पर कायस्थ समाज नें की भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना

दवात पूजा पर गोपालपुर प्रखंड के पचगछिया गाँव में भगवान चुत्रगुप्त की प्रतिमा बिठाकर पूजा अर्चना की जा रही हैं । कायस्थ समाज के युवक ने बताया कि मंगलवार दावत पूजा के कारण , कायस्थ समाज के लोगों ने कागज - कलम से पढाई नहीं हैं । भगवान चित्रगुप्त के पूजन में उसके समाज के लोगों के दिन भर पढाई लिखाई निषेध हैं 
 


गोसाईं गाँव : दूसरी संध्या रात्रि रंगारंग कार्यक्रम आयोजित

GS:
गोसाईं गाँव के हरिपुर टोला में स्थित माँ काली मंदिर में मंगलवार रात्रि देवी लीला रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में भक्ति गीत व कई प्रकार के झाँकी की प्रस्तुति की गयी ।  





गोसाईं गाँव : नम आँखों से माँ काली को किया विदा , शांतिपूर्ण हुआ विषर्जन

GS:

गोपालपुर प्रखंड अंतर्गत गोसाईं गाँव हरिपुर टोला में स्थित माँ काली मंदिर में स्थापित माँ काली की प्रतिमा को ग्रामीणों नें नम आँखों से विदा कर दिया गया । माँ काली पूजा समिति के अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह नें बताया कि प्रतिमा की शोभा यात्रा में गोपालपुर पुलिस की काफ़ी अहम भूमिका रही । शोभा यात्रा में भक्तों ने मैया की प्रतिमा को कंधे पर लेकर गोसाईं गाँव लक्ष्मीपुर गंगा घाट तक ले गए । विषर्जन शोभा यात्रा में बैंड बाजा और संतुरी के साथ सैकड़ों लोगों का जथा घूम रहा था ।

व्यवस्थापक नें बताया कि सोमवार रात्रि जागरण का आयोजन किया गया और आज मंगलवार रात्रि देवी लीला का आयोजन किया गया हैं । मौके पर अविनाश आनंद , संदीप कुमार ,सूरज पांडे , प्रीतम कुमार , सोनू कुमार सहित कई लोग उपस्थित थे ।

सोमवार, 31 अक्टूबर 2016

भाई - बहनों का पर्व भैया दूज आज , पढ़े पूरी कहानी भैया दूज त्यौहार की

GS:

यूँ तो भाई - बहन का सबसे लोकप्रिय पर्व रक्षा बंधन सबों को याद रहता हैं मगर रक्षाबंधन की तरह भाई बहन के अटूट प्रेम व जीवन सुरक्षा व आशीष का पर्व भैया दूज का त्यौहार है यह कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। भैया दूज के दिन कायस्थ समाज द्वारा भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती हैं।
आज मंगवार 1 नवम्बर को यह पर्व नवगछिया अनुमंडल के कई गाँव में मनाया जा रहा हैं ।

इस दिन बहनें भाई को रोली और अक्षत लगाकर उनके उज्जवल भाविष्य की दुआ करती हैं। वहीं भाई भी उन्हें उपहार स्वरूप पैसे और अन्य उपहार देते हैं।

*भाई दूज की पूरी कहानी*

शास्त्रों के अनुसार भाई दूज या भैया दूज को यम द्वितीया भी कहते हैं और इस दिन मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है। इस दिन बहनें भाई को तिलक लगाकर उन्हें लंबी उम्र का आशीष देती हैं।

ब्रजमंडल में इस दिन बहनें यमुना नदी में खड़े होकर भाईयों को तिलक लगाती हैं। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है जिसके अनुसार इस दिन भगवान यमराज ने अपनी बहन यमुना को दर्शन दिया था, जो बहुत दिनों से उनसे मिलने के लिए व्याकुल थी। अपने घर भाई के आगमन से यमुना बहुत खुश हुईं और भाई का स्वागत किया। जाते समय यमराज ने यमुना को वरदान दिया कि इस दिन जो भी भाई बहन के घर जाकर उससे तिलक लगवाएगा और उसके हाथों का बना भोजन खाएगा उसकी आयु बढ़ेगी और उसे यमलोग नहीं जाना पड़ेगा। तभी से भाई दूज मनाने की प्रथा की शुरुआत हुई।

नवगछिया : कलिका महारानी के विषर्जन में महिलाओं नें खेला सिंदूर , प्रतिमा का भक्तिमय विषर्जन शुरू

नवगछिया  बाजार क्षेत्र में स्थापित कई स्थानों के काली मैया प्रतिमा का विषर्जन प्रारंभ हो गया हैं । सोमवार संध्या नवगछिया बाजार के रुंगटा सत्संग भवन रोड के आकाश कुमार नें बताया कि संध्या नवगछिया रुंगटा सत्संग भवन में स्थापित माँ दक्षिणेश्वर काली की प्रतिमा का ढोल-तासे व भव्य शोभा यात्रा के साथ प्रतिमा का विषर्जन कर दिया गया । माँ कलिका महारानी के विषर्जन में महिलाओं नें जम कर सिंदूर खेला प्रतिमा विषर्जन में पुलिस प्रशासन व मोबाइल टाइगर सुरक्षा में मुस्तैद रहें ।


गोसाईं गाँव : माँ काली मंदिर में जागरण का भव्य आयोजन

GS:
गोसाईं गाँव के माँ काली मंदिर में सोमवार रात्रि माँ भगवती जागरण का आयोजन किया गया हैं । जागरण का उद्धघाटन गोसाईं गाँव पंचायत के मुखिया धनंजय
कुमार , सरपंच सियाशरण यादव , उप प्रमुख दयानंद यादव ने संयुक्त रूप से किया । संबोधन में मुखिया नें कहा कि संगीत विद्या की जननी हैं भक्ति का कार्यक्रम गोसाईं गाँव का गौरव रहा हैं मैया का जागरण होना बहुत ही अच्छी बात हैं मौके पर सरपंच व उप प्रमुख नें भी संबोधन किया । श्रोता के अनुरोध पर मुखिया नें भक्ति गीत से समां बांध दी । ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय और भोले ओ भोले गीत पर दर्शकों नें जम कर ताली बजाई । जागरण कार्यक्रम में दूर दराज़ के कई गायक - गायिका की प्रस्तुति जारी हैं । उद्धघाटन कार्यक्रम में मंच संचालन राजेंद्र गुप्ता ने की । मौके पर अशोक सिंह , श्याम सुंदर सिंह , कुणाल सिंटू , राजेश यादव , अभिनव कुमार  , सूरज कुमार सहित कई उपस्थित थे ।

रविवार, 30 अक्टूबर 2016

गोसाईं गाँव : शहीदों की याद में बच्चियों नें दीवाली मनानें से पहले जलाई उनकें लिए मोमबत्ती

GS:
गोसाईं गाँव में दिवाली मानाने से  पहलें गाँव की बेटियों ने अपने कार्य से सबों को मंत्रमुग्ध कर दिया । एक दर्जन बच्चियों नें शनिवार को ही कई युवा, अभिभावक को आमंत्रण दे दिया था । आज संध्या 5 बजें बच्चियों नें अपनें अभिभावक व बड़े- बुजुर्ग के साथ मिलकर दिवाली मनानें से पहलें स्थानीय ठाकुरबाड़ी परिसर में एकत्रित होकर भारतीय सीमा पर शहीद हुए उन अमर जवानों के लिए मोमबत्ती जलाकर , मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित किया । सभा में बच्चों द्वारा पहलें शहीदों के नाम फिर दिवाली की शाम, भारत माता की जय ,अमर जवानों की कुर्बानी - याद रखेगी हर हिंदुस्तानी सहित कई नारों के साथ शहीदों को नमन किया । कार्यक्रम के समाप्ति में वर्तमान सुरक्षा में तैनात जवानों के लिए ताली बजाकर उनका हौसला अफ़जाई किया ।

मौकें पर गुनगुन , सलोनी , सान्वी , आदया , तृप्ति , चीकू , छोटू , सहित युवा क्लव के  बरुण बाबुल , अमरनाथ झा , विनीत वर्मा , अमित मिश्रा , हिमांशु झा , रौशन यादव सहित कई लोग उपस्थित थे ।

गोसाईं गाँव समाचार का काली पूजा स्पेशल : करें नवगछिया अनुमंडल के 11 स्थानों पर स्थापित माँ काली की प्रतिमा का दर्शन

नवगछिया अनुमंडल के कुल स्थानों पर स्थापित माँ कलिका के अद्भुत रूप :-


०१. माँ दक्षिणेश्वर कलिका महरानी,आनंद विवाह भवन , नवगछिया 


माँ काली मंदिर,पकरा मोड़ ,नवगछिया 


माँ दक्षिणेश्वर काली , रुंगटा सत्संग भवन रोड , नवगछिया 


माँ मशानी काली , स्टेशन परिसर , नवगछिया 


छोटी बम काली , बिहपुर 


बड़ी बम काली ,बिहपुर 


बम काली NAC रोड , नवगछिया 


माँ कलिका महरानी , गोसाईं गाँव 





कुल ११ स्थानों पर  स्थापित मैया काली का दर्शन करें तथा अगले पुनः अन्य 10 स्थानों पर विराजमान माँ काली का दर्शन कर पुण्य के भागी बने !!!!!

संकलन :- बरुण बाबुल