पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रतिदिन कम से कम 10 हजार टेस्ट कराने का आदेश दिया है। उन्होंने लॉकडाउन की वजह से परेशान लोगों को राहत पहुंचाने के लिए अफसरों को पांच सूत्री टास्क दिए। इनमें श्रमिकों को रोजगार (प्रवासी श्रमिकों को स्किल के अनुसार), सभी गरीब परिवारों को राशन कार्ड, किसानों को कृषि इनपुट अनुदान का शीघ्र वितरण, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के योग्य नए लाभुकों को पेंशन की शीघ्र स्वीकृति और अधिक से अधिक टेस्टिंग की व्यवस्था शामिल है।
कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की बुधवार को समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अफसरों को ये जिम्मेदारियां साैंपी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए ब्लाॅक क्वारेंटाइन सेंटर सबसे महत्वपूर्ण रणनीति है। यह कम्यूनिटी स्प्रेड रोकने में कारगर होगा। अगर ब्लाॅक क्वारेंटाइन सेंटर पर प्रवासी मजदूरों को नहीं रखा जाएगा तो संक्रमण गांव-गांव तक फैल जाएगा, फिर स्थिति गंभीर हो जाएगी।
इन सेंटरों में प्रवासी मजदूरों की योजनाबद्ध टेस्टिंग के कारण कोरोना पाॅजिटिव मामले बढ़ रहे हैं। लेकिन बाद में इसका सकारात्मक परिणाम आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड-19 की टेस्टिंग कैपिसिटी कम से कम 10 हजार जल्द हो जानी चाहिए। सभी जिलों में टेस्टिंग शीघ्र प्रारंभ की जाए। इसके लिए हरसंभव स्रोत से आरटीपीसीआर, सीबीनैट मशीन, ट्रूनैट मशीन, टेस्टिंग किट्स और कार्टेज की अधिकाधिक व्यवस्था रणनीति बनाकर की जाए, ताकि टेस्टिंग की संख्या बढ़ सके।
खाद्य व उद्योग विभाग को दिया सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री ने खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सभी राशन कार्डधारियों को एक हजार रुपये की सहायता और नया राशन कार्ड शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए अधिकारी तेजी से काम करें। ताकि, कठिन समय में गरीबों को राहत मिल सके। मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग से कहा कि चुनौती को अवसर के रूप में स्वीकार करते हुए प्रवासी श्रमिकों की स्किल मैपिंग के आधार पर संचालित औद्योगिक इकाईयों में रोजगार उपलब्ध कराएं। प्रवासी मजदूरों के स्किल का, राज्य की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक योगदान हो सकता है।
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