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शुक्रवार, 1 मई 2020

चित्रकारी कर कोरोना के प्रति जागरुकता फैला रहे नवगछिया के छात्र अश्विनी आनंद GS NEWS

कोरोना वैश्विक महामारी से एक ओर जहां पूरे विश्व में हाहाकार मची हुई हैं वहीं नवगछिया के महदत्तपुर निवासी शालीग्राम ठाकुर के पुत्र अश्विनी आनंद की चित्रकला समाज में संवेदानाओं का प्रतिबिंब बनकर आगे आ रही है। पटना यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स के फाइनल ईयर पेंटिंग डिर्पाटमेंट के छात्र अश्विनी आनंद अपनी पेंटिग के माध्यम से समाज को ये बता रही है कि सिर्फ मानव समुदाय ही नहीं बल्कि पशु- पक्षी भी कोरोना से बचाव के लिए उपाय कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पेंटिग में ऐसी चित्रकारी उकेरी है लॉकडाउन का पालन करते हुए एक गौरैया अपने बच्चों को घोंसला में ही रहने को कहती हैं और अपने बच्चों के लिए मास्क और भोजन का प्रबंध करती है। अश्विनी कहते हैं कि जिस प्रकार गौरैया अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए तत्पर हैं। उसी प्रकार मानव जाति भी मास्क का उपयोग कर और अपने बच्चों को भी दें तथा समय-समय पर कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने की जानकारी साझा करें। लॉकडाउन का पालन कराते हुए इस मुश्किल घड़ी में कोरोना वारियर्स डॉक्टर्स, सफाईकर्मी व पुलिसकर्मियों का सहयोग करें। छात्र अश्विनी आनंद ने पेंटिंग के जरिये अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने कई तरह की पेंटिग बनाकर ख्याति प्राप्त की है। पटना यूनिवर्सिटी के छात्र अश्विनी आनंद शिल्प एवं कला महाविद्यालय के छात्र अध्यक्ष हैं। बिहार सचिवालय में भी अपनी चित्रकला प्रदर्शित कर चुके हैं उन्हें बिहार कला मंच के द्वारा फोटोग्राफी में आवार्ड भी दिया गया है। उन्होंने कई पेंटिग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया तथा कई जगहों पर अपनी पेंटिग प्रदर्शित कर चुके हैं। हाल ही में उनकी बिहार ललित कला एकेडमी में पेंटिंग प्रदर्शनी लगने वाली है। लॉकडाउन की वजह से अश्विनी इन दिनों नवगछिया के महदत्तपुर स्थित अपने घर में ही रह कर कोरोना से संबंधित पेंटिंग बनाकर समाज को जागरुक करने में लगे हुए हैं। उनकी इन चित्रकला पर युवा सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत कुमार कन्हैया कहते हैं कि चित्रकारी के रुप में उकेरी गयी एक कलाकृति लाखों शब्दों के बराबर अर्थ समझाती है। चित्रकला का इतिहास जितना व्यापक व अर्थपूर्ण है उससे अधिक सर्वव्यापी उसका संदेश है। उनकी इस उपलब्धि पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, लोकगायिका शारदा सिन्हा, मंजूषा गुरु मनोज कुमार पंडित, उपेंद्र महारथी, शिल्प अनुसंधान संस्थान के उपविकास पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा, समाजसेवी प्रशांत कुमार कन्हैया सहित  कई लोगों ने बधाई दी है।

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