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सोमवार, 22 जून 2020

बिहार विधानसभा चुनाव में 9 सीट के लिए उम्मीदवारों का चयन 2 सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी की लंबी कतार GS NEWS

बिहार विधान परिषद की नौ सीटों के लिए जदयू, भाजपा, राजद और कांग्रेस में उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। जदयू ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को इसके लिए अधिकृत कर दिया है। राजद में तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम लगभग तय हो गए हैं। वहीं प्रदेश भाजपा ने संभावित उम्मीदवारों की सूची केंद्र को भेज दी है। उधर, कांग्रेस में अनेक दावेदारों के बीच एक उम्मीदवार का चयन पार्टी नेतृत्व के लिए चुनौती है।
जदयू की कोर कमेटी ने विधान परिषद की रिक्त हुई 9 सीटों के चुनाव में अपने कोटे की सीटों पर प्रत्याशी चयन के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत कर दिया है। यह जानकारी प्रदेश जदयू अध्यक्ष बशिष्ठ नारायर्ण सिंह ने दी। सोमवार को जदयू की कोर कमेटी की बैठक हुई जिसमें नीतीश कुमार के अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, राष्ट्रीय संगठन महासचिव आरसीपी सिंह शामिल हुए। वहीं दिल्ली में होने की वजह से प्रदेश अध्यक्ष इस बैठक में फोन से जुड़े। 
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को जदयू प्रत्याशियों के नाम सामने आ जायेंगे और तीनों प्रत्याशी बुधवार को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। मंत्री डॉ. अशोक चौधरी व नीरज कुमार को ही प्रत्याशी बनाए जाने के आसार हैं। तीसरी सीट किसी अल्पसंख्यक या अतिपिछड़ा नेता को मिल सकती है। जिन 9 सदस्यों की सीटें खाली हुई हैं, उनमें अशोक चौधरी, कृष्ण कुमार सिंह, प्रशांत कुमार शाही, संजय प्रकाश, सतीश कुमार, राधा मोहन शर्मा, सोनेलाल मेहता, मो. हारूण रशीद और हीरा प्रसाद शामिल हैं। 
राजद ने विप चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन कर लिया है। पार्टी अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रो. रामबली सिंह व बिस्कोमान अध्यक्ष सुनील सिंह का नाम लगभग तय था। तीसरे उम्मीद्वार के रूप में शिवहर के मो. फारूक का चयन हुआ है। हालांकि इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं हो सकी है, लिहाजा फेरबदल की गुंजाइश है। उम्मीद है कि मंगलवार को नाम की घोषणा कर दी जाए। बुधवार को सभी नामांकन करेंगे। 
विधान परिषद की नौ सीटों के लिए हो रहे चुनाव में विपक्ष को काफी लाभ होगा। जिन नौ सीटों पर चुनाव होना है वह सभी जदूय व भाजपा कोटे की हैं। लेकिन, विधामंडल में सदस्यों की संख्या के हिसाब से इस बार तीन सीटें राजद को मिलनी तय है। कांग्रेस को भी एक सीट जाएगी। शेष 5 में 3 जदूय व 2भाजपा के खाते में जाएंगी। राजद में पहले की चर्चा के अनुसार एक सीट तेजप्रताप के लिए तय माना जा रहा था। पर परिवार के किसी सदस्य को नहीं भेजने का फैसला पार्टी ने लिया। उसके बाद तीसरे उम्मीवार के रूप में  फारूक का चयन हुआ। फारूक शरद यादव के करीबी रहे हैं, पर राजनीति में बहुत सक्रिय नहीं रहे। वह कारोबारी हैं। 
टिकट के लिए राजद में विवाद शुरू
राजद में विप उम्मीदवारों के नाम की चर्चा होते ही विवाद शुरू हो गया है। पार्टी नेता पूर्व मंत्री भोला राय के समर्थकों ने सोमवार को राबड़ी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड पर जाकर हंगामा किया। उधर, जानकारी के अनुसार लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप भी दिल्ली में अपना कागज तैयार करने में लगे हैं। तेजप्रताप इस बार विधान परिषद के उम्मीदवार बनने के प्रयास में हैं, लेकिन पार्टी ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए परिवार के किसी सदस्य को सदन में नहीं भेजने का फैसला किया है। उधर, भोला राय के समर्थकों का दावा है कि श्री राय को लालू ने भी विप भेजने का वादा किया था। पर अब तक की सूची में उनका नाम नहीं है। बाद में पार्टी के नेताओं ने कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर वापस किया। भोला राय राघोपुर के हैं, जहां से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी चुनाव लड़ते हैं। वे इसके पहले भी कई बार विधान परिषद जा चुके हैं। वह राजद सरकार में मंत्री भी रहे हैं। 
दो सीटों के लिए भाजपा में दावेदारों की लंबी कतार  
विधान परिषद की दो सीटों के लिए भाजपा में दावेदारों की लंबी कतार है। दो दर्जन से अधिक लोग अपनी दावेदारी जता रहे हैं, जिसमें से आधा दर्जन अपने आप को उपयुक्त और गंभीर दावेदार का भी दावा कर रहे हैं। लेकिन, इतना साफ है कि ऊंचे सदन में वही प्रवेश कर सकेंगे जिन पर प्रदेश के साथ ही केंद्रीय नेतृत्व का वरदहस्त होगा। पार्टी के तीन विधान पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हुआ है। इन सदस्यों में कृष्ण कुमार सिंह, संजय प्रकाश उर्फ संजय मयूख और राधा मोहन शर्मा हैं। संजय मयूख अभी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिय सह प्रभारी तो राधा मोहन शर्मा प्रदेश संगठन में पदधारक हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार जिन दो सदस्यों का विधान परिषद में जाना तय माना जा रहा है उसमें से इन तीनों में से भी हो सकते हैं। प्रदेश नेतृत्व इन लोगों का नाम भी केंद्रीय नेतृत्व को भेजा है। इसके अलावा पार्टी के कुछ और नेताओं का नाम भी दावेदारों में चल रहा है। इनमें से एक-दो नेता ऐसे भी हैं जिनका लोकसभा में टिकट कट गया था। कुछ ऐसे भी हैं जो आरएसएस का करीबी बताकर अपनी दावेदारी जता रहे हैं।  
खाली हुईं नौ सीटों में छह जदयू के पास थीं
खाली हुईं नौ में से छह सीटें जदयू के पास थीं। जदयू के हारून रशीद, अशोक चौधरी, प्रशांत कुमार शाही, सोनेलाल मेहता, हीरा प्रसार्द ंबद, सतीश कुमार का टर्म पूरा हो चुका है। 
सूची से अलग नाम भी तय हो चुके हैं
पूर्व में जो नाम भेजे गए उससे हटकर भी आलाकमान उम्मीदवारों की घोषणा करती रही है। लेकिन, जब तक औपचारिक घोषणा नहीं होती, इस पर संशय बरकरार रहेगा।

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