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शनिवार, 13 जून 2020

गोपालपुर : कामधेनु बना कटाव निरोधी कार्य हर साल होते हैं करोड़ों रुपए खर्च GS NEWS

 

 गोपालपुर - नवगछिया अनुमंडल में गंगा व कोसी में कटाव निरोधी व बाढ संघर्षात्मक कार्य ठेकेदारों, विभागीय अभियंताओं व नेताओं के लिये कामधेनु बन गया है.पिछले एक दशक से हर वर्ष करोडों रुपये की लागत से गंगा नदी में इस्माइलपुर -बिंद टोली ,राघोपुर व कोसी नदी में पीपरपांती,मरैचा ,सकुचा व सहौडा -मदरौनी में कटाव निरोधी कार्य करवाये जाते हैं.जल संसाधन विभाग के बाढ कैलेन्डर के अनुसार 15 जून से बाढ संघर्षात्मक कार्य (फ्लड फायटिंग)में करोडों रुपये जल संसाधन विभाग द्वारा खर्च किये जाते हैं.इसके बावजूद कटाव का दायरा प्रतिवर्ष बढते जा रहा है.विभाग द्वारा इस्माइलपुर -बिंद टोली के बीच बनवाये गये अधिकांश स्पर की लंबाई नाम मात्र की रह गई है.स्पर संख्या पाँच से लेकर सात के डाउन स्ट्रीम तक गंगा नदी सुरक्षात्मक तटबंध के बिलकुल नजदीक पहुँच गई है.कटाव के कारण हजारों एकड उपजाऊ जमीन गंगा व कोसी नदी के गर्भ में समा चुके हैं .दस हजार से भी अधिक परिवार कटाव से विस्थापित होकर खानाबदोश की तरह जीने को विवश हैं.कटाव से विस्थापित परिवारों के पुर्नवास का समुचित उपाय अभी तक नहीं किया जा सका है .अधिकांश वित्तीय वर्षों में बिहार व केन्द्र सरकार तर समय पर राशि का आवंटन नहीं किये जाने के कारण कटाव निरोधी कार्य भी समय पर पूरा नहीं हो पाता है .
हालाँकि गंगा नदी के तटबंध के निकट बहने के कारण तटवर्त्ती गाँव के लोगों की धडकनें तेज हो गई हैं.इस वर्ष लगभग चालीस करोड रुपये की लागत से दो ठेकेदारों द्वारा कटाव निरोधी कार्य करवाये जा रहे हैं.
वर्ष 2008-09 में 7करोड 49 लाख,वर्ष 2009-10 में 14 करोड 92 लाख,2010-11 में सात करोड,2011-12 में 23 करोड 39 लाख ,2012-13 में 38 करोड 83 लाख ,2013-14 में 10 करोड ,वर्ष 2014-15 में 23 करोड,वर्ष 15-16 में 35 करोड ,वर्ष 16-17 में 40 करोड ,वर्ष 17-18 में 53 करोड ,वर्ष 18-19 में 14 करोड ,वर्ष 19-20 में 50 करोड रुपये खर्च कर कटाव निरोधी कार्य करवाये गये. इसके अलावे इन वर्षों में करोडों रुपये बाढ संघर्षात्मक कार्यों (फ्लड फायटिंग) में खर्च किये गये.
तटवर्त्ती गाँव के ग्रामीणों का कहना है कि इतने रुपये में दर्जनों मॉडल गाँव बसा दिया जाता. 




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