कुशल वाहन चालन प्रशिक्षण के लिए जिलों में नए ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जाऐंगे। वाहन चालने से पूर्व वाहन चालकों को ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के ट्रैक पर वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही सिमुलेटर आधारित ड्राइविंग प्रशिक्षण दिया जाएगा।
परिवहन विभाग के आधिकारिक सूत्रों के ट्रेनिंग स्कूल मानक के अनुरूप होंगे, जिसमें एलएमवी श्रेणी के वाहन ट्रेनिंग से संबंधित सभी तरह के आवश्यक उपकरणों एवं संसाधनों से युक्त होगा।
राज्य में वर्तमान में संचालित वैध ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के संचालकों के साथ 19 जून को परिवहन विभाग के अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक करेंगे। वर्तमान में राज्य में लगभग कुल 16 जिलों में 26 वैध ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल हैं। जिन जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल नहीं हैं वहां ट्रेनिंग स्कूल खोलने की कार्रवाई की जाएगी।
ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल कुछ शर्तों के साथ निजी व्यक्ति भी खोल सकेंगे। योग्य आवेदकों को लाइसेंस दिया जाएगा। ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल योजना के फाॅमुर्लेशन के लिए परिवहन विभाग ने निर्देश दिया है।
ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में ट्रैक पर ट्रेनिंग देने के साथ ही सेमुलेटर आधारित ट्रेनिंग भी दी जाएगी। सभी मोटर ड्राइवर ट्रेंनिंग स्कूल में सिमुलेटर रखना एवं सिमुलेटर बेस्ड ट्रेंनिंग देना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए राज्य के सभी वैध मोटर ड्राइविंग ट्रेंनिंग स्कूल को सिमुलेटर खरीद करने के बाद सहायता राशि का प्रावधान किया गया है।
यह योजना बिहार के उन प्रशिक्षुओं के लिए होगी, जिनके द्वारा परिवहन विभाग से अनुज्ञप्ति प्राप्त मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में वाहन चालक प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु अपना नामांकन करवाएंगे। 1 अप्रैल 2021 के बाद बिना एल.एम.वी. सिमुलेटर युक्त किसी भी मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल का राज्य में संचालन नहीं किया जाएगा।
सिमुलेटर के लिए प्रोत्साहन प्राप्त करने वाले मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल संचालकों का इसका शपथ पत्र देना होगा कि प्रोत्साहन प्राप्त करने के बाद न्यूनतम 3 वर्षों तक वे मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल संचालित करेंगे तथा लाइसेन्स का नवीकरण करवाते रहेंगे।
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