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शुक्रवार, 24 जुलाई 2020

बिहार में बाढ़ राहत के लिए आज से उतरेंगे एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर,10 जिलों में मचा हाहाकार GS NEWS

बिहार में कोरोना वायरस का कहर तो है ही इसके साथ ही बिहार बाढ़ की मार भी झेल रहा है बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है. गंडक नदी में पानी के रिकॉर्ड डिस्चार्ज के कारण गुरुवार की आधी रात गोपालगंज व पूर्वी चंपारण जिले में उसका मुख्य तटबंध तीन जगह टूट गया. इससे बड़े इलाके में पानी फैल गया है. इसके कारण इस्ट-वेस्ट कॉरिडोर (एनएच 28) पर परिचालन बाधित हो गया है. वहीं, हायाघाट के पुराने रेल पुल के गार्डर पर बागमती का पानी चढ़ने से दरभंगा-समस्तीपुर रेलमार्ग बंद हो गया है. 
आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि 10 जिलों की 435 पंचायतों में करीब आठ लाख की आबादी बाढ़ से पीड़ित हुई है. राज्य सरकार ने वायुसेना से हेलीकाॅप्टर की मांग की है. शनिवार की सुबह तक हेलीकाॅप्टर पटना पहुंच जायेंगे. इसके तुरंत बाद बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत पैकेट गिराये जायेंगे.

हेलीकॉप्टर से गिराये जायेंगे फूड पैकेट

दरअसल बिहार के 10 जिलों में बाढ कहर ढ़ा रहा है. अब तक तकरीबन दस लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में कई ऐसे जगह हैं जहां ज्यादा पानी होने के कारण बाढ़ राहत सामग्री पहुंचाने में परेशानी हो रही है. लिहाजा राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से संपर्क साधा है. केंद्र सरकार ने तत्काल मदद का भरोसा दिलाया है. उम्मीद है कि वायु सेना के हेलीकॉप्टर शनिवार को पटना पहुंच जायेंगे. 

सारण मुख्य तटबंध और तीन जगहों पर रिंग बांध टूटा, 72 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में
गोपालगंज में मांझा प्रखंड के पुरैना और बरौली के देवापुर में सारण मुख्य तटबंध और तीन जगहों पर रिंग बांध टूटा है, जबकि जादोपुर में गाइड बांध टूट गया है. इससे मांझा, सिधवलिया, बरौली व बैकुंठपुर प्रखंडों के 72 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. सीवान व सारण के कई प्रखंडों के भी प्रभावित होने की आशंका है.
गंडक नदी का चंपारण तटबंध टूटा
वहीं, पूर्वी चंपारण जिले के संग्रामपुर के भवानीपुर निहालु टोला के पास गुरुवार की रात करीब एक बजे गंडक नदी का चंपारण तटबंध टूट गया. इससे आधी रात को ही गंडक नदी का पानी केसरिया, कोटवा व संग्रामपुर की दर्जनों पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. पानी का बहाव इतना तेज है कि दिल्ली-काठमांडु राजमार्ग 28 स्थित डुमरियाघाट के निर्माणाधीन पुल के पास कटाव शुरू है. इस कारण उस मार्ग पर आवागमन रोक दिया गया है. प्रशासनिक अधिकारी एनडीआरएफ की टीमों के साथ पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गये. एनडीआरएफ की टीमों ने रात दो बजे से रेसक्यू शुरू कर दिया है. पानी से घिरे लोगों को घर से निकाल ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया.
चलाये जा रहे 28 राहत कैंप
आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि राज्य में 10 जिलों के 435 पंचायतों में करीब आठ लाख की आबादी बाढ़ से पीड़ित हुई है. विभाग के अपर सचिव रामचंद्रू डू ने बताया कि बाढ़पीड़ितों के बीच 28 राहत कैंप चलाये जा रहे हैं. 192 जगहों पर सामुदायिक रसोई चलायी जा रही हैं, जिनमें 81 हजार से अधिक लोगों को भोजन कराया जा रहा है. सर्वाधिक सामुदायिक रसोई दरभंगा में 122 स्थापित शुरू की गयी हैं. गोपालगंज में 14,पूर्वी चंपारण में 27,सीतामढ़ी में तीन,शिवहर में तीन, मुजफ्फरपुर में 15 और खगड़िया में एक सामुदायिक रसोई चल रही है.

पटना: एम्स के नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल खत्म, काम पर लौटे कर्मी GS NEWS

एम्स के नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल समाप्त हो गई है. सरकार की तरफ से अपनी मांगों को माने जाने के बाद नर्सिंग स्टाफ अपने-अपने काम पर लौट आए हैं.
एम्स प्रशासन को हो रही थी दिक्कत
दरअसल, इस कोरोना काल में नर्सिंग स्टाफों की हड़ताल के कारण पटना एम्स में इलाज की प्रक्रिया धीमी हो गई थी और मरीजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. 
इसे देखते हुए एम्स प्रशासन ने उनकी मांगों को स्वीकार कर लिया है. साथ ही उसे जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया है. जिसके बाद सभी स्टाफ अपने काम पर लौट आए हैं.

नर्सिंग स्टाफों के काम पर लौटने के बाद पटना एम्स प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है. यहां आए मरीजों के इलाज में दिक्कतें नहीं आ रही है. वहीं, अपनी मांगों को माने जाने के बाद नर्सिंग स्टाफ भी खुश हैं.
ये थी मांग
बता दें कि नर्सिंग स्टाफ वेतन वृद्धि और कोरोना होने पर एम्स में इलाज की मांग को लेकर हड़ताल पर थे.

बिहार में कोरोना से हुई एक और डॉक्टर की मौत, CM नीतीश ने जताया शोक GS NEWS



बिहार में कोरोना संक्रमण से डॉक्टरों की लगातार मौत हो रही है. गुरुवार की रात भी रिटायर्ड डॉक्टर अवधेश प्रसाद सिंह का निधन हो गया. राज्य में अब तक 5 डॉक्टरों की मौत हो चुकी है.
डॉ. अवधेश प्रसाद सिंह भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. वे पिछले तीन दिनों से बीमार थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉक्टर अवधेश प्रसाद सिंह के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है.
डॉक्टर के बेटे से CM ने की बात
अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि डॉक्टर अवधेश प्रसाद सिंह के निधन के समाचार से दुखी हूं. डॉक्टर अवधेश प्रसाद सिंह के बेटे डॉक्टर सुधीर कुमार सिंह से फोन पर सीएम नीतीश ने बातचीत कर पूरे परिवार को सांत्वना दी.
चिकित्सा के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे एक प्रख्यात चिकित्सक थे, उनके निधन से चिकित्सा के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की.

केंद्रीय अधिकारियों के साथ मुख्य सचिव की होगी बैठक, बिहार के हालात पर होगी चर्चा GS NEWS


बिहार में कोरोना महामारी पूरी तरह से अनियंत्रित हो गई है और संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. केंद्रीय सरकार भी अब बिहार की स्थिति को देखकर चिंतित नजर आ रही है. महामारी को देखते हुए शुक्रवार को भारत सरकार के अधिकारी बिहार के हालात की समीक्षा करेंगे.
बैठक में मौजूद रहेंगे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी
प्रदेश में कोरोना महामारी के हालात का जायजा लेने के लिए भारत सरकार के अधिकारी मुख्य सचिव दीपक कुमार के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए समीक्षा बैठक करेंगे. इस दौरान मुख्य सचिव दीपक कुमार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को बिहार की स्तिथि की जानकारी देंगे. इस मीटिंग में पिछले दिनों बिहार दौरे पर आए आये अधिकारी और विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे. जानकारी के मुताबिक एक दूसरी मीटिंग शाम 5 बजे होगी. जिसमें भारत सरकार के कैबिनेट सचिव राजीव ग्ववा वीडियो कांफ्रेंसिंग से बिहार के हालात का जायजा लेंगे. इस बैठक में भी मुख्य सचिव दीपक कुमार के साथ कई अन्य अधकारी बिहार की स्थिति की जानकारी देंगे.
केंद्रीय टीम ने बिहार आकर की थी समीक्षा
बता दें कि बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए पिछले दिनों ही केंद्रीय स्वासथ्य सचिव लव अग्रवाल के नेतृत्व में एक केंद्रीय टीम बिहार पहुंची थी. जिसने बिहार के कई कोविड अस्पतालों और कंटेन्मेंट जोन का दौरा किया था. इस दौरान टीम ने कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा भी की थी.
केंद्रीय टीम ने बिहार में कोरोना संक्रमण की जांच को बढ़ाने और अस्पतालों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया था. जिसके बाद बिहार का स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया है और दिए गए निर्देशों का पालन किया गया.
बिहार के हालात पर वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी चर्चा 
बिहार पहुंची केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की 3 सदस्यीय टीम ने गया शहर के अस्पतालों और कंटेनमेंट जोन जीबी रोड का भी जायजा लिया था. इसके बाद सेंट्रल टीम ने पटना के स्वास्थ्य अधिकारियों और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के साथ बैठक की थी. इस बैठक में डीएम, सिविल सर्जन, एसएसपी सहित कई विभाग के अधिकारी मौजूद थे.
इस दौरान टीम ने कोरोना के इलाज के लिए जितनी भी जरूरत होगी मदद देने की बात कही थी. शुक्रवार को केंद्रीय सरकार के अधिकारी दोबारा बिहार के हालात पर वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा करेंगे.

अभी अभी बिहार में कोरोना का महाविस्फोट एक साथ मिले 1820 नए मरीज, राज्य में आंकड़ा पहुंचा 33511 GS NEWS

बिहार में वैश्विक महामारी कोरोना का प्रकोप इतनी तेजी से बढ़ रहा है  कि पूरा बिहार इसकी चपेट में आ चुका है  आपको बता दें कि प्रत्येक दिन की तुलना में आज सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज मिले हैं  जानलेवा वायरस की रफ्तार काफी तेजी से बिहार में बढ़ते जा रही है स्वास्थ्य विभाग की ओर से ताजा अपडेट जारी की गई है. इस अपडेट के मुताबिक बिहार में 1820 लोग कोरोना पॉजिटव मिले हैं. इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 33511 हो गई है.

स्वास्थ्य विभाग ने जारी लिस्ट के अनुसार हर रोज की तरह पटना में कोरोना का कोहराम जारी है. आज फिर 661 के मरीज मिले हैं.  यहां पर लॉकडाउन लगाने का कोई असर नहीं पढ़ा है.तेजी के संक्रमण बढ़ता जा रहा है. 
सारण में भी कोरोना का कोहराम जारी है. आज फिर 121 कोरोना के मरीज मिले हैं. बेगूसराय में 78 कोरोना के मरीज मिले हैं. मुजफ्फरपुर में 99 कोरोना के मरीज मिले हैं.
23 जुलाई को अब तक 737 नए मामले सामने आए 


सिस्टम में 22 जुलाई और उससे पहले के 1083 मामले सामने आए हैं

गुरुवार, 23 जुलाई 2020

महागठबंधन का पेज सुलझता नहीं दिख रहा, मांझी ने कही RJD पर ये बड़ी बात GS NEWS

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन का पेच सुलझता नहीं दिख रहा. वीआइपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने दिल्ली में कांग्रेस नेता अहमद पटेल से मुलाकात की. मुकेश सहनी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव से भी मुलाकात की है. दूसरी ओर, पटना में हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि राजद को सदबुद्धि मिले, ताकि महागठबंधन में टूट नहीं हो.
अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं व नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग के बाद जारी वीडियो में मांझी ने कहा कि उनको खुद भी अच्छा नहीं लगता कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक करने के लिए बार-बार समय दिया जाये, लेकिन हमारी कोशिश है कि महागठबंधन में टूट नहीं हो, इसलिए हमलोग ऐसा कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि भाजपा की नीतियों का विरोध करने वाले सभी लोग एक साथ रहें.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने  दावा किया कि महागठबंधन में समन्वय समिति की मांग पर राहुल गांधी से उन्हें आश्वासन मिला है और यही कारण है कि उन्होंने राजद द्वारा उनकी मांग अस्वीकार किए जाने के बावजूद वह कोई कदम नहीं उठा रहे हैं. 
पटना में को पत्रकारों से बातचीत करते हुए मांझी ने कहा, "मैं जानता हूं कि बहुत से लोग सोच रहे होंगे कि जीतन राम मांझी किस तरह का आदमी है, वह समन्वय समिति गठित करने के लिए समय सीमा तय करता रहता है , लेकिन अपने अल्टीमेटम पर ध्यान नहीं दिए जाने के बावजूद वह महागठबंधन में बने रहने की अपनी तारीख आगे बढ़ाए जा रहा है.
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि महागठबंधन ना टूटे इसलिए हम इस अपमान को सहने को तैयार हैं बशर्ते, अगर दिन का भूला शाम को घर लौट आए. '' उन्होंने कहा, “मेरी अब राजद से कोई बात नहीं हो रही है. मैं कांग्रेस से बात कर रहा हूं। मैंने राहुल गांधी से बात की है और उन्होंने मुझसे कुछ समय मांगा कहा है। मैं समझता हूं कि राजद को सदबुद्धि आ जाए तो यह राज्य के हित में होगा."

बिहार में बाढ़ से प्रभावित 6 लाख से अधिक परिवारों को मिलेंगे 6-6 हजार रुपये, सूची तैयार करने के निर्देश GS NEWS


बिहार में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ते जा रहा है  इसी बीच बिहार में बाढ़ का खतरा भी बढ़ता जा रहा है ! बिहार में 10 जिले में करीब 6 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं इसी बीच बिहार सरकार  बाढ़ से प्रभावित  प्रत्येक परिवार को सहायता राशि के तहत 6 हजार 6 हजार रूपया दिए जाएंगे साथ ही, बाढ़ के कारण जिनका कच्चा-पक्का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है या जिनकी फसल बर्बाद हुई है, सरकार उन्हें भी सहायता देगी। 


इसके अलावा पशुओं का नुकसान होने पर भी सरकार सहायता देगी। प्रभावितों को सरकारी सहायता पहुचाने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों को अविलंब सूची तैयार करने के लिए कहा है। 


अभी 10 जिले बाढ़ से प्रभावित 
बिहार में अभी 10 जिले- सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, खगड़िया, पूर्वी व पश्चिमी चम्पारण बाढ़ से प्रभावित हैं। इन जिलों में अभी 6.36 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है। इन प्रभावितों को सहायता देने के लिए आपदा प्रबंधन ने लोगों की पहचान कर उनकी सूची बनाने का निर्देश जिलों को दिया है।


विभाग ने कहा है कि बाढ़ग्रस्त इलाके के सभी परिवारों को सहाय्य अनुदान यानी जीआर मद में 6 हजार रुपए दिए जाने हैं। इसके लिए प्रभावित परिवारों की सूची तैयार की जाए। सूची तैयार करते समय प्रभावितों का नाम-पता के साथ ही बैंक खाता भी लिया जाएगा। प्रभावितों को 6 हजार नकदी सीधे बैंक खातों में हस्तांतरित होगी ताकि कोई बिचौलिया बीच मे न आये। 


क्षतिग्रस्त मकानों व फसल नुकसान का भी ब्यौरा तैयार करने को कहा 
बाढ़ग्रस्त इलाके में हुए अन्य नुकसान में भी लोगों को सरकार सहायता देगी। फसल क्षति से लेकर मकान व पशु नुकसान में भी सहायता का प्रावधान है। जिलों को कहा गया है कि वह क्षतिग्रस्त मकानों के साथ ही फसल नुकसान का भी ब्यौरा तैयार करें। 


फसल नुकसान का विवरण कृषि विभाग के माध्यम से तैयार होगा। विभाग ने यथासंभव प्रभावितों की सूची बनाने को कहा है ताकि लोगों को जल्द से जल्द सहायता राशि दी जा सके। वहीं बाढ़ में जिनका गाय, भैंस, बकरी से लेकर मुर्गा का भी नुकसान हुआ है तो सरकार उन्हें भी सहायता देगी। कपड़ा और बर्तन के नुकसान होने पर भी सभी परिवारों को सहायता देने का प्रावधान है।


नुकसान होने पर इन मदों में मिलेगी सहायता
6000 नकदी हरेक परिवार को
1800 कपड़ा मद में
2000 बर्तन के लिए
6800 प्रति हेक्टेयर फसल
30 हजार प्रति गाय, भैंस में
3 हजार प्रति बकरी, भेड़, सुअर 
25 हजार प्रति घोड़ा पर
50 रुपये प्रति मुर्गा, अधिकतम 5 हजार
95100 कच्चा-पक्का मकान नुकसान में
5200 पक्का मकान के आंशिक क्षतिग्रस्त में
3200 कच्चा मकान के आंशिक क्षतिग्रस्त में
4100 झोपड़ी के पूर्ण नुकसान होने पर
2100 जानवर के शेड नुकसान मद में

10 जिला
55 प्रखंड
 282 पंचायत
636311 आबादी
1.50 लाख से अधिक परिवार


भागलपुर व मुंगेर दोनों जिले के डीएम को मिला कमिश्नर का प्रभार GS NEWS

भागलपुर में लगातार कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है  बहुत से अफसर इसकी चपेट में आ चुके हैं  आपको बता दें कि भागलपुर की प्रमंडलीय आयुक्त वंदना किन्नी के चिकित्सा अवकाश में चले जाने के कारण भागलपुर व मुंगेर के प्रमंडलीय आयुक्त का प्रभार दोनों जिले के डीएम को सौंपा गया है. भागलपुर के डीएम भागलपुर प्रमंडल के कमिश्नर के प्रभार में रहेंगे और मुंगेर के डीएम मुंगेर प्रमंडल के कमिश्नर के प्रभार में रहेंगे.
वंदना किनी मुंगेर प्रमंडल के प्रभार में थीं, इसी कारण उनके चिकित्सा अवकाश में जाने से मुंगेर के कमिश्नर का पद खाली हो गया था. यह व्यवस्था श्रीमती किनी की अवकाश अवधि तक के लिए की गयी है. इस संदर्भ में बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव कन्हैया लाल साह ने अधिसूचना जारी की.
श्रीमती वंदना किन्नी कोरोना पॉजिटिव हो जाने के बाद अपने भागलपुर स्थित सरकारी आवास पर कोरेंटिन थीं. लेकिन बुधवार को तबीयत बिगड़ जाने पर उन्हें चिकित्सकों ने उच्चस्तरीय संस्थान रेफर कर दिया था. इसके बाद बुधवार शाम को वह पटना एम्स के लिए प्रस्थान की. फिलहाल उनका इलाज चल रहा है.

बिहार में 50 वर्ष से ज्यादा के अक्षम सरकारी सेवक हटाए जाएंगे, प्रत्येक वर्ष दो दफे समीक्षा GS NEWS


बिहार सरकार के अधीन 50 वर्ष से ज्यादा के अक्षम सरकारी सेवक हटाए जाएंगे। सरकार ने उनके कार्यकलापों की समीक्षा के लिए नीति निर्धारित कर दी है। हर साल दो दफे समीक्षा का काम होगा। सत्यनिष्ठा के साथ कार्य दक्षता और उनके आचार भी देखे जाएंगे। इसमें कहीं कोई कमी पाई जाती है तो अनिवार्य सेवानिवृति दी जाएगी। कार्यकलापों की समीक्षा के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न स्तर पर अलग-अलग समितियों का गठन किया है।

 


सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकारी सेवकों के कार्यकलापों की समीक्षा के लिए बनाई गई नीति को लेकर संकल्प जारी कर दिया। समीक्षा कैसे और किस स्तर पर होगी इसकी प्रक्रिया निर्धारित की गई है। 50 वर्ष से उपर के समूह क, ख, ग और अवर्गीकृत सभी समूहों के कर्मियों के कार्यकलाप की समीक्षा होगी। हर विभाग में समीक्षा के लिए समिति का गठन भी कर दिया गया है। 


समूह ‘क’ के कर्मियों के लिए अपर मुख्य सचिव या प्रधान सचिव या सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति यह काम करेगी। वहीं समूह ‘ख’ के मामले में समिति के अध्यक्ष अपर सचिव या संयुक्त सचिव होंगे। समूह ‘ग’ व अवर्गीकृत समूह के कर्मियों के कार्यकलाप की समीक्षा के लिए बनी समिति के अध्यक्ष संयुक्त सचिव रैंक के अफसर होंगे।
 


ऐसा रहा तो दी जाएगी अनिवार्य सेवानिवृति
समिति कुछ खास बिंदुओं पर कर्मचारियों के कार्यकलापों की समीक्षा करेगी। यदि किसी की सत्यनिष्ठा संदिग्ध होती है तो अन्य दूसरे बिंदुओं पर विचार किए बिना अनिवार्य सेवानिवृति की अनुशंसा की जाएगी। समीक्षा का दूसरा पैमाना कार्य दक्षता या आचार होगा। कार्य दक्षता या आचार ऐसा नहीं है जिससे कर्मी को सेवा में बनाए रखना न्याय या लोकहित में नहीं हो तो उन्हें भी अनिवार्य तौर पर सेवानिवृति करने की कार्रवाई होगी। इसके अलावा किसी कर्मी के संबंध में विचार करते वक्त एक मामले की सुनवाई के दौरान गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी को भी संज्ञान में रखने को कहा गया है।


जून व दिसम्बर में होगी समीक्षा 

समिति प्रत्येक वर्ष दो दफे समीक्षा का काम करेगी। जिन कर्मचारियों की उम्र जुलाई से दिसम्बर के बीच 50 वर्ष से ज्यादा होनेवाली है तो उसके मामलों की समीक्षा उसी वर्ष जून में होगी। वहीं, जनवरी से जून के महीने में जिनकी उम्र 50 से उपर होनेवाली है उनके मामलों की समीक्षा इससे पहले ही दिसम्बर में की जाएगी।