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मंगलवार, 4 अगस्त 2020

भागलपुर:-पुलिस ने मास्क और सैनिटाइजर का किया वितरण, साथ ही बचाव की दी सलाह GS NEWS

तिलकामांझी थाना अध्यक्ष महेश कुमार के नेतृत्व में कोरोना से बचाव को लेकर जागरुकता अभियान चलाया गया. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने सड़क पर आने जाने वाले लोगों के बीच मास्क, सैनिटाइजर और साबुन का वितरण किया.
महिला और पुरुषों की लग गई लाइन 
इस मौके पर पुलिस ने लोगों से अनावश्यक रूप से बाहर नहीं निकलने की अपील की. पुलिस के जरिए बांटे जा रहे मास्क और सैनिटाइजर लेने के लिए महिला और पुरुषों की लाइन लग गई. वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने लाइन में खड़े लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कराया.
कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी
थानाध्यक्ष महेश कुमार ने लोगों को कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जागरुकता और सही सावधानी नहीं बरतने की वजह से वायरस अधिक लोगों को संक्रमित कर रहा है. उन्होंने कहा कि संक्रमण से बचने के लिए एक मात्र उपाय सोशल डिसटेंसिंग और मास्क पहनना है.
इस मौके पर तिलकामांझी थाने के एसआई भानु प्रताप सिंह एएसआई निर्मला देवी, एसआई निधि कुमारी सहित दर्जनों की संख्या में ट्रैफिक पुलिसकर्मी और तिलकामांझी थाना के पुलिस कर्मी मौजूद थे.

सोमवार, 3 अगस्त 2020

भागलपुरः DM ने कोरोना को लेकर की बैठक, प्लाज्मा थेरेपी की हो रही तैयारी GS NEWS


भागलपुर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कोरोना को लेकर बनाए गए नियंत्रण कक्ष में जिलाधिकारी प्रणव कुमार की अध्यक्षता में कोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक हुई. 
बैठक में मायागंज अस्पताल में कोरोना के अलावा अन्य मरीज को हो रही परेशानी दूर करने को लेकर चर्चा की गई. जिसमें नॉन कोविड मरीजों का इलाज किस तरह से किया जाए उस पर डॉक्टरों की राय ली गई. कोरोना मरीजों की सुविधा के लिए 4 सहायक नोडल अधिकारी बनाए गए. साथ ही भागलपुर में प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत को लेकर भी चर्चा हुई.
आईसीयू के लिए डॉ. महेश कुमार, आइसोलेशन वार्ड में डॉ. ओवेद अली, कोरोना कंट्रोल रूम में डॉ. पीवी मिश्रा और इमरजेंसी वार्ड डॉ. बीके जयसवाल को सब नोडल ऑफिसर बनाया गया है. यह सभी कोरोना नोडल ऑफिसर डॉ. हेमशंकर शर्मा का सहयोग करेंगे.
हेल्थ फैसिलिटी पर चर्चा
जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि बैठक में हेल्थ फैसिलिटी को लेकर चर्चा की गई. प्राप्त फैसिलिटी को बेहतर उपयोग कैसे हो साथ ही फैसिलिटी को कैसे बढ़ाया जाए इसपर चर्चा की गई. बैठक में कोविड-19 कंट्रोल रूम के प्रभारी आईएएस दीपक मिश्रा, आईपीएस भरत सोनी, सिविल सर्जन डॉक्टर विजय कुमार सिंह, मायागंज अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक कुमार डॉक्टर गौरव और आइसोलेशन वार्ड के प्रभारी सहित कई स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे.

रविवार, 2 अगस्त 2020

भागलपुर JLNMCH में कोरोना पेशेंट की डेड बॉडी उठाने के नाम पर हो रहा वसूली का खेल GS NEWS

शर्मनाक! हार के भागलपुर में जेएलएनएमसीएच के चंद कर्मचारी कोरोना से हो रही मौतों के बाद संक्रमण के खौफ को भुनाकर अपने लिए अवसर में तब्दील कर रहे हैं। मृतकों के परिजनों से लाश ढुलाई के नाम पर रुपये वसूले जाने का खेल जेएलएनएमसीएच में जारी है। परिजन खुलेआम आरोप लगा रहे हैं कि उन लोगों को पीपीई किट देते नहीं हैं और बिना रुपये लिए ट्रॉलीमैन लाश को ट्रॉली से रखने, ढोने व उतारकर शव वाहन में रखने से इंकार कर देते हैं। 
आदमपुर क्षेत्र के रहने वाले कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की 29 जुलाई की सुबह 10 बजे जेएलएनएमसीएच में मौत हो गयी थी। मृतक केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्यमंत्री के करीबी थे। बावजूद जब उनकी मौत हुई तो अस्पताल में लाश ढोने वाले कर्मचारियों ने ढुलाई के नाम पर हजार रुपये मांगे थे। परिजनों के मुताबिक, उनलोगों ने ट्रॉलीमैन को तो रुपये नहीं दिये, लेकिन बरारी घाट पर दो हजार रुपये देना पड़ गया।
आम से खास तक हैं वसूली के शिकार
यूको बैंक के सीनियर मैनेजर की कुछ दिन पहले जेएलएनएमसीएच में मौत हुई थी। उस वक्त परिजनों ने आरोप लगाया था कि उनसे जेएलएनएमसीएच के कर्मचारियों ने पांच हजार रुपये और लाश जलाने वाले डोम ने डेढ़ लाख रुपये की मांग की थी। नहीं देने पर लाश को लौटा दिया गया था। अगले दिन प्रशासन की पहल पर करीब 50 हजार रुपये में डील हुई, तब जाकर लाश का अंतिम संस्कार हुआ। इसी तरह 31 जुलाई यानी शुक्रवार की शाम को कोरोना से मृत 60 वर्षीय पिता की लाश की लेने आये कहलगांव कस्बा निवासी 22 वर्षीय युवक से ट्रॉलीमैन से दो हजार रुपये मांगे थे। नहीं देने पर लाश को शव वाहन के पास छोड़कर चले गये थे। फिर युवक को अपनी पिता की लाश को एंबुलेंस में रखनी पड़ी थी। 
शिकायत करें तो कहां, जब जिम्मेदार का पता नहीं
परिजनों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि वे लोग शिकायत करना नहीं जानते हैं, लेकिन साहबों का पता नहीं रहता है। कहलगांव के युवक ने बताया कि वह इमरजेंसी के कंट्रोल रूम में गया तो वहां पर हेल्थ मैनेजर नहीं था। वह अधीक्षक कार्यालय गया तो वहां उन्हें गार्ड ने बताया कि साहब नहीं हैं। 
अगर कोरोना मरीज या फिर मृतक के परिजनों से कोई कर्मचारी, नर्स या डॉक्टर रुपये की मांग करता है तो मेरे कार्यालय व कंट्रोल रूम में आकर लिखित शिकायत करें। अगर कार्यालय बंद होने या कंट्रोल रूम में कोई नहीं है तो इस नंबर पर 06412101001 शिकायत करें। न केवल समस्याओं का निस्तारण होगा, बल्कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।  -डॉ. कुमार गौरव, प्रभारी अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच, भागलपुर

शुक्रवार, 31 जुलाई 2020

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने आज भागलपुर JLNMCH का किया निरीक्षण GS NEWS

बिहार में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत शुक्रवार को भागलपुर पहुंचे। राज्य सरकार के विशेष हेलीकॉप्टर से दोपहर 12.30 बजे जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उनकी अगुवानी की। हाल के दिनों में विभाग में विवाद के बाद प्रधान सचिव स्वास्थ्य बनाए गए प्रत्यय अमृत अपने पहले भागलपुर दौरे पर आए हैं। 
अपने भागलपुर दौरे पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने जेएलएनएमसीएच का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों से कोविड-19 के साथ-साथ अस्पतालों में उपलब्ध साधन संसाधन की स्थिति की जानकारी ली और कई आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। प्रधान सचिव ने कोरोना सैंपल की रोजाना की जांच की संख्या के बारे में अवगत हुए और जांच बढ़ाने को लेकर आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान प्रधान सचिव के साथ भागलपुर के डीएम प्रणव कुमार, एसएसपी आशीष भारती, सिविल सर्जन, जेएलएनएमसीएच अधीक्षक उपाधीक्षक समेत कई अधिकारी और स्वास्थ विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
कुमावत को हटाकर प्रत्यय अमृत को स्वास्थ्य विभाग की कमान सौंपी 
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों केबिनेट मीटिंग के दौरान स्वास्थ्य मीटिंग की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तत्कालीन प्रधान स्वास्थ्य सचिव उदय सिंह कुमावत पर बिगड़ पड़े थे। उन्होंने उन्हें कार्रवाई तक की चेतावनी दी थी। इसी के बाद से स्वास्थ्य विभाग में प्रधान सचिव के बदलने की अटकलें लगने लगी थी। 

इन्ही सब विवादों के बीच नीतीश सरकार ने कामकाज से संतुष्ट नहीं होने के बाद 68 वें दिन ही प्रधान स्वास्थ्य सचिव को पद से हटाते हुए उनका तबादला राज्य योजना पर्षद में परामर्शी के पद पर किया। और उनकी जगह ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को स्वास्थ्य विभाग की कमान सौंपी गई।

बुधवार, 29 जुलाई 2020

TMBU में 15 अगस्त के बाद शुरू होगा स्नातक में नामांकन की ऑनलाइन प्रक्रिया GS NEWS

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ अब स्नातक में ऑनलाइन नामांकन की प्रक्रिया पर भी काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में अगस्त के पहले सप्ताह में अधिकारियों की बैठक होगी। जिसमें नामांकन की प्रक्रिया और तिथि पर मुहर लग जाएगी। साथ ही शेड्यूल भी जारी हो जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि 15 अगस्त के बाद ऑनलाइन नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। 

जानकार बताते हैं कि नामांकन से संबंधित सारी फाइल विश्वविद्यालय में है। इसलिए जबतक कंटेनमेंट जोन (विश्वविद्यालय परिसर) नहीं हटेगा तब तक नामांकन से संबंधित कार्य शुरू नहीं होगा। यह प्रक्रिया चार अगस्त (मंगलवार) से शुरू होने की संभावना है। विश्वविद्यालय परीक्षा समन्वय प्रो. एके ठाकुर ने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ स्नातक में नामांकन की प्रक्रिया में भी छात्रों को देर नहीं होने दी जाएगी। विश्वविद्यालय खुलने के साथ ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। 
नामांकन की प्रक्रिया में आवेदन के समय छात्रों को पांच कॉलेज व तीन विषयों को चुनने का अधिकार मिलेगा। ऑनलाइन फॉर्म में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में छात्र आवेदन कर सकेंगे। ताकि कम से कम गलती हो। गलती होने पर फौरन छात्रों को सूचना चली जाएगी। ताकि वह इसमें सुधार कर सकेंगे।
 
ईमेल व व्हाट्सएप नंबर तक लिया जाएगा
आवेदन के साथ ही छात्रों का अपना ईमेल आईडी और व्हाट्सएप नंबर भी देना होगा। ताकि उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा किसी भी तरह की सूचना आसानी से भेजी जा सके। जानकारी हो कि इंटरमीडिएट के रिजल्ट के प्रकाशन के साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। राजभवन और प्रभारी कुलपति का निर्देश मिलने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस बार नामांकित छात्रों का ईमेल व व्हाट्सएप नंबर कॉलेज को भी उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि ऑनलाइन पाठ्यक्रम में किसी तरह की परेशानी न आए।
 
वित्त कमेटी की बैठक और चंपा पर चर्चा 
कंटेनमेंट जोन हटने के बाद विश्वविद्यालय पहले सप्ताह में ही वित्त कमेटी की बैठक करने जा रहा है। ताकि जो भी लंबित कार्य है। उसमें तेजी लायी जा सके। इसके अलावा चंपा के पुनर्प्रकाशन को लेकर भी बैठक होगी। जानकारी हो कि स्थापना दिवस के दिन चंपा का पुनर्प्रकाशन होना था। मगर कंटेंनमेंट जोन होने की वजह से प्रकाशन का काम रोक दिया गया है। 

सोमवार, 27 जुलाई 2020

भागलपुर के डीएम प्रणव कुमार कोरोना को मात देकर पुनः अपने काम पर वापस लौटे GS NEWS

बिहार में वैश्विक महामारी काफी तेजी से बढ़ रहा है भागलपुर के अधिक से अधिक प्रशासनिक लोग कोरोना संक्रमित हो चुकें है भागलपुर के डीएम एडीएम कमिश्नर  समेत कई लोग पॉजिटिव निकले हैं इसी बीच भागलपुर से एक अच्छी खबर आ रही है भागलपुर के डीएम प्रणव कुमार 17 दिन बाद कोरोना को मात देकर सोमवार को अपने काम पर लौटे और पुनः अपना कार्यभार संभाला। 
सोमवार को वह कार्यालय पहुंचे जिसके बाद कई अधिकारियों ने उनसे मिलकर उनका स्वास्थ्य जाना।इसके बाद डीएम प्रणव कुमार ने स्वास्थ विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी हिस्सा लिया। वहीं उन्होंने बाढ़ और कोरोनावायरस के रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा भी की और कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना से डरने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखे। उन्होंने कहा कि अफसर कर्मियों, मेडिकल व पुलिस प्रशासन कर्मियों को विशेष सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि उन्हें जनता के बीच रहना पड़ता है।
आपको बता दें कि 11 जुलाई शनिवार को जिलाधिकारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे जिसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना भेजा गया था पूरी तरह स्वस्थ व होम क़वारेंटीन अवधि पूरी करने के बाद वह 17 दिन बाद सोमवार को अपने कार्यालय लौटे। इस बीच उनका कार्यभार लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह संभाल रहे थे।

रविवार, 26 जुलाई 2020

भागलपुर: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर डाक विभाग की ओर से स्टांप डिजाइन प्रतियोगिता GS NEWS

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर डाक विभाग की ओर से स्टांप डिजाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. इस प्रतियोगिता का थीम भारत में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, सांस्कृतिक पर आधारित है. प्रतिभागियों को इसी विषय पर डिजाइन करना होगा. साथ ही डिजाइन यूनिक होना चाहिए और कहीं से भी कॉपी नहीं होनी चाहिए.
इस प्रतियोगिता में भारत के कोई भी नागरिक हिस्सा ले सकते हैं. प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए फॉर्म भेजने की अंतिम तिथि 27 जुलाई है. भागलपुर में अब तक प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए 200 से अधिक लोगों ने आवेदन किया है.
स्टांप डिजाइन प्रतियोगिता का आयोजन 
डाक अधीक्षक आरपी प्रसाद ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस को यादगार बनाने के लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. डाक विभाग की ओर से स्टांप प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. जिसका उद्देश्य डाक टिकटों की रूची को जीवंत बनाए रखना है. साथ ही डाक और अपने अनुभव को सही दिशा देना. इस प्रतियोगिता में किसी भी उम्र के व्यक्ति हिस्सा ले सकते हैं.
किसी भी उम्र के व्यक्ति ले सकते है हिस्सा 
इस प्रतियोगिता के लिए प्रतिभागी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी के माय गवर्नमेंट मंच पर अपना फॉर्म भर सकते हैं. जिसका अंतिम तारीख 27 जुलाई है राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार के रूप में 50 हजार रूपये, द्वितीय पुरस्कार 25 हजार और तृतीय पुरस्कार के रूप में 10 हजार रूपये दिए जाएंगे और 5 प्रतिभागी को सांत्वना पुरस्कार 5 हजार रूपया दिया जाएगा.

गुरुवार, 23 जुलाई 2020

भागलपुर व मुंगेर दोनों जिले के डीएम को मिला कमिश्नर का प्रभार GS NEWS

भागलपुर में लगातार कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है  बहुत से अफसर इसकी चपेट में आ चुके हैं  आपको बता दें कि भागलपुर की प्रमंडलीय आयुक्त वंदना किन्नी के चिकित्सा अवकाश में चले जाने के कारण भागलपुर व मुंगेर के प्रमंडलीय आयुक्त का प्रभार दोनों जिले के डीएम को सौंपा गया है. भागलपुर के डीएम भागलपुर प्रमंडल के कमिश्नर के प्रभार में रहेंगे और मुंगेर के डीएम मुंगेर प्रमंडल के कमिश्नर के प्रभार में रहेंगे.
वंदना किनी मुंगेर प्रमंडल के प्रभार में थीं, इसी कारण उनके चिकित्सा अवकाश में जाने से मुंगेर के कमिश्नर का पद खाली हो गया था. यह व्यवस्था श्रीमती किनी की अवकाश अवधि तक के लिए की गयी है. इस संदर्भ में बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव कन्हैया लाल साह ने अधिसूचना जारी की.
श्रीमती वंदना किन्नी कोरोना पॉजिटिव हो जाने के बाद अपने भागलपुर स्थित सरकारी आवास पर कोरेंटिन थीं. लेकिन बुधवार को तबीयत बिगड़ जाने पर उन्हें चिकित्सकों ने उच्चस्तरीय संस्थान रेफर कर दिया था. इसके बाद बुधवार शाम को वह पटना एम्स के लिए प्रस्थान की. फिलहाल उनका इलाज चल रहा है.

20 वर्ष का हुआ विक्रमशीला सेतु , जानिए कैसे समृद्ध हुआ अंग प्रदेश GS NEWS



बीस वर्ष पहले जब विक्रमशिला सेतु का उद्घाटन होने जा रहा था तो लोगों को इस बाद की खुशी थी कि अब यातायात संबंधी मुश्किलों को सामना उनलोगों को नहीं करना पड़ेगा. लेकिन यह खुशी यातायात के मुश्किलों के सामाधान से कहीं अधिक बड़ी थी. क्योंकि इस पुल पर आवागमन की शुरूआत समाज के हर क्षेत्र को बदलकर रख देने वाला था. गंगा इस पार और उस पार का समाज इसी पुल के रास्ते से बड़ी तेज गति से यू टर्न मार कर विकास की लंबी छलांग मारने को तैयार था. 
और ऐसा हुआ भी. 20 वर्ष पहले के बीहर आज शहर की श्रेणी में हैं. कल तक बालू पानी का रोना रोने वाली नवगछिया की धरती सोना उगल रही है. मध्य बिहार से कोसी और सीमांचल का नाता इतना अटूट हुआ कि वक्त और फासले की बात बेमानी हो गयी. आज सेतु पर जब भी हम जाम में फंसते हैं तो इसके संकरे और तंग रास्ते को देख कर तंज कसते हैं लेकिन इस हकीकत को भी हमें स्वीकार करना होगा कि इसी तंग और संकरे रास्ते से होते हुए विकास की बयार ने अंग प्रदेश को और ज्यादा समृद्ध किया है. 
विस्तृत हुआ शहर और कई बाजारों ने लिया आकार 

1990 में दशक में जब विक्रमशिला सेतु निर्माणाधीन था तो लोग अक्सर यह कहा करते थे कि पुल बनने के बाद नवगछिया का व्यवसाय प्रभावित हो जायेगा. समृद्धि भागलपुर में आयेगी. लेकिन लोगों का यह अनुमान गलत था. सेतु बनने के बाद नवगछिया में तीन छोटे बड़े और नये बाजार विस्तृत हो गये. इसमें नवगछिया का जीरो माइल बाजार, जाह्नवी चौक बाजार, हाइलेवल चौक है. विक्रमशिला सेतु पथ पर अब भव्य हॉटल और रेस्टोरेंट देखे जा सकते हैं तो पेट्रोल पंप और लाइन ढ़ाबों से यह गुलजार दिखता है. विक्रमशिला सेतु और नवगछिया में बीच में आने वाले गांवों की महत्ता और ज्यादा बढ़ गयी है. इन गांवों में जमीन के भाव आसमान छू रहे हैं. इसका कारण यह है कि इन गांवों की जमीन सभी प्रकार के व्यवसाय के लिए फिट है. 
खुल गये रोजगार के नये अवसर 

विक्रमशिला सेतु बनने के बाद रोजगार के कई नये रास्ते खुल गये. नवगछिया के गंगा कोसी का किनारा सब्जी और दुग्ध उत्पादक क्षेत्र के रूप में जाना जाता था. लेकिन बीस वर्ष पहले यहां के लोगों के लिए स्थानीय बाजार ही एक मात्र विकल्प था. सेतु पर आवागमन चालू होने के बाद सब्जियां, फल और दूध सीधे भागलपुर पहुंचने लगे. 20 वर्ष पहले दूध को व्यवसायिक नहीं माना जाता था. लेकिन आज प्रत्येक गांव में दुग्ध संग्रहण केंद्र है और दूध का बाजार व्यापक हो चुका है. बड़े छोटे सभी प्रकार के व्यवसायी इस तरह के व्यवसाय से जुड़े हैं. 
स्वस्थ्य के क्षेत्र में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका 

विक्रमशिला सेतु बनने से पहले इलाज के लिए मायागंज मेडिकल कॉलेज जाना गंभीर रोगियों के लिए बिल्कुल ठीक नहीं था. लोग पूर्णियां, खगड़िया, बेगुसराय जाना ज्यादा पसंद करते थे. ऐसे में ज्यादा दूरी की वजह से लोगों की मृत्यु हो जाती थी. लेकिन आज का समय ऐसा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो नवगछिया के किसी भी इलाके से एक से डेढ़ घंटे में उसे मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है. 
उच्च शिक्षा थी चुनौती 

सेतु बनने से पहले उच्च शिक्षा एक चुनौती थी लेकिन आज के समय में ऐसे भी छात्र हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भागलपुर के अच्छे संस्थान से करते हैं तो कई छात्र साइकिल, मोटरसाइकिल, ऑटो, बस आदि से रोज भागलपुर जा कर एमए, लॉ आदि पाठ्यक्रम को पूरा कर रहे हैं. खास कर खरीक, इस्माइलपुर, नवगछिया के ग्रामीण क्षेत्रों और दियारा इलाके की बड़ी संख्या में लड़कियों को रोजाना साइकिल से भागलपुर पढ़ाई के लिए जाते और आते देखा जा सकता है. 
1.
आज में स्टीमर की उस यात्रा को याद कर सिहर उठते हैं 

आजाद हिंद मोरचा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि यह बात वर्ष 1995 के अगस्त माह की बात है. वे बेहद जरूरी काम से भागलपुर निकले थे. गंगा पूरी तरह से लबालब थी और ओर छोड़ भी मुश्किल से नजर आ रहा था. ऐसी स्थिति में वे अपने कुछ दोस्तों के साथ सुबह छ: बजे स्टीमर पर सवार हुए थे. उस समय सावन भादो के माह में गंगा को पार करने में स्टीम को तीन घंटे का वक्ता लग जाता था. लेकिन लगभग एक घंटे बाद ही स्टीमर का इंजन फेल हो गया. स्टीमर नदी के धारों के हवाले हो गया. कभी बायें जा रहा था कभी दायें, कभी सौ मीटर आगे तो कभी पांच सौ मीटर पीछे. स्टीमर पर करीब डेढ़ सौ से दो सौ लोग सवार होंगे लेकिन पूरी तरह से सन्नाटा था. लोग डूब कर मरने के डर से बार बार बेहोश हो रहे थे. कई लोगों ने भगवान को मोटी रकम, भैंसे और बकरे की बली की मनौती रख ली थी. जब शाम सात बज गये तो भूखे प्यासे लोगों ने जीवन की इच्छा छोड़ दी थी. कई लोग राम राम, उ नम: शिवाय का जाप कर रहे थे. तभी दूर अंधेरे में दूसरे स्टीमर की रौशनी दिखायी दी तो लोगों को हौसला मिला और जोर जोर से हल्ला करना शुरू किया. दूसरा स्टीमर धीरे धीरे करीब आने लगा और अंतत: जब एक दम करीब आ गया तो दोनों के मल्लाह यानी चालक ने दोनों स्टीमर को जोड़ दिया. अब चालक दल के सदस्यों ने तय किया कि वे लोग बरारी घाट नहीं जायेंगे बल्कि जो भी करीबी घाट होगा वहां पर स्टीमर को लगा कर लोगों को उतार दिया जायेगा. लगभग तीन घंटे बाद लगभग दस बजे रात को इंजिनयरिंग कॉलेज के पीछे स्टीमर तट पर खड़ा हुआ और लोगों की जान बच गयी. राजेंद्र यादव ने कहा कि जब भी उस घटना को याद करता हूं तो शरीर में सिहरन सी दौड़ जाती है. 
2.
इनकी यादों में है बीस वर्ष पहले की दिक्कतें 

अंगिका के ध्वनिवैज्ञानिक साहित्यकार डा रमेश मोहन शर्मा आत्मविश्वास ने कहा कि पुल बनने के बाद यहां की जिंदगी तेजी से बदल गयी है. संपन्न्ता तो आयी लेकिन जिंदगी की मौलिकता और स्वभाविकता गायब हो गयी. लेकिन यह तो होना ही था. सेतु बनने के बाद नवगछिया व्यापार का हब बन गया. आज के समय में गंगा पार में कोई भी व्यक्ति हो अगर वह कमाना चाह रहा है तो पूंजी और सांसाधन कोई मायने नहीं रखता. वह आसानी से कमाई कर रहा है. सेतु बनने के बाद साहित्यकारों के बीच आपसी समन्वय आसान हुआ है जिससे खास कर आंचलिक साहित्य दिनों दिन समृद्ध हो रहा है. 
3.
गये थे बारात, आज भी वह दिन याद है
सेतु बनने के बाद विक्रमशिला सेतु के सौ मीटर दूर से जाह्नवी बिहार कॉलोनी के रूप में एक मुहल्ला विकसित हो गया है. यहीं के निवासी गंगोत्री जागरण मंच् के राष्ट्रीय अध्यक्ष जदयू नेता गुलशन कुमार ने कहा कि आज से करीब 29 वर्ष पहले उनकी शादी हुई थी. यहां से बारात पिरपैंती के लिए रवाना हुई थी. बारात का संस्मरण कहते कहते गुलशन रोमांचित हो जाते हैं. वे बताते हैं पहले वे लोग ब्रह्म बाबा स्थल के पास रेलगाड़ी जिससे घाट गाड़ी कहा जाता था, उस पर सवार हुए और वहां से हाइलेवल जहाज घाट पहुंचे. वहां बड़े से जहाज पर सवार हुए और बारारी पहुंचे फिर पिरपैंती के लिए रवाना हुए थे. जो भी लोग उनके साथ गये थे आज भी उस बारात को याद कर रोमांचित हो जाते हैं. गुलशन कहते हैं कि उस समय ससुराल जाने के सोचना पड़ता था क्योंकि एक दिन तो जाने में ही लग जाता था. लेकिन आज कभी कभी एक दिन में वे दो बार अपने ससुराल से हो आते हैं. वास्तव में सेतु ने यहां के लोगों की जिंदगी को साकारात्मक तरीके से बदल दिया है. 
4.
नवगछिया बाजार के संतोष गुप्ता कहते हैं कि विक्रमशिला पुल के पहले भागलपुर जाना एक कठिन परीक्षा की थी. नवगछिया से भेड़ बकरी की तरह खचाखच भरी जीत औ बालू के रेल पर पैदल अपने लगेज के साथ स्टीमर पर जल्दी पहुंचने की जद्दोजहद और फिर स्टीमर पर चढ़ कर उस पार पहुंचना चांद को छूने जैसा प्रतीत होता था. उस पार में ऑटो शहर पहुंच कर अपने कार्य में थोड़ी भी देरी हो जाय तो पुन: नवगछिया पहुंचना मुश्किल. विक्रमशिला नवगछिया के लाइफ लाइन साबित हुआ. जिसने बुरे दिनों को हमेशा के लिए भुला दिया है. 
5.
खेल गुरू और ताइक्वांडो संघ के जिला महासचिव घनश्याम प्रसाद ने कहा कि एक बार वे लोग क्रिक्रेट खेलने पूरी टीम के साथ भागलपुर गये थे. उनलोगों ने मैच जीत लिया और वहां से खुश हो कर वापस घर आ रहे थे. बरारी पहुंचने पर पता चला कि अभी तुरंत आज का अंतिम स्टीमर खुल चुकी है. उनलोगों ने देखा कि महज तीन मीटर दूर ही स्टीमर है. वे लोग चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते थे. अब रात कहां ठहरें या समस्या थी. कुछ खिलाड़ियों के संबंधी भागलपुर में ही थे. लेकिन पूरी टीम के साथ किसी संबंधी के यहां जाना अच्छा नहीं लग रहा था. क्योंकि बीस लोगों के लिए तुरंत भोजन की व्यवस्था करना किसी के मत्थे मढ़ देना भी अच्छा नहीं लग रहा था. अंतत: एक खिलाड़ी के संबंधी ने पूरी टीम को घाट पर खड़े देख लिया. फिर उन्होंने सबों को अपने घर ले कर गये. उनके घर में एक बड़ा हॉल था. उनलोगों के लिए बाकायदा खाने पीने और सोने का इंतजाम किया गया. वे लोग फिर अगली सुबह घर के लिए रवाना हुए थे.
विक्रमशिला सेतु के 10 फायदे

1. यातायात के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव, इस पार और उसपार की घटी दूरियां, दिन भर का सफर अब महज चंद मिनटों में, कोसी और सीमांचल से भी जुड़ गया मध्य बिहार. 

2. नवगछिया के कई इलाके विकास की मुख्यधारा से जुड़े. जमीनें हुई महंगी, स्थापित हो गए नए बाज़ार, लाइन ढाबों और आलीशान होटलों से नवगछिया हुआ गुलजार. 

3. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी आया आमूलचूल बदलाव, सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों को होने लगी मॉनिटरिंग, गंभीर रोगियों के एम्बुलेंस सीधे पहुंच रहे मेडिकल कॉलेज अस्पताल। सक्षम लोग शहर के निजी क्लीनिकों और अस्पतालों में करवा पा रहे हैं इलाज. 

4. हुई श्वेतक्रान्ति, दुग्ध उत्पादन करना हो गया एक व्यवसाय, कई लोग रोजगार से जुड़े. 

5. सब्जी, केला, आम, लीची को भी मिला पहले से बेहतर बाजार. छोटे किसान सीधे पहुंच जाते हैं अपने उत्पाद के साथ बाजार
6. शिक्षा के क्षेत्र में भी छलांग, अब भागलपुर साइकिल से पढ़ने जाती है बिटिया, उच्च शिक्षा की भी हो रही विवि से प्रॉपर मॉनिटरिंग, सुधरे हालात

7. पूर्णियां के बाद मक्के का बड़ा बाजार बन गया नवगछिया. किसान व व्यवसायी आसानी से कर पा रहे हैं खरीद बिक्री. 

8. तरह तरह के रोजगारों का हुआ सृजन, मेहनत मजदूरी करने वाले आसानी से कर रहे हैं कमाई. 

9. सुधरे प्रशासनिक हालात, योजनाओं को क्रियान्वित करना हुआ आसान, अब हर गांव पर नजर रख सकता है जिला प्रशासन

10. सांस्कृतिक, साहित्यिक, लोकतात्विक बदलाव भी हुए, लोकगीत और लोककला में भी आया बदलाव.
ध्यान देने लायक बातें


1. जाम को नियंत्रित करने के लिये बनानी होगी ठोस रणनीति, भागलपुर और नवगछिया पुलिस को रखना होगा बेहतर सामंजस्य. 

2. सेतु पर वन वे परिचालन को सख्ती करना होगा लागू, पर्याप्त पुलिसकर्मियों की करनी होगी तैनाती. 

3. पुल पर एकाएक खराब हुए वाहनों को तुरंत हटाने के लिये करनी होगी क्रेन या किरान की व्यवस्था.

4. सेतु पथ पर जाम ना लगे इसके लिये ब्रांच सड़कों को भी सुदृढ़ कर उसे बेहतर उपयोग में लाया जा सकता है. 

5. हादसों से निपटने के लिये वाहनों की गति सीमा का हो सख्त निगरानी.