ऋषव मिश्रा, मुख्य संपादक GS
नवगछिया : देश के विभिन्न महानगरों से स्पेशल ट्रेन से आये दिन आने वाले प्रवासी मजदूरों को क्वॉरंटाइन सेंटरों में समुचित व्यवस्था के साथ रखना भी एक चुनौती से कम नहीं होगा. अनुमान है कि स्पेशल ट्रेनों और यातायात के अन्य माध्यमों से नवगछिया अनुमंडल में करीब 50 हजार प्रवासी मजदूर घर आएंगे. शुक्रवार को देर रात से ही नवगछिया और भागलपुर रेलवे स्टेशनों पर प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. वर्तमान में नवगछिया अनुमंडल में करीब 17 क्वॉरेंटाइन सेंटर कार्यरत है. एक सेंटर पर 200 से 300 लोगों को एक साथ रखने की क्षमता है. इस हिसाब से एक साथ अधिकतम पांच से छः हजार लोगों को रखा जा सकता है. ऐसी स्थिति में नवगछिया अनुमंडल के प्रत्येक पंचायत में क्वारन्टीन सेंटर की आवश्यकता है. जानकार बता रहे हैं कि नवगछिया अनुमंडल में आए दिन कम से कम एक सौ क्वारंटीन सेंटरों की आवश्यकता होगी. वर्तमान में नवगछिया अनुमंडल मुख्यालय के क्वारन्टीन सेंटरों को छोड़ दिया जाय तो प्रखंडों के क्वारन्टीन सेंटरों पर बड़े पैमाने पर अव्यवस्था की बात भी सामने आ रही है. तो दूसरी तरफ बाहर से साइकिल, ट्रकों या अन्य यातायात के माध्यमों से नवगछिया आने वाले कई ऐसे मजदूर हैं जिससे स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिर्फ स्क्रीनिंग कर दिया गया और उसे घर भेज दिया गया.
केस स्टडी एक
पिछले दिनों नवगछिया के मुमताज मुहल्ला में चार प्रवासी मजदूर आये. मुहल्ले वासियों से सबसे पहले अस्पताल जाने को कहा. जब चारों युवक अस्पताल पहुंचे तो वहां स्क्रीनिंग की गयी और पूछताछ की गयी. फिर सभी लड़कों को घर मे ही क्वारन्टीन रहने को कहा गया. स्थिति ऐसी है कि चारों युवकों के घर इतने संसाधन नहीं है कि उसे क्वारन्टीन किया जा सके. स्थानीय प्रोफेसर सानू ने स्वास्थ्य विभाग के इस तरह के कदम पर चिंता व्यक्त की है.
केस स्टडी दो
नवगछिया के श्रीपुर अमघट्टा में सात मजदूर महाराष्ट्र से अपने घर आये. अनुमंडलीय अस्पताल में सभाओं का स्वास्थ्य जांच करने के बाद बनारसी लाल सर्राफ कॉलेज स्थित क्वारन्टीन सेंटर भेजा गया. लेकिन वहां से मजदूरों को लौटा दिया गया. लेकिन गांव के ग्रामीण मजदूरों को गांव में नहीं रहने देना चाहते थे. फिर मत्स्य जीवी संघ के पंकज कुमार सामने आए और स्थानीय विद्यालय में सभाओं के लिए रहने की व्यवस्था की. पकरा और तेतरी गांव से भी इसी से मिलता जुलता मामला सामने आ चुका है.
जोखिम भरा कदम है बाहर से आने वाले मजदूरों को घर भेजना
नवगछिया में कोरोना के अब तक 13 मामले सामने आ चुके हैं. 13 में से नौ लोगों की ट्रेवल हिस्ट्री रही है. इसमें आठ प्रवासी मजदूर हैं. ऐसी स्थिति में नवगछिया के बुद्धिजीवियों आजाद हिंद मोर्चा के अध्यक्ष राजेंद्र यादव, सीएनजीएन के अशोक केडिया, खिलाड़ी फाइटर जेम्स आदि ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों को घर भेज देना एक जोखिम भरा खतरनाक कदम है. प्रशासन को एक मास्टर प्लान के तहत काम करना चाहिये और आने वाले सभी मजदूरों को क्वारन्टीन सेंटर में ही तय समय तक रखना चाहिये. उम्मीद है आये दिन ऐसा ही होगा.
प्रत्येक पंचायत में बने कोरेन्टीन सेंटर
वरिष्ठ भाजपा नेता सह बिहपुर विधानसभा के पूर्व विधायक ई कुमार देश के विभिन्न क्षेत्रों से अपने घर के ही लोग आ रहे हैं. जिन्हें अपने गृह प्रखंडों में ही किसी विद्यालय में रखा जा रहा है. एक विद्यालय में 200 - 300 लोग ही रह सकते हैं. एक प्रखंड में लगभग 3400 से भी अधिक लोगों के आने की संभावना है. ऐसे में प्रत्येक पंचायत में एक सेंटर बनाये जान की आवश्यकता है. अतः बिहपुर विधानसभा के तीनों प्रखंड और नवगछिया अनुमंडल के सभी पंचायत के लोगों से आग्रह है. आप सभी सेंटर बनाने में प्रखंड के बीडीओ सीओ की मदद करें और जो प्रवासी सेंटर में क्वारन्टीन हैं भरपूर मदद ग्रामीण भी करें.
कहते हैं एसडीओ
नवगछिया के एसडीओ मुकेश कुमार ने कहा कि अनुमंडल में 17 क्वारन्टाइन सेंटर बनाया गया है. जरूरत के हिसाब से इसमें बढ़ोतरी की जाएगी.
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