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बुधवार, 20 मई 2020

नवगछिया के खरीक अंभो के समीप बस ट्रक टक्कर में मारे गए सभी मजदूरों के शव की हुई शिनाख्त, प्राथमिकी दर्ज GS NEWS


नवगछिया के  खरीक राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर मंगलवार को हुए सड़क हादसे में ट्रक पर लदे लोहे के पिलरों के नीचे दबकर मारे गए सभी नौ मजदूरों की लाश की शिनाख्त कर ली गई है.मजदूरों के पास मिले मोबाइल और आधार आईडी कार्ड के आधार पर मजदूरों की पहचान कर ली गई है और मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने परिजनों को फोन कर घटनास्थल पर बुलवाया.लाश की शिनाख्त के लिए परिजनों का आना मंगलवार की देर रात से शुरू हुई.देर रात परिजनों से मजदूरों की लाश की पहचान करा कर मजदूरों की लाश को परिजनों को सुपुर्द करने का सिलसिला मंगलवार की देर रात से शुरू हो गया.मंगलवार की रात तक सड़क हादसे में मारे गए आठ मजदूरों की लाश को उसके परिजनों को पुलिस ने सुपुर्द कर दिया.
मजदूरों के सभी लाशों की हुई शिनाख्त
जिन मजदूरों की लाश की शिनाख्त हुई उनमें मोतिहारी का सिरनी मलाही निवासी सुलेमान मियां का पुत्र गुलशन,रुस्तम बेतिया जिले के चौरिया विशुनपुरा निवासी महमूद मियां का पुत्र जलील मियां 36 वर्ष,उसी गांव के  झकर मियां का पुत्र नूरहोदा मियां40 वर्ष,जगदीशपुर थाना के यमुनियाँ चितपट्टी निवासी समसुद्दीन का पुत्र मोहम्मद हासिम,पूर्वी चंपारण के चैनपट्टी सरैया खास वार्ड नंबर 9 निवासी छठू मियां के पुत्र निजामुद्दीन मियां 35 वर्ष,पूर्वी चंपारण के बेलाही शिरनी निवासी मुख्तार मियां के पुत्र मोहम्मद इसराइल मंसूरी और सिवान जिला के भगवानपुर ग्राम थाना के अजीम उल्लाह अंसारी के पुत्र शमशाद अंसारी शामिल है.इन सभी मृतकों के लाश की शिनाख्त करने के बाद पुलिस ने मजदूरों की लाश को उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया है.मृतकों के गांव में लाश पहुंचने से मचा कोहराम मृतक मजदूरों की लाश जब मोतिहारी बेतिया के गांव शिरनी,सरैया,विशुनपुर,चितपट्टी में मजदूरों की लाश पहुंचने से मृतक  मजदूरों में कोहराम मच गया. परिजन दहाड़ मार कर रो रहे हैं.बिहार के  पूर्वी चंपारण,पश्चिम चंपारण से  परिजन अनुमंडलीय अस्पताल आए.लाश को देखकर सभी परिजन दहाड़ मार कर रो रहे थे.रोते-रोते परिजनों का बुरा हाल था.परिजनों ने बताया कि चंपारण के सभी मजदूर पश्चिम बंगाल में कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में काम कर रहे थे .लॉक डाउन की वजह से  सभी मजदूरों को शहर छोड़ना पड़ा और साइकिल लेकर सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के कोलकाता से निकल पड़े.यह लोग कब कहां और किस ट्रक पर चढ़े इस बात की जानकारी परिजनों को नहीं थी.लेकिन यह जरूर कह रहे थे कि बहुत जल्द ही घर पहुंच जाऊंगा.परिजनों को इस बात का मलाल है कि घर के सदस्य इन सबों का इंतजार कर रहे थे लेकिन इनके बच्चे,बीवी, माता पिता को अपने बेटे पति मजदूरों की लाश मिली.लॉक डाउन के पहले सभी मजदूरों ने अपने अपने परिवार की दयनीय स्थिति संभालने के लिए नए-नए सपने संजोए हुए थे.परिवार के लोगों की आस जुड़ी हुई थी.किसी मजदूर को अपने बहन की ब्याह करने की फिकर थी. किसी ने मरैया को हटाकर घर पक्का करने का वायदा किया था. साहूकारों से लिया गया कर्ज चुकता करने की बात कह रहे थे. इस बार जब कमा कर आऊंगा तो जो भी साहूकारों का कर्ज है उसे भुगतान कर दूंगा.




 सभी मजदूर अपने अपने परिवार का कमाऊ बेटा था.इन्हीं मजदूरों से परिवार के सभी लोगों की घर गृहस्ती चलती थी.खासकर बीवी बाल बच्चों और माता-पिता के जीवन जीने की निर्भरता इन दिवंगत मजदूरों के कंधों पर थी.मजदूरों की असामयिक हृदयस्पर्शी मौत होने से मृतकों के परिवार की मानो कमर ही टूट गई.मजदूरों की मौत से बेसहारा परिवार के अनाथ बच्चों,बूढ़े माता-पिता का सहारा कौन बनेगा यह एक सबसे बड़ा सवाल है.मृतकों के सभी परिवार निहायत ही गरीब हैं.विपत्ति की इस दुखद घड़ी में मजदूरों की बेसहारा परिवार का कौन सहारा बनेगा.बेटे की आस में बूढ़ी मां की आंखें पथरा गई. मौत की खबर सुनने के बाद से ही मृतकों के परिवार में परिवार में कोहराम मचा हुआ है.

पश्चिम बंगाल के रिलायंस जूट मील में काम करता था शमशाद बस ट्रक टक्कर में खाई में गिरी ट्रक पर लदे भारी भरकम लोहे के पिलरों के नीचे दबकर बुरी तरह क्षत-विक्षत लाश की पहचान बुधवार की देर शाम सिवान जिला के भगवानपुर निवासी अजीमुल्ला के पुत्र शमशाद अंसारी के रूप में पहचान की गई है.अंग भंग हुई लाश की विभिन्न अंगों को मिलाकर बड़ी मुश्किल से परिजनों ने लाश की पहचान कर शिनाख्त कर ली है.लाश की पहचान होने के बाद शमशाद के चचेरे भाई और परिजन लोग दहाड़ मार कर रोने लगे.रोते-रोते परिजनों का बुरा हाल है.चचेरे भाइयों और परिजनों बताया कि शमशाद उसके परिवार का कमाऊ बेटा था.वह अपने पिता का इकलौता शादीशुदा पुत्र था.दो बहन के बाद जन्मे शमशाद अपने पिता का लाडला था.जैसे है मृतक के घर पर उसकी पत्नी नसीमा बेगम को यह सूचना मिली कि उसका पति अब इस संसार में नहीं है,वह मूर्छित होकर बेसुध हो गई.वह बार-बार बुदबुदाते हुए कहती है  कि अब मेरा सहारा कौन सहारा बनेगा.मेरा राजा परदेस कमाने गया था. जरूर आएगा.उसे यकीन नही हो रहा कि उसका पति अब इस संसार में नही रहा.पत्नी बेसुध पड़ी हुई है. शमशाद अपने पीछे दो छोटे-छोटे मासूम पुत्र मासूम 12 वर्ष और साजिद 6 वर्ष, मां फातिमा खातून और पिता अजमुल्ला  छोड़ गए. पुत्र की मौत से माता और पिता की बुढ़ापे की सहारे की लाठी छिन गई.शमशाद के परिवार की माली हालत बहुत ही दयनीय है.पैतृक संपत्ति बहुत ज्यादा नहीं होने के कारण जब घर पर परिवार चलने में वह अक्षम हो गया तो शमशाद शहर की ओर रुख किया था.पश्चिम बंगाल के रिलायंस जूट मिल में काम करना शुरू किया था.वहां से कमाकर वह लाता था और कमाया हुआ पैसा घर भेजता था जिससे घर की घर गृहस्थी चलती थी.शमशाद बीते चार मई को साइकिल से पशिम बंगाल से  सिवान के लिए साइकिल से 15000 रुपये लेकर चला था.शमशाद की मौत से पूरा परिवार बेसहारा हो गया.मृतक के के गांव भगवानपुर में सन्नाटा पसरा हुआ है.सभी परिजन लाश आने का इंतजार कर रहे हैं.सुबह तक लाश पहुंचने की उम्मीद है.

घटनास्थल पर पसरा सन्नाटा
खरीक के राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर अम्भो के समीप हुए सड़क हादसे में एक ही जगह गड्ढे में पिलरों से दबे एक जगह से छत विछत नौ लाश निकाले जाने से घटनास्थल पर सन्नाटा पसरा हुआ है. आसपास के लोगों की नजरों पर जब छत विक्षत लाश निकालने का दृश्य सामने आता है तो हृदय मर्माहत हो जाता है.अज्ञात बस और ट्रक चालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज बस ट्रक टक्कर सड़क हादसे में नौ मजदूरों की मौत की घटना के बाद खरीक अवर निरीक्षक श्यामानंद मिश्र के बयान पर खरीक थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है जिसमें अज्ञात ट्रक चालक और बस चालक के विरुद्ध खरीक थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है.अज्ञात बस चालक और ट्रक चालक की बरामदगी के लिए पुलिस छानबीन कर रही है.

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