भागलपुर से राजेश भारती की रिपोर्ट ✍
कुख्यात दिनेश मुनि मधेपुरा जिला के चौसा प्रखंड अंतर्गत चिरौरी पंचायत के तीनमुहिं गाँव का मूल वासी है। वह बचपन से चोर था उसने अपने गाँव में एक किराना दुकान से सामान का चोरी किया था जिसमें वह सफल रहा इसके बाद लगातार अपराध करता रहा।
अपराध की शुरुआत वर्ष 2011 में मधेपुरा जिला के चौसा प्रखंड से किया था। जिसका अंत नौवें साल भागलपुर जिला के नारायणपुर प्रखंड के भवानीपुर ओपीक्षेत्र के नारायणपुर गंगा दियारा में भवानीपुर ओपीध्यक्ष नीरज कुमार के नेतृत्व में एसटीएफ जवानों ने किया। मधेपुरा जिला के चौसा थाना में तीन मामले दर्ज थे। जिसमें की दो मामले में वह जमानत पर था।
तीसरे मामले में जमानत पर बाहर होने के बाद में खगड़िया जिला के पसराहा थाना अंतर्गत तिहाई गांव में शरण लिया था। एक मामले में चौसा पुलिस को भी लंबे समय से उसकी तलाश थी। चौसा थाना अध्यक्ष महेश कुमार रजक ने बताया कि चौसा थाना कांड संख्या 48/11 में आर्म्स के साथ उन्हें गिरफ्तार किया गया था तथा 178/14 में तत्कालीन थानाध्यक्ष एनडी निराला के नेतृत्व में लूट की मोटरसाइकिल के साथ उन्हें खगरिया से गिरफ्तार किया गया था इसी दोनों मामले में फिलहाल जमानत पर था। जमानत मिलते ही उसने पसराहा थाना क्षेत्र में शरण जमा लिया।
कांड संख्या 297/17 के लौवालगान के खोपरिया टोला से मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में उन पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी। जिसमें की चौसा पुलिस को भी उसकी लंबे समय से तलाश थी। खगड़िया जिला के परबत्ता में चार,पसराहा में चार और बिहपुर थाना में पसराहा के तत्कालीन थानाध्यक्ष आशीष सिंह हत्याकांड का मामला दर्ज है।
हालांकि उनका पैतृक गांव चौसा थाना अंतर्गत चिरोड़ी पंचायत के तिनमुहि गांव में था लेकिन वर्तमान में वे तिहाई गांव में रह रहे थे। चौसा से भागकर खगड़िया के तिहाई में घर बनाया और भागलपुर के नारायणपुर गंगा दियारा में मारा गया।
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