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गुरुवार, 2 अप्रैल 2020

पंचायतों में आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश• 5 वीं राज्य वित्त आयोग के अनुदान मदद की राशि का होगा इस्तेमाल • पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव ने जिलाधिकारी को लिखा पत्र GS NEWS


मुंगेर, 2 अप्रैल: कोरोना के खिलाफ़ देश के साथ राज्य भी मजबूती से लड़ रहा है. अब जिलों में ;पंचायती राज भी इस जंग में योगदान देता दिखेगा. जिलों में पंचायतीराज संस्था कोरोना महामारी की रोकथाम करने के लिए आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने व लोगों को इससे संबंधित आवश्यक जानकारी देने का काम करेंगी. कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए पंचायती राज संस्थाएं पंचम राज्य वित्त आयोग के अनुदान मद की राशि का इस्तेमाल करेंगी. इसको लेकर पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने बिहार के सभी जिलाधिकारी, उपविकास आयुक्त व जिला पंचायत पदाधिकारियों को पत्र लिखकर आवयश्यक दिशा निर्देश दिया है. 
पत्र में बताया गया है कि कोरोना महामारी को देखते हुए इसकी रोकथाम व आवश्यक सामग्रियों की जरूरत मुहैया कराने व जागरूकता लाने के लिए पंचायती राज संस्था के सभी लोगों को काम करना है. पंचायत प्रतिनिधियों को किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए हर समय मुस्तैद रहना है. पंचायतों में आने वाले स्वास्थ्य केंद्रों पर बनाये गये आइसोलेशन वार्ड सहित क्वरेंटाइन सेंटरों पर सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने में स्वास्थ्य विभाग के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलना है. 

अनुदान राशि से सुनिश्चित किये जाने हैं ये कार्य: 

इस मद की राशि से प्रतिनिधियों व कर्मियों की सुरक्षा के लिए मास्क, हैंड गलव्स, सेनिकटाइजर, साबुन आदि आवश्यक सामग्रियों की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर खरीद कर की जा सकती है. 

ग्राम पंचायतें, पंचायत स्तरीय आइसोलेशन कैंप में सभी सुविधाएं जैसे हैंड गलव्स, मास्क, सेनिकटाइजर, साबुन आदि सभी जरूरी सामग्रियों की व्यवस्था करेगी.

ग्राम पंचायत क्षेत्र में सामान्य स्वच्छता का काम जैसे ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव आदि सभी आवश्यक व्यवस्था के लिए इस मद की राशि का उपयोग करेगी. 

मुखिया भी कर रहें सहयोग:
पंचयत स्तर पर मुखिया भी कोरोना के खिलाफ़ जंग में सरीक हो गए हैं. उन्हें भी अपने पंचायत में कोरोना को लेकर जागरूकता एवं बाहर से गाँव लौटने वाले लोगों पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गयी है. प्रवासियों के गाँव पहुँचने पर मुखिया इनकी जानकारी जिला कंट्रोल रूम में दे रहे हैं. लोगों को सामाजिक दूरियों के बारे में जानकारी दे रहे हों एवं बनाये गए आईसोलेशन वार्ड की भी पूरी खबर रख रहे हैं. 

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी: 

कार्य-स्थल, ऑफिस एवं सार्वजानिक जगहों पर लोगों से 1 मीटर की दूरी बनायें.
भीड़-भाड़ वाले जगहों पर जाने से बचें. सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए कोरोनावायरस पर प्रभावी रोकथाम लगायी जा सकती है. 
हाथों को समय समय पर 20 सेंकेंड तक जरूर धोंये. हाथ मिलाने से परहेज करें. 
खांसी, जुकाम व छींक आदि होने पर मास्क का इस्तेमाल करें. साथ ही यदि किसी अन्य को है तो उसके संपर्क में आने से बचें.

कोरोनावायरस के लक्षण और बचाव के बताए गए तरीके एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी सेविकाओं को मोबाइल ऐप के जरिए ऑनलाइन दी गई जानकारी - स्वास्थ्य विभाग और केयर इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से ऑनलाइन आयोजित हुआ कार्यक्रम GS NEWS


मुंगेर/ 2 अप्रैल। जिले में कोरोनावायरस के संक्रमण से जन समुदाय को बचाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। गुरुवार को ऑनलाइन मोबाइल ऐप के जरिए स्वास्थ्य विभाग और केयर इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी सेविकाओं को कोरोनावायरस के शुरुआती लक्षण और इसके बचाव की जानकारी दी गई। केयर इंडिया के डॉक्टर श्रीधर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग हर स्तर पर कोरोना को हराने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी सेविका को फील्ड विजिट के दौरान खुद की सावधानी बरतने तथा आम लोगों को वायरस के लक्षण और बचाव के तरीके की जानकारी देंगी। इस दौरान एएनएम और आशा अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों का भी ख्याल रखेंगी। ऐसे लोगों को जरूरत पड़ने पर अस्पताल पहुंचाने में भी मदद करेंगी। गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए आशा घर जाकर स्वास्थ्य की जानकारी लेती रहेंगी और जरूरत पड़ने पर अस्पताल पहुंचाने मैं मदद करेंगी। आशा घर-घर जाकर लोगों को कोरोना वायरस के बारे में जानकारी और बचने के तरीके बताएंगी।

संक्रमण से बचने के उपाय

केयर इंडिया के डीटीएल डॉ अजय कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अति आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकले. नहीं तो दो या तीसरे दिन जरूरत के हिसाब से बाहर निकले, किसी व्यक्ति से आप 1 मीटर की दूरी पर ही बात करें या मिले, साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक हाथों को पूरी अच्छे तरीके से धोएं या 70% अल्कोहल आधारित हाथ सैनिटाइजर को हाथ ऊपर रगड़ कर साफ करना चाहिए।

वायरस दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति को बनाता है संक्रमित

जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं। इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं। संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर अनजान वस किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं, और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो वहीं कण दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति के शरीर में पहुंचता है। इससे वह व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है।

संक्रमण से बचाव का सुझाव 

ख़ुद को दूसरों लोगों से अलग कर रखें। इसके अलावा भीड़- भाड़ वाले इलाकें में जाने से बचें। अनजान लोगो से दूरी बनाये रखें। इससे बचने के लिए आप नियमित रूप से और अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोएं। अगर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुंचते हैं. ऐसे में खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करना, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

बुधवार, 1 अप्रैल 2020

नवगछिया : ABVP द्वारा खाद्य सामग्री एवं पेयजल का वितरण GS NEWS

नवगछिया में टोल प्लाजा महदत्तपुर  के पास एनएच 31 पर दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी बिहारी के बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दोगछिया इकाई द्वारा खाद्य सामग्री एवं पेयजल का वितरण किया गया । मौके पर प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अनुज चौरसिया ने बताया कि पूरे देश में भारी संकट है जो लोग दूसरे राज्यों से आ रहे हैं जिनके पास ना पैसे हैं ना खाने के लिए कुछ सामग्री है उन लोगों के लिए नवगछिया अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई द्वारा खाद्य सामग्री का वितरण किया गया ।

 मौके पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सुजीत सिंह चौहान जी बी कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष सौरव कुमार पोद्दार अविश कुमार राहुल शर्मा शिवम झा, दरोगा कुमार विष्णु कुमार सहित कई अन्य मौजूद थे ।

नवगछिया के भाजपा कार्यकर्ता आमजनों के लिए हर वक्त तैयार - सबों के सहयोग से किया जाएगा लोगों की मदद GS NEWS


भाजपा के सभी जिला अघ्यक्षों को टेली कान्फ्रेंसिंग के जरिए वैश्विक महामारी कोरोना पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय के साथ 13 सूत्री निर्देश देते हुए कहा कि अपने-अपने घरों से भोजन का पैकेट तैयार कर आस-पास रहने वाले दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा-ठेला चालकों व गरीबों को वितरित करें। दूसरे प्रदेशों में फंसे अपने-अपने क्षेत्र के बिहारियों से मोबाइल/टेलीफोन के जरिए बात करें और उनकी परेशानियों को यथासंभव दूर करने की कोशिश करें। ऐसे लोगों के मोबाइल नम्बर इकट्ठा कर आपदा प्रबंधन विभाग को उपलब्ध कराएं ताकि उनकी आवश्यक मदद की जा सके। अधिक से अधिक लोगों को मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान करने के लिए प्रेरित करें। 

श्री मोदी ने कहा कि भाजपा के सभी जिला अध्यक्ष व प्रमुख कार्यकर्ता यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्रों में खाद्यान्नों की कालाबाजारी नहीं हो तथा जरूरतमंदों को उचित मूल्य पर उपलब्ध हो सके। अगर कही से शिकायत मिले तो जिम्मेवार अधिकारियों को तत्काल सूचित करें। गरीबों की बस्तियों में आटा, चावल, दाल, नमक आदि का पैकेट तैयार कर वितरित करें। 

केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा कोरोना राहत पैकेज की राशि जारी की जा रही है। अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी करें कि गरीबों को ससमय राशि उपलब्ध हो तथा बैंकों में अनावश्यक भीड़ न लगे। 
 
गेहूं की कटनी और धान की खरीद के साथ अन्य कृषि कार्य को लाॅकडाउन से मुक्त रखा गया है। किसानों व कृषि मजदूरों को आवश्यक सावधानियां बरतते हुए कृषि कार्य करने के लिए जागरूक करें। 
 
गांवों में बाहर से आए लोगों को सरकार की ओर से पंचायत व स्कूल भवनों में ठहराने की व्यवस्था को कारगर बनाने व आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को कफ्यू पास दिलाने में मदद करें। अपने-अपने क्षेत्रों में लाॅकडाउन को सख्ती से पालन व सोशल मीडिया के भ्रामक खबरों से सचेत रहने के लिए आम लोगों को प्रेरित करें।

लॉकडाउन: बच्चों के संग बड़े भी घरों में बिता रहे क्वालिटी टाइम - संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए अब बच्चे भी हो रहे जागरूक- प्रदेश से आए लोगों का सर्वे और जांच का सिलसिला जारी GS NEWS


मुंगेर/1 अप्रैल। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में २१ दिन का लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में लोग अपने अपने घर में ही सीमित हो कर रह गए हैं। कोरोनावायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए अब बच्चे पूरी तरह जागरूक हो गये हैं। आसपास की सड़कों पर शांत माहौल देख बच्चे अपने घरों में ही रहना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। हालांकि वायरस के प्रकोप के चलते लोगों के दिलों में डर बना हुआ है लेकिन इस लॉकडाउन ने परिवार के सदस्यों को एक बार फिर एक दूसरे के पास आने का मौका दिया है जो उनकी व्यस्त दिनचर्या के कारण पहले शायद नहीं मिलता था। अपनी व्यस्त दिनचर्या के कारण पैरेंट्स भी बच्चों को अधिक समय नहीं दे पाते थे लेकिन इन दिनों परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर मस्ती कर रहे हैं। साथ ही घर के बड़े खेल - खेल में बच्चों को कोरोना के लक्षण के बार में भी अवगत करा रहे हैं।


प्रदेश से आए लोगों का सर्वे और जांच का सिलसिला जारी

जिले के प्रखंडों में प्रदेशों से आए लोगों की जांच के लिए टीम गठित की गई है। प्रखंड क्षेत्रों में आए हुए व्यक्तियों की सूचना मिलते ही मेडिकल टीम घर पर पहुंचकर जांच एवं होम क्वॉरेंटाइन में रहने का निर्देश दे रही है। इस दौरान क्षेत्र के मुखिया, वार्ड सदस्य, आंगनबाड़ी सेविका एवं आशा कार्यकर्ता द्वारा मेडिकल टीम को सहयोग किया जा रहा है। बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी बीडीओ और प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारियों को ग्रामीण दे रहे हैं। वहीं असरगंज प्रखंड में बाहर से आए लोगों की जांच के लिए 3 टीम गठित की गई है। असरगंज के बीडीओ अमित कुमार ने बताया बाहर से आने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है। वही मुंगेर जिला के जमालपुर प्रखंड मुख्यालय में कोरोना वायरस के मद्देनजर नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। नियंत्रण कक्ष का नंबर 06344-241117 जारी किया गया है। जिले में पिछले दो दिनों से एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है। जिले में अबतक कोरोनावायरस के 7 पॉजीटिव केस आ चुके हैं।

ग्रामीण या घर के लोग छिपायें नहीं, ऐसे लोगों की दें सूचना

भारत के अन्य प्रदेशों से कई प्रवासी अपने अपने गांव को पहुँच रहे हैं। ऐसे में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रत्येक पंचायत में एक सरकारी भवन को आइसोलेशन वार्ड की तरह बनाया गया है। जिसमें बाहरी राज्य से आने वाले लोगों को 14 दिनों तक रखा जाएगा। बाहर से आने वाले व्यक्ति चाहे जिस गांव के भी हों, उस गांव के जन प्रतिनिधि, गांव और समाज के लोगों सहित खुद उस व्यक्ति का कर्तव्य भी बनता है कि बाहर से आने वाले सभी लोगों के नाम , पता, मोबाइल नम्बर और आधार कार्ड नजदीकी थाने, अस्पताल या फिर प्रशसन द्वारा ज़ारी किए गये कंट्रोल नम्बर पर दर्ज करा सकते हैं।

नवगछिया में सेवार्थ द्वारा भोजन राहत सामग्री का वितरण GS NEWS


श्री शिवशक्ति योगपीठ के तत्वावधान में परमहंस स्वामी श्री आगमानंद जी महाराज  के निर्देशन में सेवार्थ ( सामाजिक कार्य संस्था) द्वारा कोरोंना संक्रमण के चलते भारत सरकार द्वारा किये गए लॉक डाउन में नवगछिया नगर पंचायत के वार्ड ५ और ६ के जरूरतमंदो को भोजन राहत सामग्री वितरण किया गया।इस अवसर पर सेवार्थ के अध्यक्ष डॉ अनंत विक्रम ने कहा कि यह सेवा आगे भी जारी रहेगी ,उन्होने  कहा कि संस्था कि यह कोशिश रहेगी कि इस विकट परिस्थिति में कोई भी भूखा ना रहे। संस्था के सचिव पुरूषोत्तम कुमार ने कहा कि नवगछिया के निकटवर्ती जगहों पर भी यह सेवा जारी रहेगी।इस अवसर पर सेवार्थ के उपाध्यक्ष रंजन मिश्रा, उपसचिव अमित कुमार, कोषाध्यक्ष मनोज केजरीवाल, ताइक्वांडो के महासचिव घनश्याम प्रसाद, ओम प्रकाश सिंह,पिंटू सिंह,नीतीश सरकार, बंटी जयसवाल,राणा जी, अरविंद जयसवाल, संजीव कुमार आदि उपस्थित थे।

नवगछिया : पैक्स अध्यक्ष अभय झा ने साबुन बाँटकर लोगों को किया जागरूक GS NEWS


 कोरोना वायरस से बचाव के लिऐ नवगछिया अनुमंडल क्षेत्र के नगरह पंचायत पैक्स अध्यक्ष अभय झा उर्फ डिम्पल के द्वारा   पंचायत के जोनिया गाँव में करीब दो सौ घरों में लाइफबॉय साबुन बाँटकर ग्रामीणों से स्वच्छ रहने के लिऐ जागरूक किया गया । गाँव के माधवानंद ठाकुर , छत्रधारी मंडल, अर्जुन शर्मा, उमेश मंडल, रूपेलाल पासवान , मन्नू गोस्वामी , सुरेन्द्र मंडल , ब्रजेश सिंह मौजूद  थे  ।

मंगलवार, 31 मार्च 2020

मुंगेर : कोरोना को लेकर डायबिटीज़ और अस्थमा के मरीजों को विशेष सतर्कता जरूरी GS NEWS


डायबिटीज के मरीजों को खून में चीनी की मात्रा को रखना चाहिए नियंत्रित 
संक्रमण से बचने के लिए अस्थमा के मरीज इनहेलर लेते रहें और बरतें सावधानी 

मुंगेर/31 मुंगेर। कोरोना वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है लेकिन उन लोगों को इससे ज़्यादा ख़तरा है जिन्हें पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या है या जो उम्रदराज हैं। जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ जैसी बीमारियां हैं उनको कोरोना वायरस से ज़्यादा ख़तरा है। इसके लक्षण अन्य बीमारियों से मिलते-जुलते हैं. जैसे सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ़। इंटरनेशनल डायबिटीज़ फेडरेशन के मुताबिक भारत में 2019 तक डायबिटीज के मरीजों की संख्या 7.7 करोड़ थी। कोरोना वायरस से संक्रमित कई लोगों को डायबिटीज भी बताई जा रही है. हालांकि, ऐसे कितने मरीज़ हैं इसका आँकड़ा उपलब्ध नहीं है। अगर आपको पहले से कोई बीमारी है तो ये ज़रूरी नहीं कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण दूसरों के मुक़ाबले जल्दी हो जाए लेकिन संक्रमण के बाद हालात अन्य मरीज़ों से ज़्यादा गंभीर हो सकते हैं।


डायबिटीज़ होने पर क्या करें

कोविड-19 डायबिटीज़ के मरीजों में कॉम्प्लिकेशन पैदा कर सकता है. अगर आपको डायबिटीज़ है और खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्क़त होती है तो अपना ब्लड शुगर नापते रहें और डॉक्टर से सलाह लें। इसके लिए खान- पान का ध्यान रखना चाहिए, जिससे खून में चीनी की मात्रा को नियंत्रित रखा जा सके। साथ ही घर पर ही हल्का - फुल्का व्यायाम करते रहना चाहिए।  

अस्थमा होने पर क्या करें

जिन लोगों को अस्थमा है वो डॉक्टर द्वारा बताया गया अपना इनहेलर लेते रहें। इससे किसी वायरस के चलते होने वाले अस्थमा दौरे का ख़तरा कम हो जाएगा। अपना इनहेलर हर दिन साथ रखें। अगर आपका अस्थमा बढ़ रहा है तो ऐसे में हेल्पलाइन नंबर से संपर्क करें। अस्थमा के मरीज घर से बिल्कुल भी बाहर ना निकलें और अगर जरूरत पड़ने पर बाहर निकल भी हैं तो, संक्रमण से बचे रहने के लिए पूरे दिशा-निर्देशों का गंभीरतापूर्वक पालन करें।

पहले से कोई बीमारी है तो सावधानी बरतनी चाहिए

जिन लोगों में हाई बल्ड प्रेशर, सांस संबंधी समस्या या कमज़ोर प्रतिरक्षा क्षमता है उन्हें कोरोनावायरस से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। कोरोनावायरस के कारण भी सांस संबंधी समस्या हो जाती है। वायरस गले, श्वसन नली और फेफड़ों पर असर डालता है। ऐसे में पहले से कोई दिक्कत होने पर इलाज करना और चुनौतीपूर्ण बन जाता है। अगर फ्लू के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति का शरीर ख़ुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए।

ऐसे लोगों को विशेष ध्यान देने की जरूरत, चिकित्सीय जांच करवाते रहें

डिप्टी डायरेक्टर के पद से सेवानिवृत्त मुंगेर जिले के डॉ के. के. वाजपेयी ने कहा ये देखा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बूढ़ों और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, कमज़ोर प्रतिरक्षण प्रणाली, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों के गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक होती है। ऐसे लोगों में संक्रमण से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। अस्थमा के मरीज हमेशा इनहेलर लेकर साथ रहे और इसका समय-समय पर उपयोग करते रहें। साथ ही डायबिटीज के मरीज अपना ब्लड शुगर जांच करवाते रहें और चिकित्सक से सलाह लेते रहें।

मुंगेर : कोरोना संक्रमण से प्रभावित नहीं होगा पोषण पुनर्वास केंद्र, चिकित्सकीय जटिलतायुक्त कुपोषित बच्चों की होगी भर्ती GS NEWS


कोविड 19 के मानकों के अनुसार बच्चों और उनकी माताओं का रखा जायेगा ध्यान  
कार्यपालक निदेशक ने जारी किया दिशा-निर्देश
शीघ्र ही पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कर्मियों की होगी बहाली  

मुंगेर/ 31 मार्च: कोरोनावायरस के संबंधित मामले देश के साथ अब राज्य में भी बढ़ रहे हैं. कोरोना की रोकथाम एवं इससे बचाव को लेकर बिहार सरकार द्वारा कई अहम कदम भी उठाये जा रहे हैं. इसी कड़ी में पोषण पुनर्वास केन्द्रों के संचालन को लेकर भी राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा एक अहम फैसला लिया गया है. कोरोना संक्रमण के कारण अब राज्य के पोषण पुनर्वास केंद्र बंद नहीं होंगे. इन केन्द्रों में चिकित्सकीय जटिलतायुक्त कुपोषित बच्चों की भर्ती जारी रहेगी. कोविड 19 के निर्धारित मानकों के अनुसार सभी पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती होने वाले कुपोषित बच्चों एवं उनकी माताओं को कोरोना संक्रमण से बचाव किया जाएगा.  इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर विस्तार से दिशा निर्देश दिया है. 

पोषण पुनर्वास केंद्र में सिर्फ चिकित्सकीय जटिलतायुक्त कुपोषित बच्चों की होगी भर्ती:
पत्र के माध्यम से बताया गया है कि पोषण पुनर्वास केंद्र में सिर्फ जटिलतायुक्त कुपोषित बच्चों की भर्ती की जाएगी. इन केन्द्रों में कोविड 19 के प्रस्तावित मानकों (कोविड 19 एस.ओ.पी) के अनुसार बच्चों और उनकी माताओं का ध्यान रखा जायेगा. कोरोनावायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है ताकि इन केन्द्रों पर अल्प कुपोषित बच्चों व उनकी माताओं की संख्या में कमी लायी जा सके और केन्द्रों के संचालन में कोई असुविधा न आये.

संतोषप्रद कार्य करनेवाली स्वयंसेवी संस्थाओं के अनुबंध का होगा विस्तार:
पत्र के माध्यम से बताया गया है कि जिन पोषण पुनर्वास केन्द्रों का संचालन स्वयंसेवी संस्थानों द्वारा किया जा रहा है, उनके संतोषप्रद कार्य के आलोक में उनका अनुबंध 30 जून तक सशर्त बढ़ाया जा सकता है.  पत्र में बताया गया है जिन स्वयंसेवी संस्थाओं का संचालन संतोषप्रद नहीं पाया जाता है वहां जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से आवश्यक मानव बल की प्रतिनियुक्ति कर उक्त केंद्र का संचालन जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा किया जायेगा. जहाँ इन केन्द्रों का संचालन जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा किया जा रहा है, वहां मार्च 2020 के बाद भी जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा ही संचालन जारी रखा जायेगा. 
  
एफडी एवं सीबीसीइ पदों की जल्द होगी नियुक्ति:
पत्र के माध्यम से बताया गया है कि सीबीसीइ( कम्युनिटी बेस्ड केयर एक्सटेंडर) एवं एफडी पदों की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और शीघ्र इसे पूरा कर लिया जायेगा. इससे पोषण पुनर्वास केन्द्रों में मानव बल की कमी को दूर किया जा सकेगा और केन्द्रों के सुचारू रूप से संचालन में मदद मिलेगी. जब तक इस नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं कर ली जाती है तब तक सम्बंधित जिला स्वास्थ्य समिति वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सभी स्वीकृत पदों पर कर्मियों की स्थानीय व्यवस्था कर पोषण पुनर्वाव केंद्र का संचालन सुचारू रूप से जारी रखेगी.

एक अनोखी रचना : हम ‘कोरोना’ फतह कर पाएँगे ।। -- आकाश गोस्वामी


“ पतझड़ करते हैं लाख कोशिश,
    फिर भी ये उपवन मरा करते कहाँ ?
    चंद मुखड़ों की नाराज़गी से,
     ये दर्पण कभी टूटा करते कहॉं? “

चट्टान सी खड़ी है मुसीबत, हम
 सागर की लहर बन टकराएँगे,
बिखर रहा है इंसान ज़र्रा-ज़र्रा,
हम आत्मविश्वास की कंधी से,
‘कोरोना’ के डर को संवार लाएँगे।
हॉं! हम ‘कोरोना’ फतह कर पाएँगे ।।

भविष्य का खाका,वर्तमान में खींच,
अपने इस जहां को,बचा ले जाएँगे।
होगा बेशक ‘महामारी’ दुनिया के लिए,
हम ‘भारतवासी’ इसके अंत का, 
क़ाफ़िला,ख़ुद ही बनते चले जाएँगे ।।
हॉं! हम ‘कोरोना’ फतह कर पाएँगे ।।

हम अंतर्तम की ज्वाला से, इस
धरती में आग लगा सकते हैं ।
हम डमरू की प्रलय ध्वनि से, 
भीषण संहार नचा सकते हैं । 
तेरी क्या बिसात हैं ‘कोरोना’ ?
हम काल के माथे से यकीनन 
तेरा ज़िक्र-जहां मिटा सकते हैं ।
हॉं! हम ‘कोरोना’ फतह कर सकते हैं ।।

भय-विस्मय का अंत कर,अब
दुनिया में ऐलान ये करना हैं,
साथ मिलकर ही भारत में अब
‘कोरोना’ का अंत करना हैं ।
कदमों की ताल से अपनी,
अपनत्व का बादल सजा देंगे,
डूब रही हो अर्थव्यवस्था फिर भी 
हम जन-जन में हिम्मत का,
निवेश आपार कर जाएँगे ।
हॉं! हम ‘कोरोना’ फतह कर जाएँगे ।।

आशाओं के धागें जोड़-जोड़ संग,
इंसानियत की अनोखी चादर बुनना हैं,
मुहिम तो बहुत लड़ी है हमने, अब
बस! ‘कोरोना’ फतह करना हैं ।
हॉं! हमें ‘कोरोना’ फतह करना हैं ।।
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नवगछिया के स्टेशन रोड में नहीं लगा सब्जी मंडी , लेकिन बाज़ार में नहीं कम रहा लोगों की भीड़ GS NEWS


नवगछिया : कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अखिल भारतीय लॉक डाउन  को लेकर नवगछिया बाजार में स्टेशन रोड में लगने वाली सब्जी मंडी में लगनें वाली भीड़ को देखते हुए स्थानीय प्रशासन द्वारा स्टेशन रोड से सब्जी मंडी को हटाकर राजेंद्र कॉलोनी और इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय में सब्जी मंडी को शिफ्ट किया गया हैं । जिसे लेकर नवगछिया स्टेशन रोड में सब्जी मंडी नहीं लगी ।

कुछ दुकानदारों ने राजेंद्र कॉलोनी में अपनी दुकानें लगाई कई सब्जी वालों ने मेन रोड में ठेले पर अपनी सब्जी को बेचा जिससे मेन रोड में काफी भीड़ देखी गई हर दिन की भांति मंगलवार को  भी मेन रोड में लोगों की भीड़ काफी  थी  । 

स्थानीय लोगों का कहना हैं कि आवश्यक सेवा की दुकानों को छोड़कर बाकी दुकानें भी नवगछिया में खुलने से काफी भीड़ नवगछिया बाजार में सुबह 7:00 बजे से 10:00 बजे तक लग जाती है जिससे नवगछिया बाजार में जाम की समस्या तक उत्पन्न हो जाती है हालांकि 10:00 बजे के बाद नवगछिया में सन्नाटा छा जाता है लेकिन शाम होते-होते फिर नवगछिया बाजार के लोग रोड पर नजर आने लगते हैं । बाज़ार के हड़िया पट्टी में कई तरह की दुकानें जैसे कपड़े, रेडीमेड , खैनी , सजावट , पूजा सामग्री सहित कई तरह की दुकानें खुल जाती हैं और ग्राहकों की भीड़ लग जाती हैं । नवगछिया के कई सामाजिक संस्था के मीडिया प्रभारी अशोक केडिया नें बताया कि सुबह प्रशासन नहीं रहने के कारण बहुत से दुकानदारों के द्वारा अपनी दुकान के खुलनें से इस तरह की समस्या उत्पन्न हो जाती है इस पर प्रशासन को पहल करने की आवश्यकता है ।

सोमवार, 30 मार्च 2020

कोरोना से लड़ने में बच्चों का करें सहयोग , आपका सकारात्मक व्यवहार है जरुरी • हर बच्चे के साथ अलग से समय बिताएं• अपने बच्चे की जरूरतों को सुनें • अच्छा व्यवहार करने पर बच्चे की करें प्रशंसा • किशोर-किशोरियों की पसंद का रखें ख्याल GS NEWS


मुंगेर / 30 मार्च: दिन व् दिन कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है. इसको लेकर लोगों के मन में डर भी बढ़ता जा रहा है. ऐसी परिस्थिति में बच्चे एवं किशोर भी मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं. बच्चों एवं किशोरों के स्कूल एवं कॉलेज बंद हों के कारण वे घर पर बैठने को मजबूर हैं. बाल्यवस्था एवं किशोरवस्था उत्साह एवं उर्जा का समय होता है. ऐसे में यदि उन्हें अचानक घर पर बैठना पड़ जाए तो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर यह प्रतिकूल असर भी डालता है. इसलिए ऐसे समय में जरुरी है कि घर के माता-पिता बच्चों एवं किशोरों को अधिक समय दें. उनकी समस्या सुनें एवं उनके साथ गुणवत्तापूर्ण समय व्यतीत करें ताकि उनके ऊपर संक्रमण का डर हावी ना हो सके. इसको लेकर पेरेंटिंग फॉर लाइफ लॉन्ग हेल्थ, द यूरोपियन रिसर्च काउंसिल, यूनिसेफ,सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, द लीवरहुलम ट्रस्ट, द इकोनॉमिक एंड सोशल रिसर्च काउंसिल एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी अन्य संस्थाओं के सहयोग से दिशा-निर्देश जारी किया गया है. 

हर बच्चे के साथ समय बिताने के लिए अलग समय तय करें:
पूरे देश में लॉकडाउन के कारण बच्चे घर पर रहने को मजबूर हैं. वह घर से बाहर निकलकर ना अपने दोस्तों से मिल सकती हैं और ना ही अपने पसंद के खेल बाहर खेल सकते हैं. इसलिए यह जरुरी है कि माता-पिता घर के हर बच्चे के साथ समय बिताने के लिए अलग समय तय करें. यह सिर्फ 20 मिनट या उससे अधिक समय के लिए भी हो सकता है. समय का निर्धारण माता-पिता अपने सुविधा के अनुसार करें. हर रोज एक ही समय हो सकता है ताकि बच्चे इस समय का इंतजार करें. 

अपने बच्चे से पूछें कि वे क्या चाहते हैं:
बच्चे से जरुर पूछें कि घर पर रहकर वे क्या करना चाहते हैं. इससे बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ेगा एवं यदि बच्चे अपने पसंद की चीजें करेंगे तब वे कोरोना संक्रमण की बातें सोचने से कुछ देर मुक्त हो सकेंगे. साथ ही वे आपके और करीब आ सकेंगे. 

अपने बच्चे के साथ ऐसे बिताएं समय: 
गाना गायें, चम्मच एवं बर्तनों से संगीत बनायें 
उनके चेहरे के भाव और आवाजों को दोहराएँ 
कप या ब्लॉक को एक के ऊपर दूसरे को रखें 
किताब पढ़ कर या चित्र दिखाकर, एक कहानी बताएं 
स्कूल के काम में बच्चों की मदद करें 

किशोर-किशोरियों की भावनाओं का भी रखें ख्याल:
बच्चों के साथ घर के किशोर एवं किशोरियों की भावनाओं का भी ऐसे समय में ख्याल रखें. उनसे भी बात करें एवं उनके मन में चल रही बातों को जानने की कोशिश करें. 
उनकी पसंदीदा चीजों जैसे खेल, टीवी शो एवं उनके दोस्तों के बारे में बात करें 
साथ में व्यायाम करें 
उनकी हॉबी के बारे में बात करें 
उनकी बातें सुनें, उनकी तरफ देखें. उनपर अपना पूरा ध्यान दें 

आपका सकारात्मक व्यवहार है जरुरी: 
अपने बच्चे के प्रति अभी आपके सकारात्मक व्यवहार की अधिक जरूरत है. कोरोना संक्रमण की बातें सुनकर घर के बच्चे अधिक डर सकते हैं. इसलिए अभी आपको अपने व्यवहार में परिवर्तन लाने की सख्त जरूरत है. 
यह जरुर करें: 
अच्छा व्यवहार करने पर अपने बच्चों की प्रशंसा करें 
बच्चों को घर में रहकर अपनी मर्जी की कुछ चीजें करने की छूट दें 
बच्चों पर गुस्सा ना करें. बच्चों से प्यार से बात करें 
अपने बच्चों की जरूरतों को सुनें एवं उनपर ध्यान दें

मुंगेर : कोरोना से लड़ने की तैयारी पूरी, वेंटिलेटर सहित अन्य सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता में आएगी तेजी GS NEWS


भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड करेगा 30000 वेंटिलेटर का निर्माण 
11 भारतीय कंपनियाँ को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए किया गया चिन्हित 
21 लाख पीपीई बॉडी कवरल्स निर्माण करने के दिए गए निर्देश 
प्रतिदिन 6000 बॉडी कवरल्स की जगह 15000 कवरल्स का होगा निर्माण 
देश के अस्पतालों में अभी तक 3.34 लाख व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की है उपलब्धता 
प्रेस सूचना ब्यूरो भारत सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी जानकारी 

पटना/ 30 मार्च: देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर इससे निपटने की भी तैयारी भारत सरकार द्वारा तेज कर दी गयी है. देश में कोवीड-19 की रोकथाम और प्रबंधन की उच्चतम स्तर पर निगरानी की जा रही है और राज्यों के सहयोग से विभिन्न कार्रवाई शुरू की गई है. पीपीई( व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों), मास्क और वेंटिलेटर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए इनके  उत्पादन करने वाले उद्योग चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं और चिकित्सा कर्मियों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं. कोरोना के गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत होती है. इसे ध्यान में रखते हुए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को वेंटिलेटर निर्माण करने की जिम्मेदारी दी गयी है. साथ ही सभी दवा कंपनियों ने सरकार को आश्वासन दिया है कि इस संकट के दौरान दवाओं की कोई कमी नहीं होगी. यहां तक कि ऑटो निर्माता भी वेंटिलेटर विकसित करने और उत्पादन करने के लिए काम कर रहे हैं. कोरोना से लड़ने के लिए देश भर में  चिकित्सा कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है एवं किसी भी आपातकालीन स्थिति से लड़ने की तैयारी मुकम्मल की जा रही है. इसको लेकर प्रेस सूचना ब्यूरो भारत सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर की जा रही तैयारियों को लेकर विस्तार से जानकारी दी है.  

प्रतिदिन 6000 से की जगह 15000 बॉडी कवरल्स का होगा निर्माण: 

व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट का उपयोग अलगाव क्षेत्रों और गहन देखभाल इकाइयों में काम करने वाले चिकित्सा कर्मियों द्वारा किया जाता है ताकि उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके. ये अभी तक देश में निर्मित नहीं हो रहे थे. कोरोना जैसे आपदा को देखते हुए एवं  निकट भविष्य में उत्पन्न होने वाले पीपीई की भारी आवश्यकता की संभावना के मद्देनजर भारत सरकार ने देश में उनके निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय प्रयास किए हैं. कपड़ा मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय इस प्रयास में एक साथ काम कर रहे हैं. घरेलू निर्माताओं को इसके लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. अब तक 11 घरेलू निर्माताओं को गुणवत्ता परीक्षण में सफलता भी मिली है. इन निर्माताओं को  21 लाख पीपीई कवरल्स निर्माण के ऑर्डर भी दिए गए हैं.  वर्तमान में वे प्रति दिन 6000 से 7000 कवरल्स की आपूर्ति कर रहे हैं, जो अगले सप्ताह के अंदर प्रति दिन 15,000 तक बढ़ने की उम्मीद है. एक और निर्माता ने आज अर्हता प्राप्त की है और उन्हें 5 लाख कवरल्स का ऑर्डर भी दिया गया है. 

 
सिंगापुर स्थित ऑनलाइन प्लेटफार्म करेगा 10 लाख पीपीई किट की आपूर्ति: 

अब तक, देश भर के विभिन्न अस्पतालों में 3.34 लाख पीपीई उपलब्ध हैं. भारत सरकार द्वारा लगभग 60,000 पीपीई किट पहले ही खरीद और आपूर्ति की जा चुकी है. भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी ने चीन से 10,000 पीपीई की व्यवस्था की है जो प्राप्त भी हुए हैं और वितरित किए जा रहे हैं. 4 अप्रैल तक अन्य 3 लाख दान किए गए पीपीई कवरल्स आने हैं. 3 लाख पीपीई के लिए एक आदेश कारखानों के साथ रखा गया है. पीपीई किट के विदेशी स्रोतों को भी दुनिया भर में मांग में भारी वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है. विदेश मंत्रालय के माध्यम से उनसे संपर्क किया जा रहा है. सिंगापुर स्थित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की पहचान की गई है जो 10 लाख पीपीई किट की आपूर्ति कर सकता है और उन्हें खरीदने के लिए विदेश मंत्रालय के माध्यम से एक आदेश दिया गया है. कोरिया में स्थित एक और आपूर्तिकर्ता, जिसकी वियतनाम और तुर्की में उत्पादन कंपनियों के साथ टाईअप है, को 1 लाख से अधिक पीपीई किटों की दैनिक उत्पादन क्षमता के साथ पहचान की गयी है. इस कंपनी को 20 लाख पीपीई किटों की आपूर्ति के लिए विदेश मंत्रालय के माध्यम से आदेश दिए गए हैं. 

प्रतिदिन 1 लाख मास्क बनेंगे, देश के अस्पतालों में अभी 11.95 लाख एन-95 मास्क उपलब्ध: 
 

N95 मास्क का निर्माण दो घरेलू उत्पादकों द्वारा किया जा रहा है. वे इस समय प्रति दिन 50,000 मास्क की आपूर्ति करने में सक्षम हैं, लेकिन अगले सप्ताह के भीतर प्रति दिन 1 लाख मास्क बनाने की क्षमता बढ़ा रहे हैं. डीआरडीओ स्थानीय निर्माताओं के साथ मिलकर प्रति दिन लगभग 20,000 एन-99 मास