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सोमवार, 30 मार्च 2020

मुंगेर : कोरोना से लड़ने की तैयारी पूरी, वेंटिलेटर सहित अन्य सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता में आएगी तेजी GS NEWS


भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड करेगा 30000 वेंटिलेटर का निर्माण 
11 भारतीय कंपनियाँ को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए किया गया चिन्हित 
21 लाख पीपीई बॉडी कवरल्स निर्माण करने के दिए गए निर्देश 
प्रतिदिन 6000 बॉडी कवरल्स की जगह 15000 कवरल्स का होगा निर्माण 
देश के अस्पतालों में अभी तक 3.34 लाख व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की है उपलब्धता 
प्रेस सूचना ब्यूरो भारत सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी जानकारी 

पटना/ 30 मार्च: देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर इससे निपटने की भी तैयारी भारत सरकार द्वारा तेज कर दी गयी है. देश में कोवीड-19 की रोकथाम और प्रबंधन की उच्चतम स्तर पर निगरानी की जा रही है और राज्यों के सहयोग से विभिन्न कार्रवाई शुरू की गई है. पीपीई( व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों), मास्क और वेंटिलेटर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए इनके  उत्पादन करने वाले उद्योग चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं और चिकित्सा कर्मियों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं. कोरोना के गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत होती है. इसे ध्यान में रखते हुए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को वेंटिलेटर निर्माण करने की जिम्मेदारी दी गयी है. साथ ही सभी दवा कंपनियों ने सरकार को आश्वासन दिया है कि इस संकट के दौरान दवाओं की कोई कमी नहीं होगी. यहां तक कि ऑटो निर्माता भी वेंटिलेटर विकसित करने और उत्पादन करने के लिए काम कर रहे हैं. कोरोना से लड़ने के लिए देश भर में  चिकित्सा कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है एवं किसी भी आपातकालीन स्थिति से लड़ने की तैयारी मुकम्मल की जा रही है. इसको लेकर प्रेस सूचना ब्यूरो भारत सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर की जा रही तैयारियों को लेकर विस्तार से जानकारी दी है.  

प्रतिदिन 6000 से की जगह 15000 बॉडी कवरल्स का होगा निर्माण: 

व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट का उपयोग अलगाव क्षेत्रों और गहन देखभाल इकाइयों में काम करने वाले चिकित्सा कर्मियों द्वारा किया जाता है ताकि उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके. ये अभी तक देश में निर्मित नहीं हो रहे थे. कोरोना जैसे आपदा को देखते हुए एवं  निकट भविष्य में उत्पन्न होने वाले पीपीई की भारी आवश्यकता की संभावना के मद्देनजर भारत सरकार ने देश में उनके निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय प्रयास किए हैं. कपड़ा मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय इस प्रयास में एक साथ काम कर रहे हैं. घरेलू निर्माताओं को इसके लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. अब तक 11 घरेलू निर्माताओं को गुणवत्ता परीक्षण में सफलता भी मिली है. इन निर्माताओं को  21 लाख पीपीई कवरल्स निर्माण के ऑर्डर भी दिए गए हैं.  वर्तमान में वे प्रति दिन 6000 से 7000 कवरल्स की आपूर्ति कर रहे हैं, जो अगले सप्ताह के अंदर प्रति दिन 15,000 तक बढ़ने की उम्मीद है. एक और निर्माता ने आज अर्हता प्राप्त की है और उन्हें 5 लाख कवरल्स का ऑर्डर भी दिया गया है. 

 
सिंगापुर स्थित ऑनलाइन प्लेटफार्म करेगा 10 लाख पीपीई किट की आपूर्ति: 

अब तक, देश भर के विभिन्न अस्पतालों में 3.34 लाख पीपीई उपलब्ध हैं. भारत सरकार द्वारा लगभग 60,000 पीपीई किट पहले ही खरीद और आपूर्ति की जा चुकी है. भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी ने चीन से 10,000 पीपीई की व्यवस्था की है जो प्राप्त भी हुए हैं और वितरित किए जा रहे हैं. 4 अप्रैल तक अन्य 3 लाख दान किए गए पीपीई कवरल्स आने हैं. 3 लाख पीपीई के लिए एक आदेश कारखानों के साथ रखा गया है. पीपीई किट के विदेशी स्रोतों को भी दुनिया भर में मांग में भारी वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है. विदेश मंत्रालय के माध्यम से उनसे संपर्क किया जा रहा है. सिंगापुर स्थित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की पहचान की गई है जो 10 लाख पीपीई किट की आपूर्ति कर सकता है और उन्हें खरीदने के लिए विदेश मंत्रालय के माध्यम से एक आदेश दिया गया है. कोरिया में स्थित एक और आपूर्तिकर्ता, जिसकी वियतनाम और तुर्की में उत्पादन कंपनियों के साथ टाईअप है, को 1 लाख से अधिक पीपीई किटों की दैनिक उत्पादन क्षमता के साथ पहचान की गयी है. इस कंपनी को 20 लाख पीपीई किटों की आपूर्ति के लिए विदेश मंत्रालय के माध्यम से आदेश दिए गए हैं. 

प्रतिदिन 1 लाख मास्क बनेंगे, देश के अस्पतालों में अभी 11.95 लाख एन-95 मास्क उपलब्ध: 
 

N95 मास्क का निर्माण दो घरेलू उत्पादकों द्वारा किया जा रहा है. वे इस समय प्रति दिन 50,000 मास्क की आपूर्ति करने में सक्षम हैं, लेकिन अगले सप्ताह के भीतर प्रति दिन 1 लाख मास्क बनाने की क्षमता बढ़ा रहे हैं. डीआरडीओ स्थानीय निर्माताओं के साथ मिलकर प्रति दिन लगभग 20,000 एन-99 मास

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