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शुक्रवार, 27 मार्च 2020

नवगछिया बाजार में सुबह सात बजते ही शुरू हो जाती है जिंदगी की जद्दोजहद GS.NEWS

 नवगछिया : दिनभर कर्फ्यू जैसा माहौल तो सुबह सात से दस बजे तक बाजारों में उमड़ पड़ती है भीड़
पुलिस की सख्ती के बावजूद भी तीन घंटे के लिये दुकान खोल देते हैं कई छोटे दुकानदार  सुबह सात बजते ही नवगछिया में जिंदगी की जद्दोजहद शुरू हो जाती है. बाजार में आम दिनों की तरह ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है. किसी को राशन तो किसी को सब्जी लेना है तो कोई दवा लेने बाजार आता है. सात बजे से दस बजे तक लॉक डाउन का असर नहीं के बराबर रहता है. लेकिन 10:00 बजे के बाद लॉग डाउन पूरी तरह से प्रभावी हो जाता है. 7:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक नवगछिया बाजार में आने वाले अधिकांश लोग एक दूसरे से दूरी बनाकर नहीं के बराबर रहते हैं. इसका कारण है कि बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है और उस हिसाब से दुकान के आगे ना तो पर्याप्त जगह है और ना ही अतिरिक्त संसाधन. कुछ दुकानदारों ने ग्राहकों को दूरी बनाकर रखने के लिए गोल घेरा जरूर बनाया है लेकिन अधिकांश दुकानों पर स्थिति पूरी तरह से अव्यवस्थित रहता है.  हालांकि इस दौरान नवगछिया बाजार में चप्पे-चप्पे पर पुलिस मौजूद रहती है लेकिन संसाधनों के अभाव में वह भी कुछ कर पाने में सक्षम नहीं रहते हैं.

कपड़ा पॉलिथीन तंबाकू के दुकान भी खुल जाते हैं

नवगछिया बाजार में सुबह 7:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक कई ऐसी दुकानें भी खुल जाती हैं जिन्हें सरकार द्वारा लॉक डाउन की अवधि तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है. ऐसे दुकानों में एक दो कपड़े के भी दुकान है जो कि नवगछिया के प्रतिष्ठित कपड़े की दुकानें हैं. इसके अलावा अधिकांश छोटे दुकानदार अपनी दुकानों को 3 घंटे के लिए खोलते हैं. कई छोटे दुकानदारों ने बताया कि 3 घंटे में अगर कुछ बिक्री हो जाती है तो उन लोगों के दिन भर की रोजी रोटी का खर्चा निकल जाता है इसलिए वह लोग नियमों का उल्लंघन करके दुकान खोल रहे हैं. नवगछिया बाजार के क्लीन नवगछिया ग्रीन नवगछिया के मीडिया प्रभारी अशोक केडिया ने बताया कि लॉक डाउन की अवधि लोगों को हर हालत दुकानों को बंद रखना होगा नहीं तो कोरना जैसी महामारी से नवगछिया भी पीड़ित हो जाएगा.


मायूस होकर घर लौटे तीन रिक्शा चालक


लॉक डाउन के कारण सबसे भयावह स्थिति बिहारी मजदूर और रिक्शा ठेला चलाने वाले लोगों की है. नवगछिया के वैशाली चौक पर 7:00 बजते ही तीन रिक्शा चालक सवारी का इंतजार करते दिख रहे थे.  लेकिन तीनों को सवारी नहीं मिली जिसके कारण वे लोग मायूस होकर घर लौटे. रिक्शा चालकों ने बताया कि उनलोगों का घर तभी चलता है जब वह उनलोगों को भाड़ा मिलता है. लॉक डाउन के कारण रोजी रोटी पर आफत है. अभी तो पहले से जमा मामूली रकम से उन लोगों ने राशन लाया है लेकिन आगे दिन उन लोगों का गुजारा कैसे होगा यह उन लोगों के समझ से परे है. आजाद हिंद मोर्चा के अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने कहा कि बिहारी मजदूरों रिक्शा चालकों ठेला चालकों और समाज के हाशिए पर बैठे लोगों को मदद की जरूरत है. इस विपदा की घड़ी में सामाजिक संगठनों को भी आगे आना चाहिए. साथ ही सरकार द्वारा घोषित तय रकम और अनाज का वितरण जल्द से जल्द करना चाहिए.



कहते हैं थानाध्यक्ष


नवगछिया के थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर राज कपूर कुशवाहा ने कहा कि लॉक डाउन का हर संभव पालन किया जा रहा है. जो लोग लॉक डाउन का पालन नहीं करेंगे वह अब कार्रवाई के लिए तैयार रहें.

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