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शुक्रवार, 27 मार्च 2020

नवगछिया - देश के कई हिस्सों में फंसे हैं नवगछिया के दो हजार से अधिक लोग GS.NEWS

कोरोना और भूख दोनों से लड़ रहे हैं जिंदगी की जंग
सबों की है इच्छा किसी तरह पहुंच जायें अपने गांव
 दिल्ली, नोयडा, तेलंगाना, हरियाण में फंसे हैं कई मजदूर
 देश के कई हिस्सों में नवगछिया के दो हजार से ज्यादा
मजदूर फंसे हुए हैं. शुक्रवार को बात सामने आयी है कि तेलंगाना, यूपी के
नोयडा और राजधानी दिल्ली के अलग अलग जगहों पर बड़ी संख्या में मजदूर अखिल
भारतीय लॉक डाउन में फंस गये हैं. सभी जगहों पर काम बंद हो गया है.
ठेकेदारों ने अपना पल्ला झार लिया है. ऐसी स्थिति में मजदूरों के समक्ष
सबसे बड़ी समस्या भोजन की समस्या है. ऐसे मजदूर एक तरफ भूख तो दूसरी तरफ
कोरोना वायरस से जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. सभी मजदूर अपने अपने घर आना
चाह रहे हैं लेकिन लॉक डाउन में कोई उपाय नहीं सूझ रहा है. शुक्रवार को
बड़ी संख्या में अलग अलग जगहों पर रहने वाले मजदूरों ने अपना वीडियो
नवगछिया के पुलिस पत्रकारों और प्रशासनिक पदाधिकारी, जनप्रतिनिधियों को
भेज कर सहयोग करने की अपील की है. दूसरी तरफ देश के अलग अलग हिस्सों में
फंसे मजदूरों के परिजन अनहोनी की आशंका से सहमे हुए हैं.
दिल्ली में फंसे मजदूरों के लिए पास में ही की गयी खाने की व्यवस्था

दिल्ली के महरौली विधानसभा के वसंतकुंज मसूदनपुर में फंसे नवगछिया के
कोसी पार कदवा, तेतरी और बगड़ी गांव के दो सौ मजदूरों के लिए दिल्ली
सरकार के एक शिविर में भोजन की व्यवस्था की गयी है. नवगछिया के पूर्व
सांसद अनिल कुमार यादव के पहल के बाद महरौली के स्थानीय प्रशासन ने कहा
कि जल्द ही लोगों की सुध ली जायेगी. इधर सभी मजदूर दिल्ली से नवगछिया आना
चाह रहे हैं. जिसके लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं हो पा रहा है.

तेलंगाना में फंसे मजदूरों को उपलब्ध करवाया गया भोजन

खरीक के तुलसीपुर और जमालदीपुर गांव के एक सौ से ज्यादा मजदूर फंसे हुए
थे. जब मजदूरों ने फेसबुक पर अपना वीडियो वायरल किया तो युवा राजद के
प्रदेश प्रवक्ता अरूण कुमार ने उक्त बातों से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी
यादव को अवगत कराया. नेता प्रतिपक्ष की पहल से वहां फंसे मजदूरों के लिए
भोजन और कोरोना से लड़ने के लिए संसाधनों की व्यवस्था की गयी है.

दिल्ली के लाजपत राय मार्केट, लाल किला के पास फंसे हैं पचगछिया के 116 मजदूर

दिल्ली के लाजपत राय मार्केट, लाल किला के पास फंसे हैं पचगछिया के 116
मजदूर लॉक डाउन के बाद से फंसे हुए हैं. सबों को रहने के लिए प्रयाप्त
जगह नहीं है. सबों ने एक वीडिया भेज कर नवगछिया के स्थानीय प्रशासन और
जनप्रतिनिधियों से मदद करने की गुहार लगायी है. फंसे मजदूर मो अफजल, मो
हामीद, मो अफरोज ने बताया कि यहां उनलोगों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या
भोजन और रहने की है. या तो दिल्ली सरकार उनलोगों के यहां रहने की समुचित
व्यवस्था करे या फिर नवगछिया भेजने की कृपा करे.


नोयडा में फंसे 50 से अधिक मजदूर

यूपी के नोयडा में 50 से अधिक मजदूर फंसे हुए हैं. मजदूरों ने स्थानीय
जनप्रतिनिधियों से बात कर मदद करने की गुहार लगायी लेकिन लेकिन कोई भी
लॉक डाउन के कारण कुछ भी कर पाने में सक्षम नहीं है. इधर हरियाणा के
सोनीपथ, यूपी के गोरखपुर में नवगछिया के मजदूरों के फंसे होने की बात
सामने आ रही है. रंगरा के जहांगीरपुर वैसी के तीस मजदूरों के भी दिल्ली
में फंसे होने की सूचना है.

भीख मांग कर खाने को मजबूर हैं यूपी में फंसे कदवा के ग्यारह मजदूर


लॉक डाउन में कदवा के और भी 11 मजदूर हरियाणा व यूपी में फंसे हुए हैं.
खैरपुर पंचायत के बिंदटोली गांव निवासी त्रिवेणी सिंह, सिकेन्दर मंडल व
विपिन मंडल के साथ कुल 6 मजदूर 21 मार्च को लोकमान तिलक एक्स से घर आ रहे
थे. लेकिन 22 मार्च को यूपी के इलाहाबाद में छौकी स्टेशन पर गाड़ी रुक
जाने पर वे लोग वहीं उतर गए. कहीं किसी प्रकार की साधन व्यवस्था नहीं
मिलने पर सभी लोग बगल के मस्का गांव पहुंच गए. जहां 5 दिन से लोग दूसरे
से मांग कर खा रहे हैं. नहीं मांगने पर भूखे बेचैन रहना पड़ता है. उधर
कदवा दियारा के बोड़वा टोला के सुबोध कुमार साह, रोशन कुमार साह, संतोष
साह व सोनू कुमार के साथ एक अन्य मजदूर हरियाणा के गुड़गांव में कपासीरा
बॉर्डर समीप करीब 1 सप्ताह से फंसे हुए हैं. काम बंद होने पर सभी को
ठेकेदार ने छुट्टी कर दिया है. पास में जो कुछ पैसे थे वह भी खाने पीने
में खत्म हो गया.  सुबोध ने बताया मांग कर किसी तरह अपनी भूख मिटा रहे
हैं. यूपी में फंसे त्रिवेणी सिंह के साथ अन्य मजदूरों ने वीडियो जारी कर
नवगछिया पदाधिकारियों से मदद करने की मांग कर रहे हैं. बाहर फंसे हरियाणा
व यूपी में इन सभी मजदूरों को किसी प्रकार की मदद किसी द्वारा नहीं मिल
पा रही है.

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