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सोमवार, 27 जुलाई 2020

बिहार में कोरोना व बाढ़ की दोहरी मार :- रामविलास पासवान ने कहा, दो से तीन महीने का राशन एक साथ दे बिहार सरकार GS NEWS

बिहार में जानलेवा वायरस कोरोना और बाढ़ का प्रकोप  से बिहार में काफी त्रासदी मची हुई है  इसी बीच केंद्रीय खाद्य, आपूर्ति व उपभोक्ता मामले के मंत्री रामविलास पासवान ने  कहा बिहार में कोरोना संक्रमण व बाढ़ की दोहरी मार पड़ रही है। इससपर केंद्रीय खाद्य, आपूर्ति व उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने भरोसा दिलाया है कि बिहार के लोगों के लिए राशन की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे पास अनाज की कमी नहीं है। हालांकि, राशन के वितरण की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। पासवान ने बिहार की नीतीश सरकार को सलाह दी है कि वह दो से तीन महीने का राशन एक साथ बांटे।
राज्य सरकार के पर है कि कितना अनाज देती है

रामविलास पासवान ने कहा कि हालात को देखते हुए राज्‍य सरकार को दो से तीन तहीने का राशन एक साथ देना चाहिए। इससे बाढ़ प्रभावित लोगों को काफी मदद मिलेगी। बाढ़ प्रभावित व्यक्ति राहत शिविर में या कहीं और सुरक्षित स्थान पर जाएगा तो उसे फायदा मिलेगा। अब यह राज्य सरकार के पर है कि वह कितना अनाज उठाती और क्या करती है।
एकमुश्‍त राशन देने से बाढ़ प्रभावितों को मिलेगी मदद

बिहार सहित कई राज्यों में बाढ़ ने लोगों को बेहाल कर दिया है। बड़ी संख्‍या में लोग विस्थापित हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में में केंद्र सरकार की तरफ से कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान शुरू की गई मुफ्त अनाज देने की योजना के तहत एकमुश्‍त राशन देना उनके लिए लाभदायक है।
कोरोना व बाढ़ से त्रस्‍त लोगों को मिलेगी राहत

विदित हो कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को दो रुपए प्रति किलो की दर से गेहूं और तीन रुपए प्रति किलो की दर से चावल पहले से ही दिया जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत इन 80 करोड़ लोगों को अलग से पांच किलो मुफ्त अनाज भी दिया जा रहा है। यह लाभ छठ महापर्व तक (नवंबर तक) दिया जाना है। रामविलास पासवान के अनुसार अगर राज्‍य सरकार दो से तीन महीने का पूरा अनाज एक साथ दे तो कोरोना और बाढ़ से त्रस्‍त लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

कोरोना काल में बदले गए स्वास्थ्य विभाग के सचिव, प्रत्यय अमृत को मिली जिम्मेदारी GS NEWS


कोरोना काल में दूसरी बार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव बदले गए हैं। उदय सिंह कुमावत को हटाकर स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी प्रत्यय अमृत को दी गई है। प्रत्यय आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। 


बिहार में कोरोना का संक्रमण जिस तेजी से फैला और सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा उजागर हुई इससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज थे। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी प्रधान सचिव की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। इन सबका नतीजा कुमावत की स्वास्थ्य विभाग से छुट्टी के रूप में सामने आया है।


प्रत्यय अमृत की गिनती तेज तर्रार अधिकारियों में होती है। बिहार को हर साल बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ती है। इसके चलते नीतीश कुमार ने प्रत्यय अमृत को आपदा प्रबंधन विभाग की जिम्मेदारी दी थी। प्रत्यय के सामने अब कोरोना के संक्रमण पर काबू पाने के साथ ही सरकारी अस्पतालों की स्थिति बेहतर करने की चुनौती है। इससे पहले 20 मई को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार का तबादला कर दिया गया था और पर्यटन के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत को स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी।


स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव का तबादला क्या पड़ रहा नीतीश सरकार को भारी क्या संजय कुमार को वापस लाने की हो रही तैयारी? GS NEWS

बिहार में पिछले 10 दिनों में जिस तरह से कोरोना विस्फोट हुआ है उससे सरकार की नींद उड़ी हुई है. इसकी झलक पिछले दिनों मुख्यमंत्री की नाराजगी से भी देखने को मिली थी. जब उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को जमकर फटकार लगाई. सीएम ने कहा था कि कोरोना का केस हर दिन रिकॉर्ड बना रहा हैं. जांच से इलाज तक में लोगों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं, सारे इंतजाम नाकाफी हो रहे हैं.
बिहार में कोरोना संक्रमित की कुल संख्या 1 महीने में 4 गुना अधिक हो चुकी है. 22 मार्च को केवल 2 मरीज बिहार में मिले थे. लेकिन 22 अप्रैल को बढ़कर 136 मरीज हो गए. फिर 22 मई को 2166, 22 जून को 7893 मरीज और 22 जुलाई को केस 30,000 से अधिक हो चुका है. संख्या अब 40 हजार के करीब संख्या पहुंच चुकी है. पेश है कुछ आंकड़ें :
बिहार में कोरोना 
इन आंकड़ों को देखने से साफ पता चलता है कि बिहार में संक्रमण किस प्रकार से तेजी से फैल रहा है. मुख्यमंत्री के फैसलों को ही विभाग अमलीजामा नहीं बना रहा है. कोरोना संक्रमण की स्थिति और स्वास्थ्य विभाग के रवैया से मुख्यमंत्री खासे नाराज हैं. कैबिनेट की बैठक के दिन उनकी नाराजगी सामने भी आ गई जब उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव की जमकर फटकार लगाई.
 क्या कहते हैं जानकार?
दरअसल, कोरोना संकट के बीच ही स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार का तबादला कर दिया गया था. हालांकि इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. इस पर मंत्री महेश्वर हजारी का कहना है बिहार सरकार केंद्र सरकार के गाइडलाइन का पालन कर रही है. यह लंबी लड़ाई है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार 2021 तक चलेगी तो इसलिए सबको गाइडलाइन का फॉलो करना चाहिए तभी नियंत्रण संभव है. प्रोफेसर डीएम दिवाकर ने स्वास्थ्य विभाग की नाकामी के बावजूद नीतीश कुमार की मजबूरी पर भी सवाल खड़े किए हैं.
कोरोनाकाल में तबादले ने बढ़ाई सीएम नीतीश की मुश्किलें 
मुख्यमंत्री ने 15 दिन पहले स्वास्थ्य विभाग को जांच 20000 करने का लक्ष्य दिया था. लेकिन स्वास्थ्य विभाग 10000 पहुंचने में ही लंबा समय लगा दिया. 14 जुलाई को पहली बार 10000 जांच पहुंचा और अभी भी 15000 के नीचे ही है. कुल मिलाकर स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार का अचानक कोरोना संकट काल में तबादला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए ही मुश्किल पैदा कर रहा है. क्योंकि नए प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत को लेकर ना केवल विभाग के मंत्री बल्कि आईएमए के चिकित्सकों ने भी अपनी नाराजगी जताई है.

अभी अभी बिहार में मिलें कोरोना के 1860 नए मरीज, राज्य में आंकड़ा पहुंचा 41111GS NEWS

बिहार में जानलेवा वायरस का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ रहा है सैकड़ों की तादात में मरीज इसकी चपेट में आ रहे हैं देखते ही देखते पूरा बिहार कोरोना के संक्रमण से पीड़ित हो चुका है स्वास्थ्य विभाग की ओर से ताजा अपडेट जारी की गई है. 
इस अपडेट के मुताबिक बिहार में 1860 लोग कोरोना पॉजिटव मिले हैं. इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 41111 हो गई है.
स्वास्थ्य विभाग के जारी लिस्ट के अनुसार हर रोज की तरह पटना में कोरोना का कोहराम जारी है. आज फिर 437 कोरोना के मरीज मिले हैं.  यहां पर लॉकडाउन लगाने का कोई असर नहीं पढ़ा है.तेजी के संक्रमण बढ़ता जा रहा है
सारण में भी कोरोना का कोहराम जारी है. आज फिर 64 कोरोना के मरीज मिले हैं. बेगूसराय में 43 कोरोना के मरीज मिले हैं. मुजफ्फरपुर में 53 कोरोना के मरीज मिले हैं. कटिहार में 25 ,नवादा में 91, रोहतास में 69 कोरोना के मरीज मिले है. आज के लिस्ट के अनुसार कई जिलों में आज मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है.
26 जुलाई के 812 मामले बताए गए हैं
25 जुलाई के 1048 अतिरिक्त मामले मिलेेेें
24 जुलाई के 332 मामले और इससे पहले दर्ज किए गए हैं। 

महात्मा गांधी सेतु का पश्चिमी लेन बनकर आवागमन के लिए तैयार, नितिन गडकरी करेंगे 31 को उद्घाटन GS NEWS

उत्तरी बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने वाले सबसे पुराने पुल महात्मा गाँधी सेतु के पश्चिमी लेन के निर्माण कार्य को पूरा कर लिया गया है. इसकी मरम्मती का काम साल 2014 में केंद्र और राज्य सरकार की सहमती से शुरू करने की घोषणा की गई थी.एक बार फिर से बहुत जल्द उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु पर जीर्णोद्धार के बाद आवागमन शुरू होने वाला है। केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी आगामी 31 जुलाई को इसका उद्घाटन कर सकते हैं। दरअसल केंद्र ने बिहार सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार चाहे तो 31 जुलाई को महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन का उद्घाटन करने के लिए नितिन गडकरी तैयार हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार में कोरोना के कहर को देखते हुए 31 जुलाई तक लॉकडाउन की घोषणा की गई है। अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा तो 31 जुलाई को केंद्रीय मंत्री महात्मा गांधी सेतु के नवनिर्मित पश्चिमी लेन का उद्घाटन कर सकते हैं।
2014 में गांधी सेतु के जीर्णोद्धार की सहमति बनी
गांधी सेतु की नई सिरे से मरम्मत करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के बीच साल 2014 में सहमति बनी। मरम्मत मद में लगभग 1400 करोड़ खर्च हो रहे हैं। साल 2017 से इसकी मरम्मत शुरू हुई। पश्चिमी लेन पहले तोड़ा गया और फिर सेतु के कंक्रीट का सुपरस्ट्रक्चर हटाकर स्टील का लगाया गया। 
कुल 45 स्पैन बनाए गए हैं। एक स्पैन में 33 हजार मीट्रिक टन स्टील लगा है। पुल तोड़ने की शुरुआत हाजीपुर छोर से हुई थी। इसलिए इसकी मरम्मत भी इसी दिशा से हुई। मुंबई की एजेंसी एफ्कॉंस ने पहले इसे नवम्बर 2018 में ही चालू करने का लक्ष्य तय किया था। लेकिन पुराने स्ट्रक्चर को ही तोड़ने में अधिक समय लग गया।
बाढ़ से लेकर कोरोना ने रोका निर्माण का काम
स्ट्रक्चर टूटने के बाद जब पिलर बनाए जाने लगे तो गंगा में अधिक पानी होने के कारण मरम्मत का कार्य काफी मुश्किल भरा रहा। तब सेतु की मरम्मत की समय सीमा जून 2019 और फिर दिसम्बर 2019 तय की गई। लेकिन पिछले साल सितम्बर-अक्टूबर में गंगा में अधिक पानी आने के कारण एजेंसी के प्लांट कई दिनों तक डूबे रहे तो इसे मार्च में शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया। इसी बीच कोरोना का कहर सामने आ गया तो काम बंद हो गया।
साल 2022 में पूर्वी लेन भी चालू होने की संभावना
पश्चिमी लेन से गाड़ियों की आवाजाही के बाद पूर्वी लेन को तोड़ने का काम होगा। एजेंसी की कोशिश होगी कि अगर बरसात का कहर कम हो तो पूर्वी लेन का जितना हिस्सा हो सके, तोड़ लिया जाए। चूंकि एजेंसी को पश्चिमी लेन को तोड़ने और बनाने में होने वाली परेशानियों का अनुभव हो गया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि पश्चिमी लेन की तुलना में पूर्वी लेन आसानी से तोड़कर बना लिया जाएगा। संभावना है कि साल 2022 में पूर्वी लेन भी चालू हो जाए।

एक नजर में गांधी सेतु

- 1969 में महात्मा गांधी सेतु की नींव रखी गई
-1972 से सेतु बनाने का काम शुरू हुआ
 -1982 में इंदिरा गांधी ने एक लेन का किया उद्घाटन
- 1987 में गांधी सेतु का दूसरा लेन हुआ था शुरू
- 1991 से ही मरम्मत की आवश्यकता महसूस हुई
-1998 में सेतु पर पहली बार दिखी थी दरार
- 5.575 किलोमीटर लंबा है महात्मा गांधी सेतु

बिहार :- बाढ़ में फंसी गर्भवती महिला ने NDRF की बोट में दिया बच्ची को जन्म GS NEWS

बिहार में वैश्विक महामारी कोरोना का प्रकोप तो है ही साथ ही बिहार में बाढ़ ने भी तबाही मचा रखा है पूर्वी चम्पारण जिले में बाढ़ राहत एवं बचाव ऑपेरशन में जुटी 9वीं बटालियन एनडीआरएफ की रेस्क्यू बोट पर बाढ़ पीड़ित गर्भवती महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. जहां दर्द और परेशानी के इस माहौल में नवजात को देखकर कईयों के चेहरे खिल उठे.

परिवार के सामने थी बड़ी चुनौती
दरअसल बाढ़ प्रभावित गांव गोबरी, प्रखण्ड बंजारिया में मुनिलाल महतो की गर्भवती पत्नी रीमा देवी प्रसव पीड़ा से परेशान थी. उनके परिवार के लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि संकट की इस घड़ी में जल्द से जल्द नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कैसे पहुंचा जाए. इसकी सूचना गांव के नजदीक ऑपेरशन में जुटे 9वीं बटालियन एनडीआरएफ के कमाण्डर सहायक उप निरीक्षक जितेन्द्र कुमार को मिली.
महिला की मदद को पहुंची एनडीआरएफ 
कमाण्डर जितेन्द्र कुमार ने अपने प्रभारी अधिकारी अरविन्द मिश्रा को सूचना दी. उनके निर्देश पर एनडीआरएफ के बचावकर्मी तुरन्त महिला के घर के नजदीक रेस्क्यू बोट लेकर पहुंच गए. एनडीआरएफ के कर्मी गर्भवती महिला रीमा देवी को उनके परिजनों और 'आशा' सेविका को लेकर रेस्क्यू बोट से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंजारिया पहुंचाने में जुट गए.
नदी की मझधार में बढ़ी प्रसव पीड़ा 
इसी बीच बूढ़ी गंडक नदी की मजधार में गर्भवती महिला की प्रसव पीड़ा और बढ़ गई. महिला की गम्भीर हालत और उनकी जान जोखिम में देखते हुए रेस्क्यू बोट पर ही प्रसव कराने का फैसला लिया गया. आखिर में एनडीआरएफ के बचावकर्मी, 'आशा' सेविका और परिवार की महिलाओं के सहयोग से सफल और सुरक्षित प्रसव करा लिया गया.
रेस्क्यू बोट पर हुआ बच्ची का जन्म 
इस तरह बाढ़ के बीच मझधार में एक बच्ची की किलकारी गूंजी. रीमा देवी ने एनडीआरएफ रेस्क्यू बोट पर एक बच्ची को जन्म दिया. फिर महिला और नवजात शिशु को भोला चौक रोड के नजदीक सुरक्षित लाकर सरकारी एम्बुलेन्स की मदद से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंजारिया में भर्ती कराया गया. जहां महिला और नवजात शिशु दोनों स्वस्थ हैं.
बोट पर कई बार हुआ है शिशु का जन्म'
इस सिलसिले में कमान्डेंट विजय सिन्हा ने बताया कि साल 2013 से बाढ़ प्रभवित इलाकों में रेस्क्यू के दौरान 9वीं बटालियन एनडीआरएफ की बोट पर यह दसवें शिशु का जन्म है. जिसमें एक जुड़वे बच्चे का जन्म भी शामिल है. भगवान का शुक्र है कि अब तक सभी शिशु का जन्म सुरक्षित हुआ है. उन्होंने आगे बताया कि हमारे बचावकर्मियों का उद्देश्य मुसीबत में फंसी गर्भवती महिला को जल्द से जल्द सुरक्षित तरीके से नजदीकी अस्पताल पहुंचाना होता है.
5,300 से ज्यादा लोगों का हुआ रेस्क्यू
अब तक एनडीआरएफ की टीमों ने बाढ़ प्रभावित गोपालगंज, सुपौल, दरभंगा, सारण, पूर्वी चम्पारण और पश्चिम चम्पारण जिलों में बाढ़-बचाव ऑपेरशन किया है. इस दौरान 5,300 से अधिक लोगों को जलमग्न गांवों से निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है.

चीन से तनाव के बीच फ्रांस से भारत के लिए 5 राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप भारत रवाना GS NEWS

चीन से तनातनी के बीच भारत के लिए फ्रांस से 5 राफेल विमान उड़ निकले हैं। ये 29 जुलाई को हरियाणा के अंबाला में भारतीय एयर फोर्स का हिस्सा बनेंगे। फ्रांस से उड़े इन लड़ाकू विमानों में भारत पहुंचने से पहले यूएई में ईंधन भरा जाएगा। फ्रांस में भारत के दूतावास ने तस्वीरें साझा करते हुए बताया नए राफेल भारतीय बेड़े में शामिल होने के लिए फ्रांस से उड़ रहे हैं।
फ्रांस से खरीदे गए बेहद आधुनिक और शक्तिशाली 36 राफेल विमानों की यह पहली खेप है। विमान बुधवार को भारत पहुंचेंगे। इंडियन एयरफोर्स के 12 पायलट और इंजीनियर्स को ट्रेनिंग दी गई है। उड़ान भरने से पहले फ्रांस में भारत के राजदूत ने पायलटों से मुलाकात की।  
पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन के साथ जारी सीमा गतिरोध के बीच राफेल जेट जंगी विमानों की पहली खेप को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही वायुसेना उनमें 60 किलोमीटर तक मारक क्षमता की हवा से जमीन पर मार करने वाली नई पीढ़ी की मिसाइलें लगाने पर भी विचार कर रही है। यह विमान विभिन्न प्रकार के शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम है।  
भारत सरकार ने 2016 में फ्रांस से 36 लड़ाकू राफेल विमानों का सौदा 60,000 करोड़ रुपए में किया था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पहला राफेल विमान फ्रांस के एक एयरबेस पर पिछले साल 8 अक्तूबर को प्राप्त किया था। अब जो पांच विमान भारत आ रहे हैं ये मई में ही आने वाले थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी को लेकर कुछ देरी हुई। 
36 लड़ाकू विमानों में से 18 विमान फरवरी 2021 तक सौंप दिए जाएंगे, जबकि शेष विमान अप्रैल-मई 2022 तक सौंपे जाने की उम्मीद है। राजनाथ सिंह ने पिछले साल फ्रांस में कहा था, ''मुझे बताया गया है कि फ्रेंच 'शब्द राफेल का अर्थ 'आंधी है। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि विमान अपने नाम को सार्थक करेगा।''

सरकार ने चीन पर फिर किया 'डिजिटल स्ट्राइक', 47 और चीनी ऐप को किया भारत में बैन GS NEWS

नरेंद्र मोदी सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 47 और चीनी ऐप को प्रतिबंधित कर दिया है। पिछले महीने 59 चाइनीज को भारत में बैन कर दिया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जल्द ही इसकी सूचि जारी की जाएगी।
 इसके अलावा करीब 250 चीनी ऐप्स की एक सूचि बनाई जा रही है, जिनकी जांच की जानी है। इनपर यूजर की गोपनीयता को भंग करने का आरोप है।
आपको बता दें कि इससे पहले भारत सरकार ने चीन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 59 चाइनीज चीनी मोबाइल ऐप्स को बैन कर दिया गया था। इसमें टिकटॉक, शेयर इट, यूसी ब्राउजर, हेलो, विगो, जैसे ऐप शामिल हैं। 
आईटी मंत्रालय ने कहा था कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं। इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये ऐप ''उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें भारत के बाहर स्थित सर्वर को अनधिकृत तरीके से भेजते हैं।

रविवार, 26 जुलाई 2020

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, बिहार के 17 जिलों में भारी बारिश की आशंका GS NEWS

बिहार में भारी बारिश की आशंका उत्तर बिहार के कई हिस्सा में भारी बारिश 27 से 29 जलाई तक उत्तर बिहार में भारी बारिश की मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग ने 17 जिले के डीएम को अलर्ट रहने को कहा है. आपदा प्रबंधन के अपर सचिव एम रामचंद्रु डू ने इन डीएम को पत्र लिख कर कहा है कि 27 से 29 जुलाई तक हल्की से भारी बारिश की आशंका है. इससे निबटने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाये.
विभाग ने जिन जिलों को अलर्ट रहने के लिए कहा है, उनमें किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, सहरसा, मधेपुरा, समस्तीपुर व खगड़िया शामिल हैं. 
मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी स्पेशल एडवाइजरी के मद्देनजर आपदा प्रबंधन ने कहा है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जाये. अधिक बारिश होने पर संभावित बाढ़ से निबटने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाये. 
अलर्ट की कॉपी एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के अलावा पूर्णिया, कोसी, दरभंगा, सारण और मुंगेर के प्रमंडलीय आयुक्त को भी भेजी गयी है.