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सोमवार, 27 जुलाई 2020

महात्मा गांधी सेतु का पश्चिमी लेन बनकर आवागमन के लिए तैयार, नितिन गडकरी करेंगे 31 को उद्घाटन GS NEWS

उत्तरी बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने वाले सबसे पुराने पुल महात्मा गाँधी सेतु के पश्चिमी लेन के निर्माण कार्य को पूरा कर लिया गया है. इसकी मरम्मती का काम साल 2014 में केंद्र और राज्य सरकार की सहमती से शुरू करने की घोषणा की गई थी.एक बार फिर से बहुत जल्द उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु पर जीर्णोद्धार के बाद आवागमन शुरू होने वाला है। केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी आगामी 31 जुलाई को इसका उद्घाटन कर सकते हैं। दरअसल केंद्र ने बिहार सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार चाहे तो 31 जुलाई को महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन का उद्घाटन करने के लिए नितिन गडकरी तैयार हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार में कोरोना के कहर को देखते हुए 31 जुलाई तक लॉकडाउन की घोषणा की गई है। अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा तो 31 जुलाई को केंद्रीय मंत्री महात्मा गांधी सेतु के नवनिर्मित पश्चिमी लेन का उद्घाटन कर सकते हैं।
2014 में गांधी सेतु के जीर्णोद्धार की सहमति बनी
गांधी सेतु की नई सिरे से मरम्मत करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के बीच साल 2014 में सहमति बनी। मरम्मत मद में लगभग 1400 करोड़ खर्च हो रहे हैं। साल 2017 से इसकी मरम्मत शुरू हुई। पश्चिमी लेन पहले तोड़ा गया और फिर सेतु के कंक्रीट का सुपरस्ट्रक्चर हटाकर स्टील का लगाया गया। 
कुल 45 स्पैन बनाए गए हैं। एक स्पैन में 33 हजार मीट्रिक टन स्टील लगा है। पुल तोड़ने की शुरुआत हाजीपुर छोर से हुई थी। इसलिए इसकी मरम्मत भी इसी दिशा से हुई। मुंबई की एजेंसी एफ्कॉंस ने पहले इसे नवम्बर 2018 में ही चालू करने का लक्ष्य तय किया था। लेकिन पुराने स्ट्रक्चर को ही तोड़ने में अधिक समय लग गया।
बाढ़ से लेकर कोरोना ने रोका निर्माण का काम
स्ट्रक्चर टूटने के बाद जब पिलर बनाए जाने लगे तो गंगा में अधिक पानी होने के कारण मरम्मत का कार्य काफी मुश्किल भरा रहा। तब सेतु की मरम्मत की समय सीमा जून 2019 और फिर दिसम्बर 2019 तय की गई। लेकिन पिछले साल सितम्बर-अक्टूबर में गंगा में अधिक पानी आने के कारण एजेंसी के प्लांट कई दिनों तक डूबे रहे तो इसे मार्च में शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया। इसी बीच कोरोना का कहर सामने आ गया तो काम बंद हो गया।
साल 2022 में पूर्वी लेन भी चालू होने की संभावना
पश्चिमी लेन से गाड़ियों की आवाजाही के बाद पूर्वी लेन को तोड़ने का काम होगा। एजेंसी की कोशिश होगी कि अगर बरसात का कहर कम हो तो पूर्वी लेन का जितना हिस्सा हो सके, तोड़ लिया जाए। चूंकि एजेंसी को पश्चिमी लेन को तोड़ने और बनाने में होने वाली परेशानियों का अनुभव हो गया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि पश्चिमी लेन की तुलना में पूर्वी लेन आसानी से तोड़कर बना लिया जाएगा। संभावना है कि साल 2022 में पूर्वी लेन भी चालू हो जाए।

एक नजर में गांधी सेतु

- 1969 में महात्मा गांधी सेतु की नींव रखी गई
-1972 से सेतु बनाने का काम शुरू हुआ
 -1982 में इंदिरा गांधी ने एक लेन का किया उद्घाटन
- 1987 में गांधी सेतु का दूसरा लेन हुआ था शुरू
- 1991 से ही मरम्मत की आवश्यकता महसूस हुई
-1998 में सेतु पर पहली बार दिखी थी दरार
- 5.575 किलोमीटर लंबा है महात्मा गांधी सेतु

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