कुल पाठक

गुरुवार, 23 जुलाई 2020

धूमधाम से संपन्न हुआ मधुश्रावणी, टेमी दागकर ली गई नववविवाहिताओं के सहनशील होने की परीक्षा GS NEWS


कोरोना महामारी के बीच मिथिलांचल का 14 दिवसीय मधुश्रावणी पर्व नवविवाहिताओं के बीच टेमी दागकर संपन्न हुआ। क्षेत्र की सभी नवविवाहिताओं ने सावन मास के पहले पक्ष से ही लगातर 14 दिनों तक मधुश्रावणी व्रत रखकर भगवान शंकर-पार्वती की पूजा-अर्चना की। यह व्रत अलग-अलग गांव में अनोखा व अद्भुत देखने को मिल रहा था।
इस पूजा की खास बात यह होती है कि इसमें महिला ही पंडित की भूमिका में होतीं हैं, जो नवविवाहिता के बीच कथा एवं पूजा विधिपूर्वक संपन्न करातीं हैं। नवविवाहिता के पैरों में जलते दीप का टेमी दागकर संपन्न कराया जाता है। यह परंपरा मिथिलांचल में वर्षों से चली आ रही है।
ससुराल से आए हुए सभी गहने-कपड़े में सजधज कर मैथिली लोकगीत गाकर भगवान शिव-पार्वती के साथ-साथ नाग-नागिन की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान महिला पंडिताइन कथा वाचन करतीं हैं। पूजा समाप्ति के बाद महिलाएं ससुराल से आए हुए भोजन को ग्रहण करतीं हैं।
महिलाओं ने बताया कि यह पर्व नवविवाहिता के लिए मधुमास माना जाता है। यह व्रत ससुराल से दिए गए सामानों के साथ ही संपन्न होता है। 14 दिनों तक नवविवाहिता अपनी सहेलियों के साथ गांव-गांव जाकर बगीचे से फूल-पौधों की पत्तियां तोड़ती हैं और अगले दिन उस बासी फूल-पत्ती से भगवान गौरीशंकर की पूजा-अर्चना की जाती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें