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बुधवार, 22 जुलाई 2020

बिहार के 10 जिले में 6 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित, कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर GS NEWS

बिहार में वैश्विक महामारी कोरोना के बाद  बाढ़ का प्रकोप  बिहार को झेलना पड़ रहा है बिहार के 10 जिलों की करीब 6.36 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है और 18,612 लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 10 जिलों सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण एवं खगड़िया जिले के 55 प्रखंडों के 282 पंचायतों की करीब 6.36 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। वहां से सुरक्षित निकाले गए 18,612 लोग दस राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बागमती नदी सीतामढी, मुजफ्फरपुर एवं दरभंगा, बूढी गंडक मुजफ्फरपुर एवं समस्तीपुर, कमला बलान मधुबनी, लालबकिया पूर्वी चंपारण, अधवारा सीतामढी, खिरोई दरभंगा और महानंदा किशनगंज एवं पूर्णिया जिला में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि जुलाई महीने में भारी बारिश के बावजूद सभी तटबंध सुरक्षित हैं तथा तकनीक के उपयोग और विभाग की अतिरिक्त सतर्कता के कारण तटबंध पर उत्पन्न खतरों को समय रहते टाला जा सका है।
बिहार में बाढ़ के खतरे के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 21 टीमों को राज्य के विभिन्न संवेदनशील जिलों में तैनात किया गया है। एनडीआरएफ की 9वीं बटालियन के कमान्डेंट विजय सिन्हा ने बताया कि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की मांग पर एनडीआरएफ की 21 टीमों को प्रदेश के 12 जिलों में तैनात किया गया है।
इस बीच बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने दरभंगा और मधुबनी जिलों के बाढ प्रभावित इलाकों का बुधवार को दौरा किया। तेजस्वी ने संवाददाताओं से कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि बाढ पीडितों के आवास एवं भोजन की व्यवस्था करे तथा बाढ़ के कारण हुए उनके नुकसान को देखते हुए उनकी आर्थिक मदद करनी चाहिए थी।
वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि जिनके माता-पिता के राज में 90 करोड़ रुपए का बाढ़ राहत घोटाला हुआ, वे कुछ बाढ़ पीड़ितों को एक वक्त का भोजन कराते हुए फोटो खिंचवा कर राजद राज के पाप धोने की कोशिश कर रहे हैं। सुशील ने ट्वीट कर तेजस्वी पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें कैग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए, जिसमें खुलासा किया गया है कि बिहार को केंद्र सरकार से मिली बाढ़ सहायता की 90 करोड़ की राशि का फर्जीवाड़ा कैसे हुआ था।

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