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मंगलवार, 19 मई 2020

नवगछिया में मजदूरों का महज 15 किलोमीटर का सफर बन गया जीवन का अंतिम सफर GS NEWS

खरीक लोहे की पिलर से लदे ट्रक पर सवार प्रवासी मजदूरों को क्या पता कि महज 15 किलोमीटर का सफर उसके जीवन का अंतिम सफर साबित होगा.लोहे का पिलर लदे ट्रक का लिफ्ट लेना  बिहारी मजदूरों के लिए  काल बनकर सामने आया. मजदूरों को क्या पता ट्रक का लिफ्ट लेना उसके लिए प्राणघातक सिद्ध होगा. कटिहार और नवगछिया के सीमा क्षेत्र पर जब मजदूरों ने ट्रक चालक को लिफ्ट के लिए हाथ दिया और ट्रक चालक ने सभी मजदूरों को पीछे में बैठा लिया. सभी मजदूर इस उम्मीद में थे की ट्रक का सहारा लेकर बहुत जल्द ही अपने घर पहुंच जाएंगे. लिफ्ट लेने की स्थल से महज 15 किलोमीटर है  दूरी ट्रक से तय कर सका था. और यही दूरी मजदूरों के जीवन की अंतिम सफर बनकर सामने आई. अम्भो के समीप फोन नियंत्रित बसने ट्रक में टक्कर मार दी तो ट्रक चालक ने अपने ट्रक को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया.जोरदार धक्के से ट्रक के पीछे में ट्रक पर लगे भारी भरकम लोहे के पिलर के ऊपर  बैठे बेतिया और मोतिहारी के  9 प्रवासी मजदूर कुछ ही क्षणों में  ट्रक के भारी-भरकम मलवे  के चपेट में आकर दम कर दम तोड़ दिया. मजदूरों के शरीर पर  दुर्घटनाग्रस्त ट्रक के मलवे का वजन  इतना  अधिक और भयावह था कि जीवन के अंतिम क्षण में मदद के लिए मजदूरों की चीख तक नहीं निकल सकी. सब के सब नौ मजदूर कुछ ही पल में  रख पर लगे भारी भरकम पिलर के मलबे के नीचे दम तोड़ दी. इस हृदय विदारक मार्मिक घटना को देख कर सबों का दिल पसीज गया.लोग इस बात को सोच सोच कर विह्वल सो रहे थे की हार मांस कि इस नाजुक मानव शरीर पर जब कई टन लोहे के पिलर का दबाव बना होगा तो मजदूरों को कुछ क्षण के लिए कितनी दर्दनाक पीड़ा हुई होगी.मजदूरों की इस ह्रदय विदारक पीड़ा का चिंतन मात्र से मानव हृदय सिहर उठा.घर पर बच्चे कर रहे थे पिता का इंतजार मोबाइल पर मजदूरों का घर वाले से संपर्क हो रहा था. जब साइकिल चलाते-चलाते मजदूर थक चुका था तो उन लोगों ने ट्रक वाले को लिफ्ट के लिए हाथ लिया. ट्रक रुकने और लिफ्ट देने मात्र से मजदूरों के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई थी. रथ पर साइकिल लेकर सवार होकर मजदूरों ने एक बड़ी राहत की सांस ली थी. बेतिया और मोतिहारी के परिजनों को फोन पर जानकारी देकर मजदूरों ने अपने परिजनों को यह बताया था कि वह बहुत ही जल्द घर पहुंच गए पहुंचने वाला है.घर पर छोटे-छोटे बच्चे अपने पिता का घर सुरक्षित आने का इंतजार बेसब्री से कर रहे थे.मजदूरों में से एक मजदूर बेतिया यमुनियाँ का हाशिम अपने घर का इकलौता भाई था.जिसके सर पर से पिता का साया दो साल पहले उठ चुका था.एक भाई था वह भी कुछ माह पहले इस संसार से चल बसा. एक हासिम अपने पीछे तीन लड़का और दो लड़की छोड़ गए. पांच संताने पिता के आने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी.पुत्र की आस में बूढ़ी मां की आंखें पथरा गई  बूढ़ी मां इस उम्मीद में थी कि अब उसका बेटा आ जाएगा और सब कुछ ठीक हो जाएगा.लेकिन जैसे ही मोबाइल से सूचना मिली  कि उसका बेटा अभी संसार में नहीं रहा सब कुछ तहस-नहस हो गया. घर में कोहराम मच गया .उस बूढ़ी मां को क्या पता आज उसके पुत्र का अंतिम दिन है.हासिम घर का कमाऊ इकलौता बेटा था. मौत की सूचना मिलते ही  बेतिया के  पगड़सीपुर थाना के  यमुनियाँ  चितपरी गांव में सन्नाटा छा गया. हाशिम की पत्नी को जब पति की मौत की सूचना मिली तो मानो  उसका संसार ही उजड़ गया हो. हाशिम पर ही उसके पांच छोटे छोटे बच्चे पत्नी और बूढ़ी मां की जिंदगी निर्भर थी एक हसीन की मौत से पूरे के पूरे 6 लोग उजड़ने के कगार पर आ गया है. मृतक मजदूर हाशिम कोलकाता में गद्दा बनाकर रुई धुनने का का काम कर परिवार का भरण पोषण करता था.मजदूर की मौत हो जाने से पूरा घर बिखर गया. अन्य 5 मजदूरों के परिवार को जब इसकी सूचना मिली तो वे सन्न रह गए मृतक के परिजन अपने निजी वाहन लेकर घटनास्थल की ओर चल पड़े हैं. खरीक थाना अवर निरीक्षक श्यामानंद मिश्र ने बताया की सभी मृतकों के परिजन देर रात नवगछिया पहुंच जाने की उम्मीद है इस बाबत खरीक पुलिस भी लाश लेकर नवगछिया में परिजनों का इंतजार कर रही है

2 टिप्‍पणियां:

  1. इस रौंगटे खडे कर देने वाले हृदयविदारक घटना ने सचमुच मानव हृदय को झकझोर कर रख दिया है ।दुर्घटना में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ ।दुर्घटना की जिवंत प्रस्तुति काफी सराहनीय है।आलेख काफी प्रभावी और उच्च गुणवत्तापूर्ण है ।आलेख के माध्यम से जो घटना का सजीव चित्रण किया गया है वह लेखक एवं पत्रकार के गहन अनुभव और रचनात्मकता को प्रदर्शित करता है ।इनका यह आलेख काबिले-तारीफ है ।मैं भली भांति समझ सकता हूँ की इतनी सुंदर प्रस्तुति किनकी हो सकती है।उन्हें दिल से सलाम । खबर के साथ साथ खबर लिखने वाले स्तम्भकार का नाम प्रविष्ट करें ।इससे स्तंभकारों के मनोबल एवं प्रतिभा में उभार का अवसर मिलता है ।

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  2. इस रौंगटे खडे कर देने वाले हृदयविदारक घटना ने सचमुच मानव हृदय को झकझोर कर रख दिया है ।दुर्घटना में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ ।दुर्घटना की जिवंत प्रस्तुति काफी सराहनीय है।आलेख काफी प्रभावी और उच्च गुणवत्तापूर्ण है ।आलेख के माध्यम से जो घटना का सजीव चित्रण किया गया है वह लेखक एवं पत्रकार के गहन अनुभव और रचनात्मकता को प्रदर्शित करता है ।इनका यह आलेख काबिले-तारीफ है ।मैं भली भांति समझ सकता हूँ की इतनी सुंदर प्रस्तुति किनकी हो सकती है।उन्हें दिल से सलाम । खबर के साथ साथ खबर लिखने वाले स्तम्भकार का नाम प्रविष्ट करें ।इससे स्तंभकारों के मनोबल एवं प्रतिभा में उभार का अवसर मिलता है ।

    चन्द्रशेखर सुमन,
    संवाददाता दैनिक भास्कर
    reporterbhaskarsuman @gmail.com
    8809666451

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