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रविवार, 17 मई 2020

नवगछिया के रंगरा प्रखंड में बीडीओ के नहीं रहने से विकास कार्य ठप, कार्यालय कर्मी भी नदारद, कोरोना के बीच क्वॉरेंटाइन सेंटरों में व्यवस्था एवं अफरा-तफरी का माहौल GS NEWS


रंगरा प्रखंड में पिछले डेढ़ माह से बीडीओ शिल्पी कुमारी वैद्य के छुट्टी पर चले जाने से एक ओर जहां प्रखंड के तमाम पंचायतों के विकास कार्य ठप पड़ गए हैं तो  वही दूसरी ओर कोरोनावायरस महामारी के बीच पूरे प्रखंड में विधि व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बीडीओ के   नहीं  रहने से बाहर के अन्य राज्यों से आए हुए प्रवासी मजदूरों के लिए प्रखंड क्षेत्र में बनाए गए विभिन्न को रनटाइन सेंटरों  की व्यवस्था संभल नहीं पा रही है ।जिसके फलस्वरूप रंगरा के अधिकांश कोरनटाईन  सेंटरों में आए दिन हंगामा और मारपीट की घटना होती रहती है । बीडीओ के गैरमौजूदगी में  कार्यालय के कर्मी  खूब फायदा उठा रहे हैं । वह भी अपने कार्यालय से  कई कई दिनों तक नदारद रहते हैं।
कहते हैं प्रखंड प्रमुख:-
 वही इस बाबत रंगरा प्रखंड प्रमुख संजीव कुमार उर्फ मोती यादव ने कहा है कि डेढ़ माह पूर्व प्रखंड कार्यालय से नवगछीया  जाने के दौरान  बीडीओ सड़क दुर्घटना में घायल हो गई थी ।इसके बाद वह इलाज कराने के लिए चली गई। अब जबकि वह पूरी तरह से स्वस्थ हो चुकी हैं बावजूद इसके प्रखंड में योगदान नहीं कर रही हैं। जिसके चलते प्रखंड के तमाम विकास कार्य ठप पड़ गए हैं। इस संबंध में जिला स्तरीय मीटिंग के दौरान मैंने जिला पदाधिकारी एवं एसडीओ नवगछिया को भी अवगत कराया था ।दोनों बरीय पदाधिकारियों ने इसका जल्द समाधान निकालने का आश्वासन भी दिया था। मगर अब जबकि  डेढ़ माह होने को हैं इसके  बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया ।बताया जा रहा है कि बीडीओ द्वारा इलाज के लिए जाने के दौरान किसी अन्य पदाधिकारी को अपना प्रभार नहीं दिया गया है । इस कारण इस तरह की स्थिति उत्पन्न हुई है ।वहीं प्रमुख मोती यादव ने कहा है कि मोबाइल के जरिए उनसे   जल्द योगदान करने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने जल्द योगदान का भरोसा भी दिया था मगर उनके द्वारा अबतक  अपना योगदान नहीं किया गया  हैं ।प्रशासनिक स्तर पर अगर इनका वैकल्पिक व्यवस्था जल्द नहीं किया गया तो इसके लिए आंदोलन करेंगे। आगे उन्होंने कहा  है कि स्थिति  इतनी खराब हो गई है कि  पूरे दिन प्रखंड कार्यालय में  ताला लटका  रहता है। यहां के कार्यालय कर्मी तो कार्यालय को झांकने तक नहीं आते हैं ।यदा-कदा कार्यालय खोलकर अपना हाजिरी बना कर पुनः घर चले जाते हैं। काम से उनका लेना देना नहीं है । हर दिन आम लोगों के अलावे क्षेत्र के जनप्रतिनिधि अपने आवश्यक कार्य से प्रखंड कार्यालय आते हैं और कार्यालय में ताला लटके रहने के कारण बेरंग वापस चले जाते हैं । 

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