राजेश भारती की रिपोर्ट
नारायणपुर में स्वस्थ समाज से ही मजबूत राष्ट्र का नव निर्माण संभव है इस दिशा में इलेक्ट्रो होम्योपैथी(इएच)के चिकित्सक बन्धु अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं इसके लिए वो धन्यवाद के पात्र हैं। उक्त बातें मैटी इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिकल कौंसिल के द्वारा इलेक्ट्रोहोम्योपैथिक विकास में ईएच चिकित्सकों का दायित्व विषय पर आयोजित वेब संगोष्ठी में उद्घाटन वक्तव्य देते हुए कोशी स्नातक क्षेत्र के विधान पार्षद सह ख्याति प्राप्त चिकित्सक डॉ एन के यादव ने कहा । इन्होंने कहा कि ईएच रस एवं रक्त को शुद्ध कर निरोग करने की सिद्धांत पर आधारित एक बहुत ही अच्छी चिकित्सा पद्धति है । इस अवसर पर विक्रमगंज के डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा कि ईएच के विकास हेतु हम सभी चिकित्सक अपनी दवा से आधी से अधिक रोगियों को ठीक करें ताकि आम जनता भी इस चिकित्सा को जान सके , इसके लिए ज्यादा से ज्यादा अध्ययन भी करने की आवश्यकता है । डॉ सीताराम पंडित नें कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथिक विकास में सभी चिकित्सकों का अपने अपने तरीके से भरपूर योगदान है सरकार एवं न्यायालय भी इसके प्रति सकारात्मक पहल कर रही है । कौंसिल के निदेशक एवं कार्यक्रम संचालक डॉ सुभाष कुमार विद्यार्थी नें कहा कि इसकी कुल 38 औषधियाँ हैं जो 114 वनस्पतियों से निर्मित है । इनके आविष्कारक महात्मा डॉ काउंट सीजर मैटी नें अपनी औषधियों में किसी केमिकल का प्रयोग न कर विशुद्ध हर्बल औषधि तैयार की जो शरीर के ब्लड और लिम्फ को शुद्ध कर समस्त रोगों को समूल ठीक करने की क्षमता रखती है । इस कार्यक्रम में डॉ चंद्रशेखर मंडल , डॉ राम उदय शर्मा , डॉ राम कुमार साह , दिल्ली से डॉ कपिल सिंह ठाकुर , डॉ सुब्रतो कुमार आचार्या , डॉ एल बी प्रसाद , डॉ सुभाष चंद्र सुमन , डॉ राम कुमार , डॉ आर के मिश्रा , डॉ सुधांशु कुमार , डॉ गौतम राज , डॉ शिवराज कुमार सहित कई ई एच् चिकित्सकों ने ऑन लाईन भाग लेकर अपनी अपनी इलेक्ट्रो होम्योपैथी पर विचार को रखा ।
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