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शुक्रवार, 27 मार्च 2020

मुंगेर : लॉकडाउन के दौरान नवजात की देखभाल में नहीं रहे कोई कसर • आशा का अवश्य रखें मोबाइल नंबर, बुखार व उल्टी पर दें सूचना• नियमित स्तनपान पर दें ध्यान • नवजात को बीमार लोगों से रखें दूर GS NEWS


मुंगेर, 27 मार्च। कोरोना संक्रमण व इसकी रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग जहां एक ओर पूरी सर्तकता से संदिग्ध मामलों की पुष्टि करने में लगा है, वहीं दूसरी ओर अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को भी मुहैया कराने में भी कोई कमी नहीं है. जिला के सदर सहित प्राथमिक अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मचारी पूरी मुस्तैदी से प्रसव कराने, नवजात शिशुओं की देखभाल करने व उनसे जुड़ी सभी आपात स्थितियों से सामना करने के लिए तैयार है. प्रसूति व उसके परिवार को नवजात की देखभाल के बारे में बारीक से बारीक जानकारी दी जा रही है, इस लॉकडाउन की स्थिति में परिवार के सदस्यों को बहुत अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं हो.

सदर पीएचसी के चिकित्सक  डॉ सुनील झा ने बताया कोरोना संक्रमण को लेकर कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है ताकि नवजात को लेकर अस्पताल न भटकना पड़े. वर्तमान हालात में सभी अस्पताल आने से बच रहें तो बेहतर है घर पर उसकी इस प्रकार देखरेख की जाये कि वह बीमार नहीं पड़े. माता नियमित रूप से अपने बच्चे को स्तनपान कराये और भीड़ भाड़ वाली जगहों से बचें. नवजात के साथ घर में एकांत रहना भी वर्तमान समय की मांग है. इसके साथ मां व्यक्तिगत व नवजात की साफ सफाई का ध्यान रखे. 


इन बातों का ध्यान जरूर रखें: 

सबसे पहले हाथों को साबुन से धोकर साफ कर लें और इसके बाद बच्चे को स्तनपान करायें. स्तनपान रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.  चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी प्रसूति से नियमित स्तनपान की सलाह दे रहे हैं. ऐसे समय में भी माताएं बिना डरे शिशु को नियमित स्तनपान जरूर करायें. 

नवजात की साफ सफाई समय समय पर करते रहें. साफ सफाई किसी भी प्रकार के संक्रमण को रोकता है. नवजात के नैपकिन को बदलते रहें. अधिक देर तक नैपकिन के गीला रहने से उसे संक्रमण हो सकता है. सूती कपड़ों का इस्तेमाल बेहतर है. 


नवजात शिशु को सुबह के समय गुनगुनी धूप में लेकर 15 मिनट तक जरूर बैंठे. धूप से बच्चे का इम्यून सिस्टम भी मजबूत होत है. जांडिस वाले शिशु के लिए सुबह की धूप काफी लाभदायक है. धूप से नवजात शिशुओं को विटामिन-डी मिलता है. यह हड्डियों के विकास के लिए जरूरी है. इससे उसकी वजन व लंबाई बढ़ती है. 

यदि घर में सामान्य सर्दी, खांसी व बुखार के मरीज हो तो भी मां उनसे दूर रहने की पूरी कोशिश करें. नवजात को भी दूर रखने में ही भलाई है. सर्दी जुकाम वाले पास पड़ोस के दूसरे लोगों को भी प्रसूति व बच्चे के बहुत करीब नहीं आने दें.  प्रसूति कच्चे व अधपके मांस का सेवन से पूरी तरह बचें.

चिकित्सक से परामर्श कर नवजात के लिए कुछ आवश्यक दवाई अपने पास रखें. बुखार, उल्टी व दस्त जैसी समस्या होने पर आशा व संबंधित स्वास्थ्यकर्मी को जरूर बतायें.

कोरोना संक्रमण को नहीं होने दे मस्तिष्क पर हावी, मानसिक स्वास्थ्य का रखें पूरा ख्याल • भविष्य को मुंगेर : सोचकर घबराने से बचें • जागरूकता और सही जानकारी से जोड़ें नाता • शारीरिक रूप से सक्रिय रहें एवं संतुलित आहार का करें सेवन • आम लोग, संक्रमित एवं स्वास्थ्य कर्मी सभी के लिए बेहतर मानसिक स्वास्थ्य जरुरी GS NEWS



मुंगेर/ 27 मार्च।  कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर भविष्य में होने वाली अनिश्चितता की चिंता, सामान्य सर्दी, खाँसी या बुखार होने पर डर, संक्रमण होने पर अलग-थलग रहने का भय जैसी बातें यदि आपके दिमाग में चल रही हो तो सावधान जो जायें. यह आपको मानसिक रूप से अस्वस्थ कर सकता है. इससे आपका मानसिक स्वास्थ्य काफ़ी प्रभावित हो सकता है. विश्व भर में कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण जन सुमदाय के मन में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं, जो उन्हें मानसिक रूप से परेशान भी कर रहे हैं. चाहे आम लोग, संक्रमित व्यक्ति या कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव में जुटे स्वास्थ्य कर्मी की बात हो, सभी को ऐसे माहौल में सकारात्मक सोच रखने की जरूरत है. बढ़ते संक्रमण के कारण भावनात्मक एवं व्यावाहरिक प्रतिक्रिया लाजिमी है. लेकिन अत्यधिक नकारत्मक प्रतिक्रिया आपके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल सकता है. इसको लेकर पुणे के डिपार्टमेंट ऑफ़ साइकाइट्री आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज ने विस्तार से दिशा-निर्देश जारी किया है. 

  
आम व्यक्तियों में भावनात्मक एवं व्यावाहरिक प्रतिक्रियाएं: 
कोरोनावायरस संक्रमण के कारण को लेकर आम व्यक्ति में कई तरह की भावनात्मक एवं व्यावाहरिक प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है. 
संक्रमण को लेकर भविष्य में होने वाली अनिश्चितिता के प्रति चिंता एवं अवसाद 
संक्रमण प्रसार को लेकर भय 
सामन्य खाँसी, सर्दी एवं बुखार होने पर संक्रमण का भय 
समाज के कुछ लोगों के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को लेकर गुस्सा एवं चिडचिडापन 
समाज में गैर-जिम्मेदार व्यवहार पर अनुचित ध्यान देना


संक्रमित व्यक्तियों को भी प्रतिक्रियों से बचने की जरूरत: 
कोरोना संक्रमित व्यक्ति भी कई तरह के नकारत्मक विचारों से ग्रसित हो सकते हैं.
संक्रमित होने के बाद अलगाव में रहने के डर के कारण रिपोर्टिंग से परहेज 
संक्रमित होने पर अनुचित अपराध बोध होना 
सबसे खराब संभावित परिणामों के बारे में चिंता और घबराहट
खुद एवं परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता 


संदिग्ध व्यक्तियों के क्वारंटाइन होने पर: 
ऊबन और अकेलापन
परिवार के स्वास्थ्य को लेकर चिंता 
संक्रमण के शिकार की आशंका पर अपराध बोध 
महत्वपूर्ण समय में अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पाने का अपराध बोध


स्वास्थ्य कर्मियों को भी सजग रहने की जरूरत:
कोरोनावायरस संक्रमण से लोगों को बचाव करने में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों को भी अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखने की जरूरत है. उनके मन में भी संक्रमण को लेकर कई नकारत्मक प्रतिक्रियाएं आ सकती हैं, जो उन्हें हताश एवं परेशान कर सकती है.
संक्रमण के बढ़ते मामलों एवं चुनौतीपूर्ण माहौल में कार्य करने पर चिंता का होना 
गंभीर रोगियों एवं मौतों के बीच अत्यधिक समय तक काम करने से उत्तेजित हो जाना 
कार्य के दौरान विफलता, हताशा, खराब देखभाल एवं  चिड़चिड़ापन की भावना का आना 
कुछ बुरा होने के बारे में अनुचित चिंता, अवसाद, बुरे सपने आदि भी स्वास्थ्य कर्मियों को मानसिक रूप से परेशान कर सकते हैं 
ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों को सचेत रहने की जरूरत है. अपने कार्य की स्पष्टता, कार्य के बीच थोडा अंतराल लेना, अपने खान-पान का ख्याल रखना, चाय एवं कॉफ़ी का सीमित इस्तेमाल कर ऐसे माहौल में अवसाद से स्वास्थ्य कर्मी बच सकते हैं. 


बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए यह करें: 
भावना को स्वीकार करें एवं साझा करें 
कोरोना के विषय में विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें( विश्व स्वास्थ्य संगठन, सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार)
अटकलों और अफवाहों से बचें
हाथ की सफाई एवं सोशल डीसटेंसिंग को अपनाए
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें एवं संतुलित आहार लें 
बच्चों एवं पड़ोसियों के लिए रोल मॉडल बनें 
कार्य एवं अवकाश के बीच संतुलन बनायें 
बुजुर्गों का अधिक ख्याल रखें( उन्हें संक्रमण का अधिक खतरा है)  
संक्रमण की रोकथाम में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें

दिल्ली से फ़रियाद : कोरोना से बच भी गए तो पेट की भूख से कौन बचाएगा .??

विशाल कश्यप की रिपोर्ट 

भारत सहित कई देशों के लोग जहां कोरोना वायरस की माहमारी से जूज रहे। वही बिहार राज्य के सैकड़ों मजदूर मजदूरी करने राजधानी दिल्ली शहर में गए । लेकिन अचानक से कोरोना वायरस कि माहमारी के चलते लाँक डाउन कि स्थिति रहने के कारण प्रतिदिन कमाने खाने वालो सैकड़ों मजदूर रिक्शा चालक आँटो चालक, एंव कम्पनी में काम करने वाले मजदूरों की भूख मरी की नौबत आ चुकी है।दिल्ली के मसूदपुर विधानसभा क्षेत्र के बसंत कुंज में मूलरूप से बिहार के भागलपुर जिले के कदवा थाना क्षेत्र कदवा बगडी टोला के निवासी सभी फँसे व्यक्ति एक ही परिवार के सदस्य बताये जा रहे हैं जिनका नाम दयानंद यादव पिता शालो यादव उम्र 25 वष, विधानंद यादव पिता शालो यादव उम्र 22 वष, रामदेव यादव उम्र 45, छगुँली यादव पिता नागेश्वर यादव उम्र 35 वष,विनोद यादव पिता नागेश्वर यादव उम्र 30 वष, अनमोल यादव पिता नागेश्वर यादव उम्र 26 वष अशोक कुमार पिता मणि यादव उम्र 38 वष का भूख से बुरा हाल है।अब ना तो इनके पास राशन बचा है ना ही भाडे या खाने के लिए पैसा। और ऊपर से जिस किराए के मकान में वो रहते उससे भी मकानमालिको द्रारा झगडा कर समान सहित सभी सदस्यों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। बहुत विनती के बाद फिर से एक दो दिन में रुम खाली कर देने की शत पर फिर से उन्हें रूम में रहने दिया।अभी तक दिल्ली सरकार या बिहार राज्य सरकार कि तरफ से ऐसे फसे लोगों के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया गया है।पूरे देश को कोरोना वायरस कि माहमारी कि प्रकोप से बचाने के लिए प्रधानमंत्री ने देश में लाँक डाउन कर के एक अच्छा फैसला लिया है। लेकिन ऐसे फैसले लेने के बाद किसी भी सरकार या संगठनों कि नजर उन गरीब मजदूरों पर नहीं पडी जो दिन में कमाते तो उनका चूल्हा जलता नही तो इनकी ओर इनका परिवार पानी से ही पेट भर कर रह जाता। उनके लिए 21दिन का लाँक डाउन 21साल के बराबर लग रहा। ऐसे में राज्य सरकार को ये जरूर सोचना चाहिए उन गरीब मजदूरों के लिए कैसे ओर क्या व्यवस्था की जाए जिससे वो सही सलामत अपने घर पर इंतजार में आँखो बिछाई अपने परिजनों से मिल सके।जहाँ तक संभव हो इनकी मदद सरकार या प्रशासन को करनी चाहिए जिससे कि इनकी मौत भूख की वजह से होने से बच जाए। वहीं परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।पत्नी ने रोते हुए एक ही बात कह रही कि मेरे पति को कोई जल्द से जल्द मेरे पास भेज दे। उसके बाद वो यही मजदूरी कर लेगें लेकिन दिल्ली नही भेजेंगे। हमलोगों कही जा भी नहीं सकते जिससे कि किसी को आवेदन या जानकारी दे अवगत कराया जाए।परिजनों ने बताया कि कोई भी मेरी बात एसडीओ सर मुकेश कुमार को तक पहुँचा दे। जिससे कि मेरे पति एंव परिवार के सदस्य वहां से सकुशल घर आ सके।अब देखना ये होगा कि नवगछिया प्रशासन अधिकारीयों द्रारा या क्षेत्रीय नेता जी के द्रारा गरीब मजदूरों के लिए क्या उपाय किया जाता।

गुरुवार, 26 मार्च 2020

नवगछिया के अनुमंडल अस्प्ताल में 72 रोगियों की जांच, दो रेफर GS NEWS


नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में गुरूवार को कोविड 90 के 72 रोगियों की प्राथमिक जांच की गयी. जिसमें दो संदिग्धों को दूसरे चरण की जांच के लिए जेएलएनएमसीएच मायागंज रेफर किया गया.

नवगछिया : एक माह का वेतन देंगे मुख्यमंत्री राहत कोष में विधायक गोपाल मंडल GS NEWS


नवगछिया : जनता दल यूनाइटेड के विधानसभा के सचेतक सह गोपालपुर विधानसभा के विधायक नरेन्द्र कुमार नीरज उर्फ़ गोपाल मंडल ने अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का फैसला किया है और सचेतक होने के नाते पार्टी के अन्य विधायकों से भी इस संबंध में बात करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि कोरोना वाइरस पूरे विश्व के लिए गंभीर समस्या है ऐसे में एक-एक जनता को सुरक्षित रखना हमारी पहली प्राथमिकता है. देश के प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री लगातार आम जनता के हित में काम कर रहे हैं. कोरोना वाइरस से लड़ाई हमें सरकार का सहयोग करने की जरूरत है. इस वायरस से बचने का एकमात्र उपाय लाॅकडाउन है. सभी सरकारी कर्मचारियों को भी अपने एक महीने का वेतन राहत कोष में देना चाहिए. जनता सुरक्षित रहेगी तभी देश सुरक्षित रहेगा. अस्पतालों की स्थिति को और दूरस्थ करने की जरूरत है. पूलिस आम जनता को लाॅकडाउन का सख्ती से पालन करने के लिए जागरूक करें ना कि आम जनता पर अत्याचार करें. सभी राशन, सब्जी और दूध वालों से आग्रह है कि मानवता के नाते उचित मूल्य पर सामान बेंचे. वहीं जदयू जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार सिंह ने विधायक के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंनें कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के राहत पैकेज के कारण आम जनता को लाॅकडाउन के दौरान किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी. हम सब आम जनता को सहयोग करने के लिए तत्पर हैं. जदयू व्यवसायिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष शिव कुमार पंसारी ने भी विधायक के फैसले का स्वागत किया है. साथ सभी दुकानदारों से भी आम जनता को हर संभव सहयोग करने की अपील की है.

नवगछिया में आदेश व सख्ती के बाद भी सड़क पर मटरगश्ती करनें निकल रहे है लोग GS NEWS


नवगछिया : लॉकडॉन के घोषित होने के बाद भी नवगछिया शहर की सड़कों पर लोगों की भीड़ जमा हो जा रही है. सड़को पर अनावश्यक रूप से लोग आ जा रहे है. प्रशासन स्तर से लगातार लोगों को भीड़ नहीं लगाने एवं अपने अपने घरों में  रहने की अपील की जा रही है. लेकिन कुछ लोगों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है. गुरुवार को नवगछिया शहर में सुबह से लेकर दोपहर बाद तक लोग अपने अपने घरों में रहे. लेकिन शाम ढलते ही लोग घर से निकल गए. जिसके कारण शहर की सड़कों पर भीड़ जमा हो गई. नवगछिया के बुद्धिजीवी का कहना है कि अगर नवगछिया में लोगों का इसी तरह घर से निकलना और चौक चौराहे पर जमावड़ा करना लगा रहा तो कोरोना से लड़ना बहुत मुश्किल है. हमें  सरकार के नियमों का पालन करना चाहिए और अपने घर पर ही रहना चाहिए. स्थानीय लोगो ने पुलिस प्रशासन से सड़कों पर अनावश्यक भीड़ न हो इसको लेकर सख्ती बरतने की भी बात कही है. लोगों का कहना है कि प्रशासन के बिना सख्ती बरते लोग पर असर नहीं पड़ेगा. लोगों ने कहा कि भीड़ ने लगे इसको लेकर शहर की सभी दुकानें संध्या  पूर्ण रूप से बंद करने का आदेश जारी किया गया है. आदेश के बाद गुरुवार को शहर की सभी दुकानें बंद थी लेकिन इसके बावजूद भी लोग सड़क पर अनावश्यक रूप से घूम रहे थे.

- गैस की गाड़ी आने की सूचना मिलने पर जमा हो गई लोगों की भीड़


नवगछिया बाजार में गुरुवार को भारत गैस एजेंसी में गैस की गाड़ी आने की खबर मिलते ही गैस एजेंसीके कार्यालय में कार्यालय खुलते ही गैस सिलेंडर लेने के लिए उपभोक्ताओ की भीड़ जमा हो गई. लोगों की भीड़ जमा होने के बाद इसकी सूचना पर नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रेम सागर उर्फ डब्लू यादव मौके पर पहुंचे जहां उन्होंने लोगों को दूरी बनाकर कतारबद्ध होने को कहा लेकिन इसके बावजूद भी लोग नहीं मान रहे थे. इस दौरान इसकी सूचना नवगछिया एसपी निधि रानी को मिली. सूचना मिलते ही एसपी ने नवगछिया थानाध्यक्ष को पुलिस बल के साथ स्थल पर भेज. जहां पुलिस की सख्ती के बाद लोग एक मोटर की दूरी बनाकर कतार में खड़े हुए और गैस सिलेंडर प्राप्त किया.


अखबार से नहीं फैलता है कोरोन, यह केवल अफवाह हैं - सुरक्षित है अखबार निश्चिंत होकर पढ़े : एसडीओ मुकेश कुमार GS NEWS

नवगछिया एसडीओ के नाम से अखबार बंद होने की सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाह को एसडीओ मुकेश कुमार ने खारिज कर दिया है. एसडीओ ने सोशल मीडिया पर जारी किए गए अपील को गलत ठहराया है. उन्होंने कहा कि अखबार बंद नहीं है. सोशल मीडिया पर हमने भी वह पोस्ट देखा है उसमें लिखा हुआ है कि अखबार का प्रयोग नहीं करें लेकिन ऐसा नहीं हैं। ये गलत तरीके से प्रचारित है. अखबार का प्रयोग बिल्कुल सुरक्षित है. कोरी वायरस से उसका कोई लेनादेना नहीं है. अखबार का प्रकाशन ऑटोमेटिक तरिके से सेनेटिलाईज कर होता है. अखबार के सनेटिलाईज होने के बाद ही वितरण होता है. इसलिए अखबार का प्रयोग लोगों को बंद करने की आवश्यकता नहीं है. आज के समय मे जब सभी लोग अपने घर पर है ऐसी स्थिति में लोगों  को सूचनाओं के लिए अखबार एवं टेलीविजन की जरूरत पड़ती हैं. इसके अलावा समय को पास करने के लिए लोगों को अखबार एवं टेलीविजन की जरूरत है ऐसी स्थिति में अखबार का प्रकाशन मुद्रण एवं वितरण सभी सुरक्षित है. वहीं उन्होंने कहा कि लोग सार्वजनिक अखबार नहीं पढ़े. एसडीओ ने कहा कि गांव घरों में ऐसा देखा जाता है कि एक ही अखबार पूरा मुहल्ला पढ़ता हैं. लोगों को इस चीज से बचने की जरूरत है.

नवगछिया में SDO और SDPO ने देर शाम संयुक्त रूप से किया गश्त - लोगों से कहा बेवहज घरों से बाहर नहीं निकलें GS NEWS


नवगछिया : गुरूवार को देर शाम नवगछिया के अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश कुमार और एसडीपीओ प्रवेंद्र भारती ने नवगछिया बाजार में घूम घूम कर लोगों को बेवजह घरों से नहीं निकलने की सलाह दी. एसडीओ ने कहा कि नवगछिया में पूरी तरह से लॉक डाउन का पालन किया जा रहा है. सभी दुकानों को नियम के अनुसार ही खोलने और बंद करने के लिए कहा गया है. कुछ अनावश्यक लोग बेवजह घूम रहे हैं. ऐसे लोगों को भी घरों से न निकलने को कहा गया है. अगर ऐसे लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आयेंगे तो कार्रवाई की जायेगी.

राजधानी दिल्ली में फंसे नवगछिया के दो सौ मजदूर- नहीं है खाने के इंतजामात, दो दिनों से भूखे हैं सभी - नहीं सुन रहा कोई - अपने अपने घर आना चाहते हैं सभी मजदूर GS NEWS


नवगछिया  : कोरोना वायरस कोविड 90 को लेकर अखिल भारतीय स्तर पर हुए लॉक डाउन में नवगछिया के विभिन्न गांवों के 200 मजदूर राजधानी दिल्ली के महरौली विधानसभा के वसंतकुंज मसूदपुर में फंसे हुए हैं. देर शाम मजदूरों ने एक वीडियो भेज कर गोसाईं गांव समाचार  को अपनी आप बीती बताते हुए पुन: नवगछिया आने की इच्छा व्यक्त की है. मजदूरों के फंसे होने की सूचना पर भाजपा नेता सह पूर्व सांसद अनिल कुमार यादव ने फोन कर मजदूरों का हाल चाल लिया है और सभी मजदूरों को नवगछिया लाने के लिए गृहमंत्रालय से बात चीत भी की है. अनिल यादव ने कहा है कि सभी मजदूर उनके घर के लोग हैं और सबों को वह व्यक्तिगत रूप से जानते हैं. जल्द से जल्द सबों को नवगछिया लाने का प्रयास शुरू कर दिया है.

 
तीन दिनों से भूखें है, न है पास में पैसे, अब मकान मालिक भी मकान खाली करने को लेकर दे रहा अल्टीमेटम

 

कदवा भरोसा सिंह टोला के शैलेंद्र पोद्दार ने कहा कि लॉक डाउन घोषित होते ही उनलोगों का काम बंद हो गया. वे लोग दिहाड़ी मजदूरी करते हैं और ठेकेदार के अंदर काम करते हैं. अब उनलोगों के पास पैसे भी नहीं है जिससे वे लोग राशन की व्यवस्था कर सकें. उपर से कोरोना को लेकर मकान मालिक जल्द से जल्द मकान खाली करने कह रहा है. वे लोग सड़क पर निकलते हैं तो पुलिस उनलोगों को मारपीट कर पुन: किराये के मकान में भेज देती है. दो सौ लोगों में एक सौ ऐसे लोग हैं जिनकी मजदूरी का पैसा अब तक ठेकेदार द्वारा भुगतान नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में सौ से भी अधिक लोग दो दिनों से भूखें हैं. यातायात का कोई भी साधन नहीं होने के कारण वे लोग लाचार और बेबस हैं. कई लोगों ने रोते हुए नवगछिया के जनप्रतिनिधियों से अपील किया है कि उनलोगों को जल्द से जल्द घर ले जाने की व्यवस्था करें अन्यथा कोरोना तो बाद में उनलोगों को मारेगा, उससे पहले उनलोगों की मौत भूख से हो जायेगी. तेतरी निवासी श्रवण साह, कदवा भरोसा सिंह टोला के बिजल साह, विक्की पोद्दार, वीरू पोद्दार, श्रीराम साह, मृत्युंजय शर्मा, शंकर साह, कैलाश साह, बगड़ी के प्रकाश साह, बद्री साह आदि लोग दिल्ली में फंसे हुए हैं.

कहते हैं पूर्व सांसद

पूर्व सांसद अनिल यादव ने कहा कि सभी मजदूर परेशानी में हैं. जल्द से जल्द सबों को नवगछिया लाने का इंतजाम किया जा रहा है. नि:संदेह वे सफल भी होंगे.  

मुंगेर : कोरोना संक्रमण के बीच नवजात की देखभाल पर भी दें ध्यान • बच्चे को समय पर स्तनपान कराना जरूरी • बच्चे को स्पर्श करने से पहले हाथों की करें अच्छे से सफ़ाई• नवजात को बीमार होने से बचाएं GS NEWS


कोरोनावायरस संक्रमण की ख़बरें हर तरफ से आ रही है. इस बीच सभी का ध्यान इस संक्रमण से बचाव का अधिक हो चुका है, जो जरुरी भी है. लेकिन ऐसे में नवजात की देखभाल भी उतना ही जरुरी हो जाता है. कोरोनावायरस को लेकर लॉकडाउन की स्थिति में नवजात की सेहत ख़राब होने पर चुनौतियाँ बढ़ सकती है. इस लिहाज से नवजात को बीमार होने से बचाने की भी अधिक जरूरत है ताकि लोगों को अपने नवजात को दिखाने के लिए अस्पताल जाने की नौबत नहीं आए. 

स्तनपान को रखें नियमित:

शिशु के लिए स्तनपान अमृत समान होता है. 6 माह तक केवल स्तनपान करने से शिशु कई गंभीर बीमारियों जैसे डायरिया एवं निमोनिया से बचा रहता है. साथ ही इससे शिशु के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास होता है. कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए नवजात देखभाल की जरूरत अधिक बढ़ जाती है. इसके लिए परिवार वालों को सावधानियां बरतने की जरूरत है ताकि नवजात को कोई भी संक्रमण ना हो सके. 

इन बातों का रखें विशेष देखभाल: 

अधिक से अधिक बार बच्चे को स्तनपान कराएँ 
स्तनपान कराने से पहले माताएं अपनी स्वच्छता का ख्याल रखें. हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोकर एवं साफ़ कपडे पहनकर ही बच्चे को स्तनपान कराएँ 
घर के किसी सदस्य में सर्दी, खाँसी या बुखार के लक्षण हों तो बच्चे को स्पर्श ना करें 
नवजात को गर्मी के कारण स्नान नहीं कराएँ 
बच्चे को साफ़ कपडा ही पहनाएं 
बच्चे को घर से बाहर नहीं ले जाएँ 

संक्रमण की स्थिति में माता बरतें सावधानी: 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोवीड-19 से संक्रमित माताओं द्वारा स्तनपान कराने से संक्रमण का प्रसार बच्चे तक नहीं होता है. लेकिन इसके लिए संक्रमित माता को विशेष ध्यान देने की जरूरत है. 
बेहतर श्वसन स्वच्छता के साथ सुरक्षित रूप से स्तनपान करें
अपनी नवजात शिशु की त्वचा को पकड़ कर रखें
अपने बच्चे के साथ एक अलग कमरा साझा करें 
अपने बच्चे को छूने से पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छी तरह साफ़ करें 
स्पर्श करने वाले सभी सतहों की भी नियमित सफाई करें 

बेहतर देखभाल कम करेगी आपकी चुनौती: 

कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर देश के सभी राज्यों में लॉकडाउन की घोषणा की गयी है. इसलिए यदि ऐसी स्थिति में आपके नवजात की सेहत बिगडती है तब समस्या बढ़ सकती है. इसके लिए जरुरी है कि नवजात की घर पर ही अच्छे से देखभाल की जाए. इसमें स्तनपान के साथ कंगारू मदर केयर एक प्रभावी उपाय हो सकता है. इससे नवजात में हाइपोथर्मिया की समस्या से भी निज़ात मिलेगा एवं कम वजन के बच्चों के वजन में भी वृद्धि होगी. यदि नवजात को डायरिया की भी समस्या होती है तब घबराने की जरूरत नहीं है. ऐसे में नवजात को स्तनपान कराते रहना चाहिए. 6 माह से कम उम्र के बच्चों को ऊपर से पानी या किसी और पेय पदार्थ को देने से बचना चाहिए. यदि तब भी डायरिया प्रबंधन नहीं हो पाए, तब चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए.

होम क्वारंटाइन को लेकर कार्यपालक निदेशक ने जारी किया दिशा-निर्देश• दूसरे देश या संक्रमित राज्य से लौटने वाले लोगों को 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन में रखने के निर्देश • होम क्वारंटाइन के दौरान जरुरी सावधानी बरतने की सलाह • बेहतर साफ़-सफाई एवं घर वालों से दूरी जरुरी GS NEWS


मुंगेर/ 26 मार्च: देश भर में कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार हाई अलर्ट पर है. राज्य में संक्रमण को रोकने के लिए कई स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं. जिसमें अधिक से अधिक संदिग्ध लोगों की स्क्रीनिंग एवं राज्य भर में आईसोलेशन वार्ड निर्माण शामिल है. इसी कड़ी में दूसरे देश या संक्रमित राज्यों से लौटे बिहार निवासियों के लिए 14 दिनों तक की होम क्वारंटाइन में रखे जाने का फैसला भी शामिल है. इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी जिला अधिकारी एवं सिविल सर्जन को पत्र लिखकर इसके विषय में विस्तार से दिशा निर्देश दिया है. पत्र में बताया गया है कि पूर्व में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय,  भारत सरकार द्वारा होम क्वारंटाइन से संबंधित दिशा-निर्देश की प्रति उपलब्ध करायी गयी थी. पत्र में बताया गया कि यदि कोई व्यक्ति भारत के बाहर से आया हो, विगत 14 दिनों में राज्य के बाहर से अथवा ऐसे क्षेत्रों से वापस आए है, जो कोवीड-19 से संक्रमित हो या ऐसे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हों अथवा कोवीड-19 संक्रमण वेक व्यक्ति के निवास स्थान के आस-पास चिन्हित क्लस्टर में रहते हों, तो ऐसे सभी लोगों को 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहने की जरूरत है. 

होम क्वारंटाइन में इन बातों का रखें ध्यान: 
पत्र के माध्यम से होम क्वारंटाइन के दौरान जरुरी बातों के ध्यान रखने की बात बताई गयी है. 
ऐसे संदिग्ध व्यक्ति को अपने घर में अपने परिवार से अलग हवादार कमरे में रहना चाहिए, जिसमें बाथरूम एवं टॉयलेट कमरे से ही जुड़ा हो. यदि किसी अन्य सदस्य को उसी कमरे में रहना पड़े तो 1 मीटर की दूरी जरुर बनायें 
मरीज को मास्क का प्रयोग करना है, जिसे प्रत्येक 6 से 8 घंटे के बाद बदलना है. मास्क को अच्छी तरह से निस्तारण करें 
ऐसे व्यक्ति हाथ की निरंतर साफ़-सफाई करें. इसके लिए हैण्ड वाश, साबुन या अल्कोहलयुक्त सेनेटाईजर का उपयोग करें 
ऐसे संदिग्ध व्यक्ति के इस्तेमाल किये कपडे को परिवार के अन्य कपड़ों से अलग डिटरजेंट से साफ़ करने के बाद एवं अलग से सूखा कर ही उपयोग में लाया जाना चाहिए 
ऐसे संदिग्ध व्यक्ति की देख-रेख के दौरान परिवार वालों को हमेशा 1 मीटर की दूरी बनाये रखना चाहिए 
संदिग्ध व्यक्ति के संपर्क में आए तथा उनके द्वारा उपयोग किये जा रहे सभी चीजें जैसे कपडे, बर्तन, सतह, टॉयलेट एवं कमरा आदि को ग्लोब्स पहनकर डिटरजेंट, डेटोल या लाईजोल से साफ़ करें. ग्लोब्स इस्तेमाल करने के बाद हाथों को अच्छी तरह से साफ कर लें 

घर में पीड़ित लोग संदिग्ध व्यक्ति से रहें दूर: 
संदिग्ध व्यक्ति से घर के बड़े बुजुर्ग, गर्भवती महिला, बच्चे, ह्रदय रोगी, मधुमेह रोगी, निमोनिया, दमा, किडनी एवं उच्च रक्तचाप से ग्रसित लोग दूर रहें. इनमें संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. होम क्वारंटाइन में रहने की अवधि 14 दिनों की निर्धारित की गयी है. लेकिन यदि इसके बीच में संदिग्ध की भेजी गयी सैंपल नेगेटिव नहीं आती है तब तक उन्हें होम क्वारंटाइन में रहना होगा. अगर कोई लक्षण जैसे कि बुखार, खाँसी, सर्दी, साँस लेने में तकलीफ़ महसूस हो तो तुरंत टोल फ्री नंबर 104 या जिले के जिला नियंत्रण कक्ष के नंबर पर कॉल कर चिकित्सकीय सलाह प्राप्त करें. 

होम क्वारंटाइन के दौरान ये न करें: 
किसी भी हालात में घर से बाहर नहीं निकलें और ना ही किसी समारोह में शामिल हों. यहाँ तक परिवार के सदस्यों से भी ना मिलें 
संदिग्ध व्यक्ति घर के किसी भी सामग्री को स्पर्श नहीं करें और ना ही घर के किसी अन्य सदस्य को ही छुएं 
घरेलू सामग्री जैसे बर्तन, कपडे, बेड आदि घर के किसी अन्य सदस्य द्वारा साझा नहीं करें 
हेमशा संदिग्ध व्यक्ति साफ़ कपडे का इस्तेमाल करें

बुधवार, 25 मार्च 2020

नवगछिया शहर में दूसरे दिन भी नगर पंचायत द्वारा किया गया सेनेटिलाईज GS NEWS


कोरोना वायरस के मद्देनजर नवगछिया नगर पंचायत द्वारा लगातार घर के खिड़की दरवाजे एवं दुकानों को सैनिटाइज करने के लिए छिड़काव किया जा रहा है। नवगछिया नगर पंचायत के अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रेमसागर उर्फ डब्लू यादव ने बताया कि बुधवार को नगर पंचायत के 4 वार्ड में सैनिटाइज का छिड़काव किया गया। गुरुवार से शहर में ब्लीचिंग पाउडर एवं  चुने का भी छिड़काव शुरू कर दिया जाएगा और साथ में साथ ही सैनिटाइज का भी छिड़काव जारी रहेगा। उन्होंने  लोगों से सरकार द्वारा घोषित लोकडाउन  के मध्य नजर  घर में रह कर कोरोना वायरस पर नियंत्रण करने में सहयोग करने की अपील की है।

नवगछिया में SDM एवं SDPO ने थौक विक्रेताओं के साथ की बैठक, दिए निर्देश कहा - आवश्यक वस्तु निर्धारित मूल्य पर बेचे दुकानदार, कालाबाजारी की शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई GS NEWS

नवगछिया अनुमंडल कार्यालय में कोरोना वायरस को लेकर एहतियात को लेकर नगर पंचायत क्षेत्र के खाद्यपदार्थ विक्रेताओं के साथ बुधवार को एसडीओ मुकेश कुमार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में एसडीपीओ प्रवेंद्र भारती एवं नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी संजीव कुमार, नगर अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रेम सागर उर्फ डब्लू यादव शामिल हुए। एसडीओ मुकेश कुमार ने बैठक के दौरान  सभी थोक विक्रेताओं को बताया कि लोकडॉन की घोषणा के बाद काफी संख्या में आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी की शिकायत हो रही है। लोगों के द्वारा बताया जा रहा है कि आलू, प्याज, आटा, चावल, तेल की कीमत दुकानदारों द्वारा अधिक मूल्य लिया जा रहा है। इस संदर्भ में अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि किसी भी परिस्थिति में आवश्यक वस्तुओं की अधिक कीमत नहीं ली जाएगी। अगर इस प्रकार का मामला प्रकाश में आता है तो संबंधित विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। एसडीओ ने  सभी दुकानदार अपने-अपने दुकान पर मूल्य एवं स्टाक उपलब्धता की सूची लगाने के निर्देश दिया है। बैठक के दौरान थोक विक्रेता रंजन केडिया एवं विनोद भगत द्वारा बताया गया कि थोक में आटा की उपलब्धता नहीं है। उपलब्ध होते हैं आपूर्ति कर दी जाएगी। कार्यपालक पदाधिकारी संजीव कुमार सुमन ने बताया कि लोग सब्जी खरीदने के लिए  बाहर आ जाते हैं। इससे भीड़ लगी रहती है। अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि कि  सब्जी विक्रेताओं के पास बैरिकेडिंग लगाकर एवं दूर दूरी बनाकर निर्धारित स्थानों पर  सब्जी की बिक्री करेंगे। ठेला के द्वारा प्रत्येक मोहल्ले में घर घर जाकर सब्जी की बिक्री की जाएगी। दवा दुकानदार अपने काउंटर के पास बैरिकेडिंग लगाएंगे ताकि लोग काउंटर के पास नहीं आए और दूरी से दवाई लेंगे। अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा यह भी बताया गया कि कोई भी दुकान नहीं खुले रहेंगे। कोई भी लोग  बाहर नहीं निकलेंगे। अगर कोई व्यक्ति बिना किसी कार्य के घर से बाहर निकलते हैं तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। किसी भी परिस्थिति में आवश्यक वस्तुओं की कलाबाजरी नहीं होगी। लोगों को उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तु उपलब्ध होगी।