नवगछिया में लॉक डाउन के वजह से मवेशी पालक की स्थिति काफी दयनीय हो गयी है. अनुमंडल में सभी मिठाई की दुकान एवं आने जाने वाले साधन बंद हो जाने के कारण किसान का दूध कोई भी दहियार लेने को नहीं आता है. जिसके वजह से पशुपालकों को जो भी दूध होता है वह दूध सिर्फ रोजाना लेने वाले ग्रामीण ही लेते हैं. बाकी सारा दूध रखा रह जाता है, जिसके वजह से दूध नहीं बिकने के कारण किसान बहुत दुखी है और दूध की कीमत में भी भारी गिरावट हो गई है. जहां दूध 40 से 45 रुपए किलो बिकता था वहीं आज 15 से ₹20 किलो में भी कोई दूध लेने वाला नहीं मिलता है.
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शुक्रवार, 27 मार्च 2020
नारायणपुर - खाधान्न कालाबाजारी के विरोध में डीलर के घर उपभोक्ता ने किया हंगामा GS.NEWS
नारायणपुर - सीओ, एमओ, थानाध्यक्ष ने जांच में स्टॉक में मिला पांच बोरा चावल एवं दो बोरी गेहूं मात्र
डीलर गिरफ्तार
नगड़पारा उत्तर पंचायत के नारायणपुर गॉव में शुक्रवार को डीलर द्वारा खाद्यान्न कालाबाजारी के विरोध में महिला, पुरुष उपभोक्ता ने जमकर हंगामा किया,उपभोक्ता का आरोप था कि डीलर राजकिशोर पासवान सभी से राशनकार्ड लेकर खाद्यान्न कालाबाजारी कर हमलोगों को टाल मटोल कर रहे हैं. ग्रामीणों की सुचना पर पहुंचे आपुर्ति पदाधिकारी अजीत कुमार सिंह, अंचलाधिकारी रामजपी पासवान, भवानीपुर थानाध्यक्ष नीरज कुमार, प्रमुख प्रतिनिधि मंटु यादव, मुखिया नरेंद्र कुमार घटनास्थल पर पहुंचे. जांच के क्रम में डीलर पदाधिकारी को चकमा देकर घर के पीछे मकई खेत के रास्ते फरार हो गए. इस दौरान ग्रामीण एवं भवानीपुर पुलिस डीलर को ढुंढने की मशक्कत की लेकिन असफल रहे. देर संध्या लगभग आठ बजे गुप्त सुचना पर सअनि सुभाष यादव पुलिस बल के साथ रायपुर गांव से डीलर को गिरफ्तार किया. पदाधिकारी द्वारा स्टॉक की जांच में मात्र 5 बोरी चावल, दो बोरी गेहूं, 39 लीटर किरासन पाया गया. आपुर्ति पदाधिकारी अजीत कुमार सिंह ने डीलर के खिलाफ कालाबाजारी के आरोप में लगभग 50 उपभोक्ता के बयान पर भवानीपुर ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराई. मुखिया नरेंद्र कुमार ने बताया कि पुर्व में भी डीलर ने आठ माह का गरीबों का नवाला 2013 में पदाधिकारी की मिलीभगत से गबन कर मुंह से छिन लिया था. थानाध्यक्ष नीरज कुमार ने बताया कि गिरफ्तार डीलर को शनिवार को स्वास्थ्य जांच के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जाएगा.
2.
मारपीट, प्राथमिकी
प्रतिनिधि नारायणपुर - भवानीपुर थाना क्षेत्र के कुशाहा गॉव में दो पक्षों में मारपीट को लेकर भवानीपुर पुलिस ने जख्मी रोहित शर्मा व भोला शर्मा का इलाज पीएचसी नारायणपुर में करवाया.कुशाहा निवासी जख्मी भोला शर्मा ने गॉव के ही रामबरण शर्मा, विजय शर्मा,लगीन शर्मा,भवेश शर्मा, राजीव शर्मा,राहुल शर्मा के विरुद्ध घर में घुसकर जबरन घर से पुरे परिजनों को गाली गलौज व मारपीट कर बाहर निकालने का आरोप लगाते हुए भवानीपुर ओपी में प्राथमिकी दर्ज की है. उक्त जानकारी थानाध्यक्ष नीरज कुमार ने दी.
नवगछिया - देश के कई हिस्सों में फंसे हैं नवगछिया के दो हजार से अधिक लोग GS.NEWS
कोरोना और भूख दोनों से लड़ रहे हैं जिंदगी की जंग
सबों की है इच्छा किसी तरह पहुंच जायें अपने गांव
दिल्ली, नोयडा, तेलंगाना, हरियाण में फंसे हैं कई मजदूर
देश के कई हिस्सों में नवगछिया के दो हजार से ज्यादा
मजदूर फंसे हुए हैं. शुक्रवार को बात सामने आयी है कि तेलंगाना, यूपी के
नोयडा और राजधानी दिल्ली के अलग अलग जगहों पर बड़ी संख्या में मजदूर अखिल
भारतीय लॉक डाउन में फंस गये हैं. सभी जगहों पर काम बंद हो गया है.
ठेकेदारों ने अपना पल्ला झार लिया है. ऐसी स्थिति में मजदूरों के समक्ष
सबसे बड़ी समस्या भोजन की समस्या है. ऐसे मजदूर एक तरफ भूख तो दूसरी तरफ
कोरोना वायरस से जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. सभी मजदूर अपने अपने घर आना
चाह रहे हैं लेकिन लॉक डाउन में कोई उपाय नहीं सूझ रहा है. शुक्रवार को
बड़ी संख्या में अलग अलग जगहों पर रहने वाले मजदूरों ने अपना वीडियो
नवगछिया के पुलिस पत्रकारों और प्रशासनिक पदाधिकारी, जनप्रतिनिधियों को
भेज कर सहयोग करने की अपील की है. दूसरी तरफ देश के अलग अलग हिस्सों में
फंसे मजदूरों के परिजन अनहोनी की आशंका से सहमे हुए हैं.
दिल्ली में फंसे मजदूरों के लिए पास में ही की गयी खाने की व्यवस्था
दिल्ली के महरौली विधानसभा के वसंतकुंज मसूदनपुर में फंसे नवगछिया के
कोसी पार कदवा, तेतरी और बगड़ी गांव के दो सौ मजदूरों के लिए दिल्ली
सरकार के एक शिविर में भोजन की व्यवस्था की गयी है. नवगछिया के पूर्व
सांसद अनिल कुमार यादव के पहल के बाद महरौली के स्थानीय प्रशासन ने कहा
कि जल्द ही लोगों की सुध ली जायेगी. इधर सभी मजदूर दिल्ली से नवगछिया आना
चाह रहे हैं. जिसके लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं हो पा रहा है.
तेलंगाना में फंसे मजदूरों को उपलब्ध करवाया गया भोजन
खरीक के तुलसीपुर और जमालदीपुर गांव के एक सौ से ज्यादा मजदूर फंसे हुए
थे. जब मजदूरों ने फेसबुक पर अपना वीडियो वायरल किया तो युवा राजद के
प्रदेश प्रवक्ता अरूण कुमार ने उक्त बातों से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी
यादव को अवगत कराया. नेता प्रतिपक्ष की पहल से वहां फंसे मजदूरों के लिए
भोजन और कोरोना से लड़ने के लिए संसाधनों की व्यवस्था की गयी है.
दिल्ली के लाजपत राय मार्केट, लाल किला के पास फंसे हैं पचगछिया के 116 मजदूर
दिल्ली के लाजपत राय मार्केट, लाल किला के पास फंसे हैं पचगछिया के 116
मजदूर लॉक डाउन के बाद से फंसे हुए हैं. सबों को रहने के लिए प्रयाप्त
जगह नहीं है. सबों ने एक वीडिया भेज कर नवगछिया के स्थानीय प्रशासन और
जनप्रतिनिधियों से मदद करने की गुहार लगायी है. फंसे मजदूर मो अफजल, मो
हामीद, मो अफरोज ने बताया कि यहां उनलोगों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या
भोजन और रहने की है. या तो दिल्ली सरकार उनलोगों के यहां रहने की समुचित
व्यवस्था करे या फिर नवगछिया भेजने की कृपा करे.
नोयडा में फंसे 50 से अधिक मजदूर
यूपी के नोयडा में 50 से अधिक मजदूर फंसे हुए हैं. मजदूरों ने स्थानीय
जनप्रतिनिधियों से बात कर मदद करने की गुहार लगायी लेकिन लेकिन कोई भी
लॉक डाउन के कारण कुछ भी कर पाने में सक्षम नहीं है. इधर हरियाणा के
सोनीपथ, यूपी के गोरखपुर में नवगछिया के मजदूरों के फंसे होने की बात
सामने आ रही है. रंगरा के जहांगीरपुर वैसी के तीस मजदूरों के भी दिल्ली
में फंसे होने की सूचना है.
भीख मांग कर खाने को मजबूर हैं यूपी में फंसे कदवा के ग्यारह मजदूर
लॉक डाउन में कदवा के और भी 11 मजदूर हरियाणा व यूपी में फंसे हुए हैं.
खैरपुर पंचायत के बिंदटोली गांव निवासी त्रिवेणी सिंह, सिकेन्दर मंडल व
विपिन मंडल के साथ कुल 6 मजदूर 21 मार्च को लोकमान तिलक एक्स से घर आ रहे
थे. लेकिन 22 मार्च को यूपी के इलाहाबाद में छौकी स्टेशन पर गाड़ी रुक
जाने पर वे लोग वहीं उतर गए. कहीं किसी प्रकार की साधन व्यवस्था नहीं
मिलने पर सभी लोग बगल के मस्का गांव पहुंच गए. जहां 5 दिन से लोग दूसरे
से मांग कर खा रहे हैं. नहीं मांगने पर भूखे बेचैन रहना पड़ता है. उधर
कदवा दियारा के बोड़वा टोला के सुबोध कुमार साह, रोशन कुमार साह, संतोष
साह व सोनू कुमार के साथ एक अन्य मजदूर हरियाणा के गुड़गांव में कपासीरा
बॉर्डर समीप करीब 1 सप्ताह से फंसे हुए हैं. काम बंद होने पर सभी को
ठेकेदार ने छुट्टी कर दिया है. पास में जो कुछ पैसे थे वह भी खाने पीने
में खत्म हो गया. सुबोध ने बताया मांग कर किसी तरह अपनी भूख मिटा रहे
हैं. यूपी में फंसे त्रिवेणी सिंह के साथ अन्य मजदूरों ने वीडियो जारी कर
नवगछिया पदाधिकारियों से मदद करने की मांग कर रहे हैं. बाहर फंसे हरियाणा
व यूपी में इन सभी मजदूरों को किसी प्रकार की मदद किसी द्वारा नहीं मिल
पा रही है.
नवगछिया बाजार में सुबह सात बजते ही शुरू हो जाती है जिंदगी की जद्दोजहद GS.NEWS
नवगछिया : दिनभर कर्फ्यू जैसा माहौल तो सुबह सात से दस बजे तक बाजारों में उमड़ पड़ती है भीड़
पुलिस की सख्ती के बावजूद भी तीन घंटे के लिये दुकान खोल देते हैं कई छोटे दुकानदार सुबह सात बजते ही नवगछिया में जिंदगी की जद्दोजहद शुरू हो जाती है. बाजार में आम दिनों की तरह ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है. किसी को राशन तो किसी को सब्जी लेना है तो कोई दवा लेने बाजार आता है. सात बजे से दस बजे तक लॉक डाउन का असर नहीं के बराबर रहता है. लेकिन 10:00 बजे के बाद लॉग डाउन पूरी तरह से प्रभावी हो जाता है. 7:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक नवगछिया बाजार में आने वाले अधिकांश लोग एक दूसरे से दूरी बनाकर नहीं के बराबर रहते हैं. इसका कारण है कि बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है और उस हिसाब से दुकान के आगे ना तो पर्याप्त जगह है और ना ही अतिरिक्त संसाधन. कुछ दुकानदारों ने ग्राहकों को दूरी बनाकर रखने के लिए गोल घेरा जरूर बनाया है लेकिन अधिकांश दुकानों पर स्थिति पूरी तरह से अव्यवस्थित रहता है. हालांकि इस दौरान नवगछिया बाजार में चप्पे-चप्पे पर पुलिस मौजूद रहती है लेकिन संसाधनों के अभाव में वह भी कुछ कर पाने में सक्षम नहीं रहते हैं.
कपड़ा पॉलिथीन तंबाकू के दुकान भी खुल जाते हैं
नवगछिया बाजार में सुबह 7:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक कई ऐसी दुकानें भी खुल जाती हैं जिन्हें सरकार द्वारा लॉक डाउन की अवधि तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है. ऐसे दुकानों में एक दो कपड़े के भी दुकान है जो कि नवगछिया के प्रतिष्ठित कपड़े की दुकानें हैं. इसके अलावा अधिकांश छोटे दुकानदार अपनी दुकानों को 3 घंटे के लिए खोलते हैं. कई छोटे दुकानदारों ने बताया कि 3 घंटे में अगर कुछ बिक्री हो जाती है तो उन लोगों के दिन भर की रोजी रोटी का खर्चा निकल जाता है इसलिए वह लोग नियमों का उल्लंघन करके दुकान खोल रहे हैं. नवगछिया बाजार के क्लीन नवगछिया ग्रीन नवगछिया के मीडिया प्रभारी अशोक केडिया ने बताया कि लॉक डाउन की अवधि लोगों को हर हालत दुकानों को बंद रखना होगा नहीं तो कोरना जैसी महामारी से नवगछिया भी पीड़ित हो जाएगा.
मायूस होकर घर लौटे तीन रिक्शा चालक
लॉक डाउन के कारण सबसे भयावह स्थिति बिहारी मजदूर और रिक्शा ठेला चलाने वाले लोगों की है. नवगछिया के वैशाली चौक पर 7:00 बजते ही तीन रिक्शा चालक सवारी का इंतजार करते दिख रहे थे. लेकिन तीनों को सवारी नहीं मिली जिसके कारण वे लोग मायूस होकर घर लौटे. रिक्शा चालकों ने बताया कि उनलोगों का घर तभी चलता है जब वह उनलोगों को भाड़ा मिलता है. लॉक डाउन के कारण रोजी रोटी पर आफत है. अभी तो पहले से जमा मामूली रकम से उन लोगों ने राशन लाया है लेकिन आगे दिन उन लोगों का गुजारा कैसे होगा यह उन लोगों के समझ से परे है. आजाद हिंद मोर्चा के अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने कहा कि बिहारी मजदूरों रिक्शा चालकों ठेला चालकों और समाज के हाशिए पर बैठे लोगों को मदद की जरूरत है. इस विपदा की घड़ी में सामाजिक संगठनों को भी आगे आना चाहिए. साथ ही सरकार द्वारा घोषित तय रकम और अनाज का वितरण जल्द से जल्द करना चाहिए.
कहते हैं थानाध्यक्ष
नवगछिया के थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर राज कपूर कुशवाहा ने कहा कि लॉक डाउन का हर संभव पालन किया जा रहा है. जो लोग लॉक डाउन का पालन नहीं करेंगे वह अब कार्रवाई के लिए तैयार रहें.
नवगछिया पुलिस के प्रयास से लुघियाना मे फंसें मजदूरों को मिली मदद GS.NEWS
गोपालपुर के रहने वाले कुछ मज़दूर और उनके परिवार लुधियाना पंजाब में फँसे हुए हैं. उनके पास खाने और रहने के लिए पर्याप्त साधन नहि हैं. फंसे
लोगों ने जब नवगछिया पुलिस से संपर्क किया तो नवगछिया पुलिस ने पंजाब पुलिस से संपर्क कर ऐसे लोगों के खाने और रहने का इंतजाम करा दिया है.
कहती है एसपी
नवगछिया की एसपी निधि रानी ने कहा है कि नवगछिया के जो भी मजदूर देश के
अलग अलग हिस्सों में फंसे हैं वे लोग नवगछिया पुलिस के अधिकृत नंबरों पर
सूचना करें.
मुंगेर : लॉकडाउन के दौरान नवजात की देखभाल में नहीं रहे कोई कसर • आशा का अवश्य रखें मोबाइल नंबर, बुखार व उल्टी पर दें सूचना• नियमित स्तनपान पर दें ध्यान • नवजात को बीमार लोगों से रखें दूर GS NEWS
मुंगेर, 27 मार्च। कोरोना संक्रमण व इसकी रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग जहां एक ओर पूरी सर्तकता से संदिग्ध मामलों की पुष्टि करने में लगा है, वहीं दूसरी ओर अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को भी मुहैया कराने में भी कोई कमी नहीं है. जिला के सदर सहित प्राथमिक अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मचारी पूरी मुस्तैदी से प्रसव कराने, नवजात शिशुओं की देखभाल करने व उनसे जुड़ी सभी आपात स्थितियों से सामना करने के लिए तैयार है. प्रसूति व उसके परिवार को नवजात की देखभाल के बारे में बारीक से बारीक जानकारी दी जा रही है, इस लॉकडाउन की स्थिति में परिवार के सदस्यों को बहुत अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं हो.
सदर पीएचसी के चिकित्सक डॉ सुनील झा ने बताया कोरोना संक्रमण को लेकर कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है ताकि नवजात को लेकर अस्पताल न भटकना पड़े. वर्तमान हालात में सभी अस्पताल आने से बच रहें तो बेहतर है घर पर उसकी इस प्रकार देखरेख की जाये कि वह बीमार नहीं पड़े. माता नियमित रूप से अपने बच्चे को स्तनपान कराये और भीड़ भाड़ वाली जगहों से बचें. नवजात के साथ घर में एकांत रहना भी वर्तमान समय की मांग है. इसके साथ मां व्यक्तिगत व नवजात की साफ सफाई का ध्यान रखे.
इन बातों का ध्यान जरूर रखें:
• सबसे पहले हाथों को साबुन से धोकर साफ कर लें और इसके बाद बच्चे को स्तनपान करायें. स्तनपान रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी प्रसूति से नियमित स्तनपान की सलाह दे रहे हैं. ऐसे समय में भी माताएं बिना डरे शिशु को नियमित स्तनपान जरूर करायें.
• नवजात की साफ सफाई समय समय पर करते रहें. साफ सफाई किसी भी प्रकार के संक्रमण को रोकता है. नवजात के नैपकिन को बदलते रहें. अधिक देर तक नैपकिन के गीला रहने से उसे संक्रमण हो सकता है. सूती कपड़ों का इस्तेमाल बेहतर है.
• नवजात शिशु को सुबह के समय गुनगुनी धूप में लेकर 15 मिनट तक जरूर बैंठे. धूप से बच्चे का इम्यून सिस्टम भी मजबूत होत है. जांडिस वाले शिशु के लिए सुबह की धूप काफी लाभदायक है. धूप से नवजात शिशुओं को विटामिन-डी मिलता है. यह हड्डियों के विकास के लिए जरूरी है. इससे उसकी वजन व लंबाई बढ़ती है.
• यदि घर में सामान्य सर्दी, खांसी व बुखार के मरीज हो तो भी मां उनसे दूर रहने की पूरी कोशिश करें. नवजात को भी दूर रखने में ही भलाई है. सर्दी जुकाम वाले पास पड़ोस के दूसरे लोगों को भी प्रसूति व बच्चे के बहुत करीब नहीं आने दें. प्रसूति कच्चे व अधपके मांस का सेवन से पूरी तरह बचें.
कोरोना संक्रमण को नहीं होने दे मस्तिष्क पर हावी, मानसिक स्वास्थ्य का रखें पूरा ख्याल • भविष्य को मुंगेर : सोचकर घबराने से बचें • जागरूकता और सही जानकारी से जोड़ें नाता • शारीरिक रूप से सक्रिय रहें एवं संतुलित आहार का करें सेवन • आम लोग, संक्रमित एवं स्वास्थ्य कर्मी सभी के लिए बेहतर मानसिक स्वास्थ्य जरुरी GS NEWS
मुंगेर/ 27 मार्च। कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर भविष्य में होने वाली अनिश्चितता की चिंता, सामान्य सर्दी, खाँसी या बुखार होने पर डर, संक्रमण होने पर अलग-थलग रहने का भय जैसी बातें यदि आपके दिमाग में चल रही हो तो सावधान जो जायें. यह आपको मानसिक रूप से अस्वस्थ कर सकता है. इससे आपका मानसिक स्वास्थ्य काफ़ी प्रभावित हो सकता है. विश्व भर में कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण जन सुमदाय के मन में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं, जो उन्हें मानसिक रूप से परेशान भी कर रहे हैं. चाहे आम लोग, संक्रमित व्यक्ति या कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव में जुटे स्वास्थ्य कर्मी की बात हो, सभी को ऐसे माहौल में सकारात्मक सोच रखने की जरूरत है. बढ़ते संक्रमण के कारण भावनात्मक एवं व्यावाहरिक प्रतिक्रिया लाजिमी है. लेकिन अत्यधिक नकारत्मक प्रतिक्रिया आपके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल सकता है. इसको लेकर पुणे के डिपार्टमेंट ऑफ़ साइकाइट्री आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज ने विस्तार से दिशा-निर्देश जारी किया है.
आम व्यक्तियों में भावनात्मक एवं व्यावाहरिक प्रतिक्रियाएं:
कोरोनावायरस संक्रमण के कारण को लेकर आम व्यक्ति में कई तरह की भावनात्मक एवं व्यावाहरिक प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है.
• संक्रमण को लेकर भविष्य में होने वाली अनिश्चितिता के प्रति चिंता एवं अवसाद
• संक्रमण प्रसार को लेकर भय
• सामन्य खाँसी, सर्दी एवं बुखार होने पर संक्रमण का भय
• समाज के कुछ लोगों के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को लेकर गुस्सा एवं चिडचिडापन
• समाज में गैर-जिम्मेदार व्यवहार पर अनुचित ध्यान देना
संक्रमित व्यक्तियों को भी प्रतिक्रियों से बचने की जरूरत:
कोरोना संक्रमित व्यक्ति भी कई तरह के नकारत्मक विचारों से ग्रसित हो सकते हैं.
• संक्रमित होने के बाद अलगाव में रहने के डर के कारण रिपोर्टिंग से परहेज
• संक्रमित होने पर अनुचित अपराध बोध होना
• सबसे खराब संभावित परिणामों के बारे में चिंता और घबराहट
• खुद एवं परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता
संदिग्ध व्यक्तियों के क्वारंटाइन होने पर:
• ऊबन और अकेलापन
• परिवार के स्वास्थ्य को लेकर चिंता
• संक्रमण के शिकार की आशंका पर अपराध बोध
• महत्वपूर्ण समय में अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पाने का अपराध बोध
स्वास्थ्य कर्मियों को भी सजग रहने की जरूरत:
कोरोनावायरस संक्रमण से लोगों को बचाव करने में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों को भी अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखने की जरूरत है. उनके मन में भी संक्रमण को लेकर कई नकारत्मक प्रतिक्रियाएं आ सकती हैं, जो उन्हें हताश एवं परेशान कर सकती है.
• संक्रमण के बढ़ते मामलों एवं चुनौतीपूर्ण माहौल में कार्य करने पर चिंता का होना
• गंभीर रोगियों एवं मौतों के बीच अत्यधिक समय तक काम करने से उत्तेजित हो जाना
• कार्य के दौरान विफलता, हताशा, खराब देखभाल एवं चिड़चिड़ापन की भावना का आना
• कुछ बुरा होने के बारे में अनुचित चिंता, अवसाद, बुरे सपने आदि भी स्वास्थ्य कर्मियों को मानसिक रूप से परेशान कर सकते हैं
ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों को सचेत रहने की जरूरत है. अपने कार्य की स्पष्टता, कार्य के बीच थोडा अंतराल लेना, अपने खान-पान का ख्याल रखना, चाय एवं कॉफ़ी का सीमित इस्तेमाल कर ऐसे माहौल में अवसाद से स्वास्थ्य कर्मी बच सकते हैं.
बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए यह करें:
• भावना को स्वीकार करें एवं साझा करें
• कोरोना के विषय में विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें( विश्व स्वास्थ्य संगठन, सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार)
• अटकलों और अफवाहों से बचें
• हाथ की सफाई एवं सोशल डीसटेंसिंग को अपनाए
• शारीरिक रूप से सक्रिय रहें एवं संतुलित आहार लें
• बच्चों एवं पड़ोसियों के लिए रोल मॉडल बनें
• कार्य एवं अवकाश के बीच संतुलन बनायें
• बुजुर्गों का अधिक ख्याल रखें( उन्हें संक्रमण का अधिक खतरा है)
दिल्ली से फ़रियाद : कोरोना से बच भी गए तो पेट की भूख से कौन बचाएगा .??
विशाल कश्यप की रिपोर्ट
भारत सहित कई देशों के लोग जहां कोरोना वायरस की माहमारी से जूज रहे। वही बिहार राज्य के सैकड़ों मजदूर मजदूरी करने राजधानी दिल्ली शहर में गए । लेकिन अचानक से कोरोना वायरस कि माहमारी के चलते लाँक डाउन कि स्थिति रहने के कारण प्रतिदिन कमाने खाने वालो सैकड़ों मजदूर रिक्शा चालक आँटो चालक, एंव कम्पनी में काम करने वाले मजदूरों की भूख मरी की नौबत आ चुकी है।दिल्ली के मसूदपुर विधानसभा क्षेत्र के बसंत कुंज में मूलरूप से बिहार के भागलपुर जिले के कदवा थाना क्षेत्र कदवा बगडी टोला के निवासी सभी फँसे व्यक्ति एक ही परिवार के सदस्य बताये जा रहे हैं जिनका नाम दयानंद यादव पिता शालो यादव उम्र 25 वष, विधानंद यादव पिता शालो यादव उम्र 22 वष, रामदेव यादव उम्र 45, छगुँली यादव पिता नागेश्वर यादव उम्र 35 वष,विनोद यादव पिता नागेश्वर यादव उम्र 30 वष, अनमोल यादव पिता नागेश्वर यादव उम्र 26 वष अशोक कुमार पिता मणि यादव उम्र 38 वष का भूख से बुरा हाल है।अब ना तो इनके पास राशन बचा है ना ही भाडे या खाने के लिए पैसा। और ऊपर से जिस किराए के मकान में वो रहते उससे भी मकानमालिको द्रारा झगडा कर समान सहित सभी सदस्यों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। बहुत विनती के बाद फिर से एक दो दिन में रुम खाली कर देने की शत पर फिर से उन्हें रूम में रहने दिया।अभी तक दिल्ली सरकार या बिहार राज्य सरकार कि तरफ से ऐसे फसे लोगों के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया गया है।पूरे देश को कोरोना वायरस कि माहमारी कि प्रकोप से बचाने के लिए प्रधानमंत्री ने देश में लाँक डाउन कर के एक अच्छा फैसला लिया है। लेकिन ऐसे फैसले लेने के बाद किसी भी सरकार या संगठनों कि नजर उन गरीब मजदूरों पर नहीं पडी जो दिन में कमाते तो उनका चूल्हा जलता नही तो इनकी ओर इनका परिवार पानी से ही पेट भर कर रह जाता। उनके लिए 21दिन का लाँक डाउन 21साल के बराबर लग रहा। ऐसे में राज्य सरकार को ये जरूर सोचना चाहिए उन गरीब मजदूरों के लिए कैसे ओर क्या व्यवस्था की जाए जिससे वो सही सलामत अपने घर पर इंतजार में आँखो बिछाई अपने परिजनों से मिल सके।जहाँ तक संभव हो इनकी मदद सरकार या प्रशासन को करनी चाहिए जिससे कि इनकी मौत भूख की वजह से होने से बच जाए। वहीं परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।पत्नी ने रोते हुए एक ही बात कह रही कि मेरे पति को कोई जल्द से जल्द मेरे पास भेज दे। उसके बाद वो यही मजदूरी कर लेगें लेकिन दिल्ली नही भेजेंगे। हमलोगों कही जा भी नहीं सकते जिससे कि किसी को आवेदन या जानकारी दे अवगत कराया जाए।परिजनों ने बताया कि कोई भी मेरी बात एसडीओ सर मुकेश कुमार को तक पहुँचा दे। जिससे कि मेरे पति एंव परिवार के सदस्य वहां से सकुशल घर आ सके।अब देखना ये होगा कि नवगछिया प्रशासन अधिकारीयों द्रारा या क्षेत्रीय नेता जी के द्रारा गरीब मजदूरों के लिए क्या उपाय किया जाता।
गुरुवार, 26 मार्च 2020
नवगछिया : एक माह का वेतन देंगे मुख्यमंत्री राहत कोष में विधायक गोपाल मंडल GS NEWS
नवगछिया : जनता दल यूनाइटेड के विधानसभा के सचेतक सह गोपालपुर विधानसभा के विधायक नरेन्द्र कुमार नीरज उर्फ़ गोपाल मंडल ने अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का फैसला किया है और सचेतक होने के नाते पार्टी के अन्य विधायकों से भी इस संबंध में बात करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि कोरोना वाइरस पूरे विश्व के लिए गंभीर समस्या है ऐसे में एक-एक जनता को सुरक्षित रखना हमारी पहली प्राथमिकता है. देश के प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री लगातार आम जनता के हित में काम कर रहे हैं. कोरोना वाइरस से लड़ाई हमें सरकार का सहयोग करने की जरूरत है. इस वायरस से बचने का एकमात्र उपाय लाॅकडाउन है. सभी सरकारी कर्मचारियों को भी अपने एक महीने का वेतन राहत कोष में देना चाहिए. जनता सुरक्षित रहेगी तभी देश सुरक्षित रहेगा. अस्पतालों की स्थिति को और दूरस्थ करने की जरूरत है. पूलिस आम जनता को लाॅकडाउन का सख्ती से पालन करने के लिए जागरूक करें ना कि आम जनता पर अत्याचार करें. सभी राशन, सब्जी और दूध वालों से आग्रह है कि मानवता के नाते उचित मूल्य पर सामान बेंचे. वहीं जदयू जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार सिंह ने विधायक के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंनें कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के राहत पैकेज के कारण आम जनता को लाॅकडाउन के दौरान किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी. हम सब आम जनता को सहयोग करने के लिए तत्पर हैं. जदयू व्यवसायिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष शिव कुमार पंसारी ने भी विधायक के फैसले का स्वागत किया है. साथ सभी दुकानदारों से भी आम जनता को हर संभव सहयोग करने की अपील की है.
नवगछिया में आदेश व सख्ती के बाद भी सड़क पर मटरगश्ती करनें निकल रहे है लोग GS NEWS
नवगछिया : लॉकडॉन के घोषित होने के बाद भी नवगछिया शहर की सड़कों पर लोगों की भीड़ जमा हो जा रही है. सड़को पर अनावश्यक रूप से लोग आ जा रहे है. प्रशासन स्तर से लगातार लोगों को भीड़ नहीं लगाने एवं अपने अपने घरों में रहने की अपील की जा रही है. लेकिन कुछ लोगों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है. गुरुवार को नवगछिया शहर में सुबह से लेकर दोपहर बाद तक लोग अपने अपने घरों में रहे. लेकिन शाम ढलते ही लोग घर से निकल गए. जिसके कारण शहर की सड़कों पर भीड़ जमा हो गई. नवगछिया के बुद्धिजीवी का कहना है कि अगर नवगछिया में लोगों का इसी तरह घर से निकलना और चौक चौराहे पर जमावड़ा करना लगा रहा तो कोरोना से लड़ना बहुत मुश्किल है. हमें सरकार के नियमों का पालन करना चाहिए और अपने घर पर ही रहना चाहिए. स्थानीय लोगो ने पुलिस प्रशासन से सड़कों पर अनावश्यक भीड़ न हो इसको लेकर सख्ती बरतने की भी बात कही है. लोगों का कहना है कि प्रशासन के बिना सख्ती बरते लोग पर असर नहीं पड़ेगा. लोगों ने कहा कि भीड़ ने लगे इसको लेकर शहर की सभी दुकानें संध्या पूर्ण रूप से बंद करने का आदेश जारी किया गया है. आदेश के बाद गुरुवार को शहर की सभी दुकानें बंद थी लेकिन इसके बावजूद भी लोग सड़क पर अनावश्यक रूप से घूम रहे थे.
- गैस की गाड़ी आने की सूचना मिलने पर जमा हो गई लोगों की भीड़
नवगछिया बाजार में गुरुवार को भारत गैस एजेंसी में गैस की गाड़ी आने की खबर मिलते ही गैस एजेंसीके कार्यालय में कार्यालय खुलते ही गैस सिलेंडर लेने के लिए उपभोक्ताओ की भीड़ जमा हो गई. लोगों की भीड़ जमा होने के बाद इसकी सूचना पर नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रेम सागर उर्फ डब्लू यादव मौके पर पहुंचे जहां उन्होंने लोगों को दूरी बनाकर कतारबद्ध होने को कहा लेकिन इसके बावजूद भी लोग नहीं मान रहे थे. इस दौरान इसकी सूचना नवगछिया एसपी निधि रानी को मिली. सूचना मिलते ही एसपी ने नवगछिया थानाध्यक्ष को पुलिस बल के साथ स्थल पर भेज. जहां पुलिस की सख्ती के बाद लोग एक मोटर की दूरी बनाकर कतार में खड़े हुए और गैस सिलेंडर प्राप्त किया.
अखबार से नहीं फैलता है कोरोन, यह केवल अफवाह हैं - सुरक्षित है अखबार निश्चिंत होकर पढ़े : एसडीओ मुकेश कुमार GS NEWS
नवगछिया एसडीओ के नाम से अखबार बंद होने की सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाह को एसडीओ मुकेश कुमार ने खारिज कर दिया है. एसडीओ ने सोशल मीडिया पर जारी किए गए अपील को गलत ठहराया है. उन्होंने कहा कि अखबार बंद नहीं है. सोशल मीडिया पर हमने भी वह पोस्ट देखा है उसमें लिखा हुआ है कि अखबार का प्रयोग नहीं करें लेकिन ऐसा नहीं हैं। ये गलत तरीके से प्रचारित है. अखबार का प्रयोग बिल्कुल सुरक्षित है. कोरी वायरस से उसका कोई लेनादेना नहीं है. अखबार का प्रकाशन ऑटोमेटिक तरिके से सेनेटिलाईज कर होता है. अखबार के सनेटिलाईज होने के बाद ही वितरण होता है. इसलिए अखबार का प्रयोग लोगों को बंद करने की आवश्यकता नहीं है. आज के समय मे जब सभी लोग अपने घर पर है ऐसी स्थिति में लोगों को सूचनाओं के लिए अखबार एवं टेलीविजन की जरूरत पड़ती हैं. इसके अलावा समय को पास करने के लिए लोगों को अखबार एवं टेलीविजन की जरूरत है ऐसी स्थिति में अखबार का प्रकाशन मुद्रण एवं वितरण सभी सुरक्षित है. वहीं उन्होंने कहा कि लोग सार्वजनिक अखबार नहीं पढ़े. एसडीओ ने कहा कि गांव घरों में ऐसा देखा जाता है कि एक ही अखबार पूरा मुहल्ला पढ़ता हैं. लोगों को इस चीज से बचने की जरूरत है.
नवगछिया में SDO और SDPO ने देर शाम संयुक्त रूप से किया गश्त - लोगों से कहा बेवहज घरों से बाहर नहीं निकलें GS NEWS
नवगछिया : गुरूवार को देर शाम नवगछिया के अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश कुमार और एसडीपीओ प्रवेंद्र भारती ने नवगछिया बाजार में घूम घूम कर लोगों को बेवजह घरों से नहीं निकलने की सलाह दी. एसडीओ ने कहा कि नवगछिया में पूरी तरह से लॉक डाउन का पालन किया जा रहा है. सभी दुकानों को नियम के अनुसार ही खोलने और बंद करने के लिए कहा गया है. कुछ अनावश्यक लोग बेवजह घूम रहे हैं. ऐसे लोगों को भी घरों से न निकलने को कहा गया है. अगर ऐसे लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आयेंगे तो कार्रवाई की जायेगी.
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